आंध्र प्रदेश में वोट की कीमत सस्ती शराब है। प्रदेश के बीजेपी अध्यक्ष सोमू विराजू का यही वायदा है।
बीजेपी के सांसद, विधायक और अन्य नेता इस समय अजीबोगरीब बयान देने में एक दूसरे से होड़ कर रहे हैं।
बीजेपी सांसद जनार्दन मिश्रा ने कहा था कि उन्हें 15 लाख तक के मामले भ्रष्टाचार के लगते ही नहीं है। यानी 15 लाख तक कोई भी बेईमानी करके खाये-कमाये, बीजेपी सांसद की नजर में सब माफ है।
लेकिन आंध्र प्रदेश के बीजेपी अध्यक्ष तो सीधे वोट के बदले शराब सस्ते दामों पर पिलाने का वादा कर रहे हैं।
क्या कहा बीजेपी अध्यक्ष ने
आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में कल एक सभा में अध्यक्ष सोमू विराजू ने कहा कि अगर पार्टी को अगले विधानसभा चुनाव में एक करोड़ वोट मिले तो शराब सस्ती कर दी जाएगी। आपको यह 70 रुपये में मिलेगी। लेकिन हमारी सरकार आने पर राज्य की आमदनी बढ़ी तो हम आपको 50 रुपये में शराब पिला देंगे।
आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2024 में हैं।
विजयवाड़ा की जिस सभा में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सोमू विराजू के मुखारविंद से ये शब्द निकले उसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ नेता प्रकाश जावड़ेकर भी मौजूद थे।
प्रजा आग्रहा सभा (जनता का गुस्सा बताने के लिए सभा) का आयोजन मंगलवार को किया गया था। इसकी आयोजक प्रदेश बीजेपी थी।
दरअसल, आंध्र प्रदेश में वीएसआर कांग्रेस पार्टी की सरकार है। जगनमोहन रेड्डी प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। बीजेपी यहां अपनी सरकार चाहती है।
हालांकि जगनमोहन रेड्डी प्रधानमंत्री मोदी का विभिन्न मुद्दों पर समर्थन करते रहे हैं। लेकिन बीजेपी चूंकि वहां अपनी सरकार बनाने का सपना देख रही है तो वो तरह-तरह से कोशिश कर रही है।
इस सभा में प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि आंध्र प्रदेश में तेलगू देशम और वाईएसआरसीपी पार्टियों का परिवारवादी राज रहा है। इस वजह से यहां जबरदस्त भ्रष्टाचार है। बीजेपी की सरकार बनी तो वो इस परिवार राज और भ्रष्टाचार से छुटकारा दिलाएगी।
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सस्ती शराब पिलाने की बात करने वाले विराजू ने कहा कि सिर्फ बीजेपी ही जगनमोहन रेड्डी की सरकार गिरा सकती है। हम अगले चुनाव में हर हालत में अपनी सरकार बनाएंगे।
बीजेपी की बड़ी बात लेकिन प्रदर्शन मामूली
आंध्र प्रदेश में बीजेपी का कभी बेहतर प्रदर्शन नहीं रहा है।
पिछले यानी 2019 के विधानसभा चुनाव में जगनमोहन रेड्डी की पार्टी ने 175 सीटों में से 151 सीटें हासिल की थीं।
इस चुनाव में तेलगूदेशम को 23 सीटें मिली थीं।
बीजेपी को एक भी सीट नहीं मिली थी।
आंध्र प्रदेश कांग्रेस का गढ़ रहा है। वाईएसआर कांग्रेस दरअसल कांग्रेस से टूटकर ही बनी थी।
तेलगूदेशम एनडीए का हिस्सा रही है लेकिन बाद में बीजेपी की नीतियों की वजह से अलग हो गई थी।