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बुलडोजर न्याय पर सीएम योगी- अखिलेश में जुबानी जंग, एक दूसरे को क्या कहा?

बुलडोजर न्याय पर सीएम योगी- अखिलेश में जुबानी जंग, एक दूसरे को क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर न्याय पर सरकार को काफी कुछ सुनाया और निर्देश दिया कि अगर कोई दोषी भी है तो भी उसका घर नहीं तोड़ा जा सकता। बुलडोजर का सबसे गलत इस्तेमाल भाजपा शासित राज्यों में मुस्लिमों की प्रॉपर्टी पर हुआ। शुरुआत यूपी से हुई थी। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मंगलवार और बुधवार को जहां सीएम योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा, वही योगी अपनी बुलडोजर नीति को सही ठहराते रहे। 

यूपी में बुलडोजर के विवादास्पद इस्तेमाल को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव के बीच तीखी जुबानी जंग छिड़ गई है। यह जुबानी जंग मंगलवार से शुरू होकर बुधवार को जारी रही। सोमवार को बुलडोजर न्याय पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया था। मंगलवार को अखिलेश ने टिप्पणी की तो जवाब में योगी आदित्यनाथ बुधवार को बोले। बुधवार को फिर अखिलेश ने और भी तीखी टिप्पणियां कर दीं।

यह विवाद तब शुरू हुआ जब मंगलवार को पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने घोषणा की कि अगर 2027 में समाजवादी पार्टी सत्ता में आती है, तो राज्य के सभी बुलडोजर योगी आदित्यनाथ के गृह निर्वाचन क्षेत्र गोरखपुर की ओर मोड़ दिए जाएंगे। यादव के शब्द थे-  ''2027 में समाजवादी सरकार बनते ही पूरे प्रदेश का बुलडोजर गोरखपुर की ओर चल पड़ेगा।''

सपा प्रमुख ने बुलडोजर के इस्तेमाल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के हालिया बयान का जिक्र किया और योगी सरकार से अपने पिछले कार्यों के लिए माफी की मांग की। अखिलेश ने कहा- "आपने जानबूझकर उन लोगों पर बुलडोजर चलाया, जिनसे आप बदला लेना चाहते थे, उन्हें अपमानित करने के लिए...कल सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बुलडोजर का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। तो क्या सरकार अब तक चल रही बुलडोजर कार्रवाई के लिए माफी मांगेगी या नहीं?" 

बुलडोजर चलाने के लिए दिल-दिमाग चाहिएः योगी

बुधवार को जवाबी हमले में, योगी आदित्यनाथ ने यादव को जवाब दिया कि बुलडोजर चलाने के लिए साहस, बुद्धि और दृढ़ संकल्प की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि यादव में इन गुणों की कमी है। मुख्यमंत्री ने कहा- "हर किसी के हाथ बुलडोजर पर नहीं टिक सकते। इसके लिए 'दिल और दिमाग' दोनों की जरूरत होती है। केवल बुलडोजर जैसी क्षमता और दृढ़ संकल्प वाला व्यक्ति ही इसे चला सकता है। जो लोग दंगाइयों के सामने घुटने टेक देते हैं, वे बुलडोजर के सामने खड़े नहीं हो पाएंगे।" आदित्यनाथ ने सरकारी कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र वितरित करने के लिए एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही।

मुख्यमंत्री ने यादव पर निजी तौर पर कटाक्ष करते हुए उनके उपनाम 'टीपू' का जिक्र किया और सुझाव दिया कि वह अब 'सुल्तान' बनने की कोशिश कर रहे हैं। आदित्यनाथ ने सपा के पिछले शासन रिकॉर्ड पर हमला करते हुए दावा किया कि 2017 में भाजपा के सत्ता में आने से पहले उत्तर प्रदेश अराजकता से ग्रस्त था। उन्होंने अखिलेश यादव और उनके चाचा, शिवपाल यादव पर उनके कार्यकाल के दौरान जबरन वसूली में शामिल होने का आरोप लगाया। योगी ने कहा, 'चाचा-भतीजा' के बीच पैसे ऐंठने की होड़ के लिए उनके बीच क्षेत्र बांट दिए गए।' योगी ने कहा, "मैं देख रहा हूं कि इस समय कुछ आदमखोर भेड़िए विभिन्न जिलों में उत्पात मचा रहे हैं। कमोबेश यही स्थिति वर्ष 2017 से पहले राज्य में थी।"

बुलडोजर में दिमाग नहीं होताः अखिलेश

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को योगी को जवाब दिया-  जहां तक ​​दिल और दिमाग की बात है तो मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि बुलडोजर में दिमाग नहीं होता, वह स्टीयरिंग से चलता है। उत्तर प्रदेश की जनता किसी भी बुलडोजर का स्टीयरिंग बदल सकती है।

'योगी सीएम आवास का नक्शा पास कराएं'

अखिलेश यादव ने बुधवार को यह भी कहा-  ''...जो लोग दूसरों को बुलडोजर से डराते थे, जगह-जगह लोगों के घर गिरा देते थे, क्या उनके मुख्यमंत्री आवास का नक्शा स्वीकृत है? कब पास हुआ, बताओ कागज दिखाओ। जिन लोगों से आप बदला लेना चाहते थे, उन्हें अपमानित करने के लिए आपने जानबूझकर उन पर बुलडोजर चलाया। ''

चुनाव लड़ने की चुनौती दी

अखिलेश ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बुलडोजर पर चुनाव लड़ने की चुनौती भी बुधवार को दी। अखिलेश ने एक ट्वीट में कहाः 

अगर आप और आपका बुलडोज़र इतना ही सफल है तो अलग पार्टी बनाकर ‘बुलडोज़र’ चुनाव चिन्ह लेकर चुनाव लड़ जाइए। आपका भ्रम भी टूट जाएगा और घमंड भी। वैसे भी आपके जो हालात हैं, उसमें आप भाजपा में होते हुए भी ‘नहीं’ के बराबर ही हैं, अलग पार्टी तो आपको आज नहीं तो कल बनानी ही पड़ेगी।

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