आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष को आख़िरकार सीबीआई ने गिरफ़्तार कर लिया। उनपर संस्थान से जुड़े भ्रष्टाचार के आरोप हैं। सीबीआई उनसे दो सप्ताह से अधिक समय से पूछताछ कर रही थी। इसी अस्पताल में एक जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की घटना के बाद संदीप घोष सुर्खियों में आए और फिर इनके ख़िलाफ़ वित्तीय गड़बड़ियों के आरोप लगे।
सीबीआई ने आरजीकर मेडिकल कॉलेज में वित्तीय घपले के संबंध में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के साथ-साथ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और बेईमानी के आरोप लगाए हैं। ये मामले संज्ञेय अपराध हैं और गैर-जमानती हैं।
घोष से साल्ट लेक स्थित सीबीआई के सीजीओ कॉम्प्लेक्स कार्यालय में सोमवार को पूछताछ की गई। इसके बाद उन्हें भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (सीबीआई) द्वारा निजाम पैलेस कार्यालय ले जाया गया, जहां गिरफ्तारी की प्रक्रिया पूरी की गई।
कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश पर केंद्रीय जाँच एजेंसी ने कोलकाता पुलिस के विशेष जांच दल यानी एसआईटी से जांच अपने हाथ में लेने के बाद प्राथमिकी दर्ज की थी। सीबीआई बलात्कार और हत्या के मामले की जाँच कर रही है। इसी दौरान कथित भ्रष्टाचार का मामला सामने आने पर संदीप घोष से पूछताछ शुरू हुई।
घोष ने फरवरी 2021 से सितंबर 2023 तक आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के प्रिंसिपल के रूप में कार्य किया। अक्टूबर 2023 में स्थानांतरित होने के बावजूद वह अप्रत्याशित रूप से एक महीने के भीतर अस्पताल में अपनी भूमिका में लौट आए।
संदीप घोष उस दिन तक अस्पताल में पद पर बने रहे जब अस्पताल के एक सेमिनार हॉल के अंदर प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ बेरहमी से बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई।
9 अगस्त को उसका अर्ध-नग्न शव मिला, जिसके बाद देश भर में विरोध प्रदर्शन हुए और पश्चिम बंगाल में हिंसा भी हुई। कोलकाता पुलिस के सिविल वॉलंटियिर संजय रॉय को इस क्रूर बलात्कार-हत्या के सिलसिले में गिरफ़्तार किया गया है।
इसके अलावा, संदीप घोष को भी कोलकाता पुलिस ने उस प्रशिक्षु डॉक्टर की पहचान उजागर करने के लिए तलब किया है, जिसका बलात्कार और हत्या की गई थी। भारतीय चिकित्सा संघ ने भी प्रशिक्षु डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले में अनुशासन समिति द्वारा संज्ञान लिए जाने के बाद डॉ. संदीप घोष की सदस्यता निलंबित कर दी है।