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छत्तीसगढ़ लिंचिंग: तीसरे पीड़ित की भी मौत, 10 दिन में कोई गिरफ्तारी नहीं

छत्तीसगढ़ लिंचिंग: तीसरे पीड़ित की भी मौत, 10 दिन में कोई गिरफ्तारी नहीं

छत्तीसगढ़ में दस दिन पहले मवेशियों को ले जा रहे तीन कारोबारियों को पीटा गया था जिसमें से 2 की मौत उसी दिन हो गई थी और एक कोमा में चला गया था। 

छत्तीसगढ़ लिंचिंग मामले में पीड़ित तीसरे शख्स की भी मौत हो गयी। दो पीड़ितों की उसी दिन मौत हो गई थी जिस दिन कथित तौर पर लिंचिंग की गई थी। तीसरे शख्स सद्दाम क़ुरैशी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों के अनुसार वह कोमा में था। लेकिन 10 दिनों तक ज़िंदगी और मौत से संघर्ष करने के बाद उसने भी दम तोड़ दिया। लेकिन इन दस दिनों में एक भी आरोपी को गिरफ़्तार नहीं किया जा सका है।

रिपोर्ट के अनुसार रायपुर में मवेशियों को ले जाते समय भीड़ द्वारा कथित तौर पर हमला किए गए तीन लोगों में से सद्दाम कुरैशी की मंगलवार को अस्पताल में मौत हो गई। इस मामले में वीडियो सामने आया था जिसमें सद्दाम को कहते सुना जा सकता है कि 14-15 लोगों ने उन पर हमला किया था, उनमें से दो को पीट-पीटकर मार डाला गया और उनके शवों को नीचे फेंक दिया गया। क़ुरैशी ने कहा था कि वह खुद को बचाने के लिए उसी पुल से कूद गया था। 

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार 15-20 गौरक्षकों को संदेह था कि ट्रक चालक गायों की तस्करी कर रहे थे और उन्होंने रायपुर से लगभग 70 किलोमीटर दूर महासमुंद-आरंग रोड पर पटेवा से ट्रक का पीछा किया। उन्होंने रात करीब 2-3 बजे के आसपास महानदी नदी पर एक पुल पर तीनों लोगों को रोकने के बाद उन पर हमला कर दिया। बताया जाता है कि सूचना मिलने के एक घंटे के अंदर पुलिस पहुंची थी। तब मारे गए दोनों लोगों में शामली के 35 वर्षीय गुड्डु खान और सहारनपुर के 23 वर्षीय चांद मिया खान थे।

सद्दाम कुरैशी बच गया था और उसको अस्पताल में भर्ती कराया गया था। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में कहा गया है कि रायपुर के श्री बालाजी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के डॉक्टरों के अनुसार, 23 वर्षीय युवक अपनी मौत तक कोमा में था। पुलिस ने पहले कहा था कि वे कुरैशी के बयान दर्ज करने के लिए उसके ठीक होने का इंतजार कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ पुलिस ने इस मामले में हत्या के प्रयास और गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया था। कुरैशी के रिश्तेदार शोएब ने कहा कि तीनों पर हमला किए जाने के दौरान उसे उसका फोन आया था।

अंग्रेज़ी अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार शोएब ने कहा, 'कुरैशी एक सहायक था। उसने फोन लगाया और फोन जेब में रख लिया। वह चिल्ला रहा था कि उसका हाथ और पैर टूट गया है। वह विनती कर रहा था, 'भैया पानी पिला दो एक घूंट। मारो मत बस पानी पिला दो'। शोएब ने कहा, 'हमने कुछ लोगों को उससे पूछते हुए भी सुना, 'कहाँ से लाए हो...छोड़ेंगे नहीं'। रिपोर्ट के अनुसार रायपुर (ग्रामीण) के अतिरिक्त एसपी कीर्तन राठौर ने पुष्टि की कि मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।

कुरैशी को 7 जून को सुबह 7 बजे बेहोशी की हालत में अस्पताल लाया गया था और वह बोल भी नहीं पा रहा था। जिस अस्पताल में कुरैशी का इलाज चल रहा था, उसके चिकित्सा अधीक्षक डॉ. दीपक जायसवाल ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, 'उसके मस्तिष्क के दाहिने हिस्से में गंभीर चोट लगी थी, जिसके कारण उसका सिर सूज गया था और रक्त संचार कम हो गया था। हमने उसके सिर पर डिकंप्रेसिव क्रेनिएक्टोमी सर्जरी की और गैस्ट्रो से संबंधित एक और सर्जरी की। उनकी पसलियों, कंधे, श्रोणि, बाएं हाथ और रीढ़ की हड्डी में भी कई फ्रैक्चर थे।'

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