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मोदी ने किया फोन, तब डिप्टी सीएम बनने के लिए राजी हुए फडणवीस

मोदी ने किया फोन, तब डिप्टी सीएम बनने के लिए राजी हुए फडणवीस

थोड़ी देर पहले ही सरकार से बाहर रहने की बात मीडिया के सामने कहने वाले फडणवीस अगर शिंदे की सरकार में डिप्टी सीएम बनने के लिए राजी हुए तो इसके पीछे कोई बड़ी बात जरूर थी। 

महाराष्ट्र की सियासत में बीते 3 दिन से यही सवाल पूछा जा रहा है कि आखिर पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस डिप्टी सीएम की शपथ लेने के लिए कैसे राजी हुए। अब यह जानकारी सामने आई है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद फडणवीस को दो बार फोन कर उनसे एकनाथ शिंदे की सरकार में शामिल होने के लिए कहा था। न्यूज़ एजेंसी एनआईए ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है।

बता दें कि महाराष्ट्र की सियासत में एकनाथ शिंदे व अन्य विधायकों की बगावत के बाद बीजेपी की सरकार बनने की संभावना प्रचंड हो गई थी। 

यह लगभग तय माना जा रहा था कि देवेंद्र फडणवीस ही अगली सरकार की अगुवाई करेंगे जबकि एकनाथ शिंदे उनकी सरकार में उपमुख्यमंत्री का पद संभालेंगे।

लेकिन ऐसा नहीं हुआ और एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री होंगे, इसका एलान खुद देवेंद्र फडणवीस ने किया। फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह तक कहा कि वह सरकार से बाहर रहेंगे और सरकार का पूरा समर्थन करेंगे। 

लेकिन इस एलान के थोड़ी देर बाद ही बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस को सरकार में शामिल होना चाहिए। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी सामने आए और उन्होंने ट्वीट कर बताया कि जेपी नड्डा के अनुरोध पर देवेंद्र फडणवीस ने एकनाथ शिंदे की सरकार में उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार कर लिया है। 

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इसके बाद देवेंद्र फडणवीस का ट्वीट आया कि वह पार्टी के आदेश का पालन करेंगे।

बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने एएनआई को बताया कि देवेंद्र फडणवीस को इस तरह का कोई निर्देश नहीं दिया गया था और कोई इस बारे में नहीं जानता था कि फडणवीस कहेंगे कि वह इस सरकार का हिस्सा नहीं होंगे। लेकिन उनके ऐसा कहने के बाद पार्टी नेतृत्व की ओर से उनसे इस फैसले पर विचार करने के लिए कहा गया।

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देवेंद्र फडणवीस 2014 से 2019 तक महाराष्ट्र जैसे बड़े प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं और ऐसे में निश्चित रूप से वह एकनाथ शिंदे की सरकार में उपमुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते थे और उन्होंने खुद भी इस बात को कहा था कि वह सरकार से बाहर रहेंगे। लेकिन जेपी नड्डा से लेकर अमित शाह और खुद प्रधानमंत्री मोदी के फोन आने के बाद फडणवीस भी इससे इनकार नहीं कर सके। 

नंबर दो की कुर्सी 

लेकिन एक संदेश उन्होंने जरूर दिया कि वह सरकार में नंबर दो की कुर्सी नहीं चाहते थे। निश्चित रूप से फडणवीस जब राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं तो वह किसी सरकार में उपमुख्यमंत्री नहीं रहना चाहते होंगे। एकनाथ शिंदे के डिप्टी मंत्री बनने से फडणवीस का जो कद महाराष्ट्र की सियासत में है, उस पर थोड़ा बहुत असर हो सकता है। 

लेकिन बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व यह नहीं चाहता था कि दूसरे राजनीतिक दल से आने वाले एकनाथ शिंदे की सरकार में बीजेपी की पकड़ ना हो और वह भी तब जब नई सरकार उसके ही समर्थन से बने। 

इसलिए उसने अपने बड़े नेता फडणवीस को इस बात के लिए मनाया कि वह शिंदे की सरकार में उप मुख्यमंत्री बनें। ऐसा होने से राज्य सरकार पर बीजेपी की पकड़ भी मजबूत रहेगी। 

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