रामपुर में फिर से कराया जाए चुनाव: अखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मांग की है कि रामपुर विधानसभा सीट पर फिर से चुनाव कराया जाना चाहिए। बताना होगा कि रामपुर सीट पर बीजेपी के प्रत्याशी आकाश सक्सेना ने जीत हासिल की है जबकि सपा के उम्मीदवार आसिम राजा को हार मिली है।
रामपुर को आजम खान का गढ़ माना जाता है और आजम इस सीट से 10 बार विधायक रह चुके हैं।
रामपुर सीट पर चुनाव प्रचार के दौरान भी समाजवादी पार्टी और आजम खान ने पुलिस-प्रशासन पर गुंडागर्दी करने का आरोप लगाया था और चुनाव आयोग से दखल देने की मांग की थी।
रामपुर में यह पहला मौका है जब कोई गैर मुस्लिम विधायक इस सीट से चुनाव जीतकर आया है।
अखिलेश यादव ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि योगी आदित्यनाथ सरकार यह नहीं चाहती थी कि आजम खान रामपुर सीट से चुनाव जीतें इसलिए सरकार ने रामपुर में इतनी फोर्स लगाई कि लोग वोट नहीं डाल पाए। उन्होंने कहा कि रामपुर सीट पर लोकसभा के उपचुनाव के दौरान भी प्रशासन ने वोट नहीं डालने दिया था।
बताना होगा कि कुछ महीने पहले हुए रामपुर लोकसभा के उपचुनाव में भी बीजेपी को जीत मिली थी।
अखिलेश यादव ने कहा कि जिन बूथों पर समाजवादी पार्टी को हमेशा ज्यादा वोट मिलते थे, वहां पर इस बार ज्यादा फोर्स लगा दी गई, उन्हें संवेदनशील घोषित किया गया लोग जब बाहर निकले तो उन्हें पीटा गया और घर में बंद कर दिया, कई लोगों के हाथ तोड़ दिए गए और गाली-गलौज की गई।
उन्होंने कहा कि अगर इन बातों को चुनाव आयोग नहीं देखेगा तो हम किस पर भरोसा करेंगे।
प्रशासन और पुलिस ने हराया
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनाव आयोग को निष्पक्ष होकर कार्रवाई करनी चाहिए। अखिलेश यादव ने कहा कि पार्टी की ओर से चुनाव आयोग को पत्र लिखकर कहा गया है कि रामपुर में चुनाव निष्पक्ष नहीं हुआ है और प्रशासन और पुलिस ने मिलकर चुनाव हराया है और फिर से चुनाव होना चाहिए।
बताना होगा कि साल 1977 के बाद यह पहला मौका था जब आज़म खान या उनके परिवार का कोई सदस्य इस सीट से चुनाव मैदान में नहीं उतरा था। रामपुर विधानसभा सीट को उत्तर प्रदेश में मोहम्मद आज़म खान के सियासी कद की वजह से ही जाना जाता है।
रामपुर में मिली जीत का बीजेपी ने जमकर प्रचार किया है और उसने यह संदेश देने की कोशिश की है कि उसने समाजवादी पार्टी के सबसे बड़े नेता के किले को ढहा दिया है। इस सीट पर जीत के लिए बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह ने काफी मेहनत की थी। हालांकि मतों की गिनती के दौरान 20 राउंड तक समाजवादी पार्टी आगे रही थी लेकिन उसके बाद उसके उम्मीदवार आसिम राजा पिछड़ते रहे और बीजेपी के प्रत्याशी आकाश सक्सेना को जीत मिली।
मैनपुरी में बड़ी जीत
समाजवादी पार्टी भले ही रामपुर में चुनाव हार गई हो लेकिन मैनपुरी लोकसभा सीट पर उसे बड़ी जीत मिली है। यहां पर समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार डिंपल यादव ने बीजेपी के उम्मीदवार रघुराज सिंह शाक्य को 2.80 लाख मतों के अंतर से हराया है।
इसके अलावा पश्चिम उत्तर प्रदेश की खतौली विधानसभा सीट पर भी समाजवादी पार्टी-राष्ट्रीय लोक दल को जीत हासिल हुई है और गठबंधन ने यह सीट बीजेपी से छीन ली है। इस सीट पर गठबंधन के उम्मीदवार मदन भैया ने बीजेपी की उम्मीदवार राजकुमारी सैनी को 33 हजार वोटों से शिकस्त दी है।