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लखीमपुर खीरी मामले में अदालत में चार्जशीट दाखिल

लखीमपुर खीरी मामले में अदालत में चार्जशीट दाखिल

पुलिस ने चार्जशीट में तमाम वह तथ्य शामिल किए हैं जो इस मामले की जांच में बेहद अहम हैं। 

लखीमपुर खीरी मामले में पुलिस ने सोमवार को अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी है। यह चार्जशीट 5000 पन्नों की है। लखीमपुर खीरी मामले में मुख्य अभियुक्त आशीष मिश्रा के पिता केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी को लेकर सड़क से संसद तक काफी हंगामा हो चुका है। 

पुलिस ने चार्जशीट में तमाम वह तथ्य शामिल किए हैं जो इस मामले की जांच में बेहद अहम हैं। चार्जशीट में आशीष मिश्रा को मुख्य अभियुक्त बनाया गया है। केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी लगातार इस बात को कहते रहे हैं कि वारदात के दौरान उनका बेटा वहां मौजूद नहीं था और वह दंगल के आयोजन स्थल पर था। 

आशीष मिश्रा ने भी इस बात को कहा था कि वह घटनास्थल पर मौजूद नहीं थे। लेकिन खबरों के मुताबिक चार्जशीट में इस बात का जिक्र किया गया है कि आशीष मिश्रा घटनास्थल पर मौजूद था और उसने फायरिंग की थी। आशीष मिश्रा के मामा वीरेंद्र शुक्ला को भी चार्जशीट में अभियुक्त बनाया गया है। चार्जशीट में कहा गया है कि वीरेंद्र शुक्ला किसानों को रौंदने वाली गाड़ियों के काफिले में शामिल स्कॉर्पियो कार में मौजूद था। चार्जशीट के मुताबिक इस मामले में कुल 14 लोग अभियुक्त हैं।

इस मामले में जांच के लिए बनी एसआईटी ने बीते महीने कहा था कि यह घटना किसानों की हत्या करने की सोची-समझी साजिश थी। 

लखीमपुर खीरी की घटना में किसानों को गाड़ियों से रौंद दिया गया था। घटना में कुल 8 लोगों की मौत हुई थी, जिसमें से 4 किसान भी हैं। किसानों के साथ ही बीजेपी के तीन कार्यकर्ताओं शुभम मिश्रा, श्याम सुंदर निषाद और हरि ओम मिश्रा की भी भीड़ ने जान ले ली थी। एक पत्रकार की भी मौत इस घटना में हुई थी। 

फंस गई बीजेपी 

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले टेनी की बर्खास्तगी के मुद्दे पर बीजेपी बुरी तरह फंस गई है। टेनी का इस्तीफा लेने से उसे ब्राह्मण मतदाताओं की नाराजगी का डर है तो इस्तीफा न लेने पर विपक्ष के द्वारा इसे बड़ा मुद्दा बनाने से वह परेशान है। 

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी, एआईएमआईएम सहित तमाम दलों और किसान संगठनों ने केंद्र सरकार से जल्द से जल्द टेनी को बर्खास्त करने की मांग की थी। 

टेनी का इस्तीफ़ा लेने से क्या कहीं कोई सियासी डैमेज हो सकता है, इस बात का आकलन भी बीजेपी हाईकमान कर रहा है। 

लेकिन इतना तय है कि आने वाले कुछ दिनों तक टेनी की बर्खास्तगी उत्तर प्रदेश में एक बड़ा मुद्दा रहेगी।

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