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पैगंबर पर पोस्ट के लिए कानपुर हिंसा के 4 दिन बाद बीजेपी नेता गिरफ़्तार

पैगंबर पर पोस्ट के लिए कानपुर हिंसा के 4 दिन बाद बीजेपी नेता गिरफ़्तार

पैगंबर साहब पर आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में कार्रवाई के लिए क्या भारी दबाव में बीजेपी सरकार ने अपने एक नेता को गिरफ़्तार किया है? यदि ऐसा नहीं है तो कानपुर हिंसा के 4 दिन बाद यह गिरफ़्तारी क्यों?

पैगंबर मोहम्मद साहब पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के लिए कानपुर में एक बीजेपी नेता को गिरफ़्तार किया गया है। यह गिरफ़्तारी कानपुर हिंसा के चार दिन बाद हुई है। पैगंबर साहब पर आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद वहाँ हिंसा हुई थी। हर्षित श्रीवास्तव नाम के ट्विटर यूज़र ने पैगंबर मोहम्मद पर भड़काऊ पोस्ट साझा किया था और इसको लेकर हर्षित के ख़िलाफ़ कर्नलगंज पुलिस में मामला दर्ज किया गया था। उसके ट्विटर बायो में कानपुर के बीजेपी का युवा प्रमुख लिखा हुआ है। हालाँकि उस ट्वीट को अब हटा दिया गया है।

खाड़ी देशों सहित कई अन्य देशों से भारी दबाव का सामना कर रही बीजेपी की केंद्र सरकार पैगंबर मोहम्मद साहब पर आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए अपने दो राष्ट्रीय प्रवक्ताओं नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल को निलंबित कर चुकी है। इसके बाद भी इस पर गहमागहमी कम नहीं हो रही है। नूपुर शर्मा पर भी गिरफ़्तारी की तलवार लटकी है क्योंकि महाराष्ट्र में उनके ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की जा चुकी है और उसको लेकर समन भी जारी हो चुका है। 

कानपुर में हर्षित श्रीवास्तव की गिरफ़्तारी की पुलिस ने पुष्टि की है। यह गिरफ्तारी तब हुई जब राष्ट्रीय टेलीविजन पर भाजपा की नेता नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर पर विवादास्पद टिप्पणी को लेकर शहर में हिंसा भड़क उठी थी। तब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शहर में ही थे। झड़पों में कई लोग घायल हो गए थे।  

झड़पों के सिलसिले में अब तक कम से कम 50 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि 10 अन्य को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। इस हिंसा के मामले में डेढ़ सौ लोगों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की गई है। सोमवार को कानपुर पुलिस ने हिंसा में शामिल लोगों की 40 तसवीरों वाले पोस्टर जारी किए थे। 

बहरहाल, बीजेपी से जुड़े जिन तीन नेताओं पर कार्रवाई हुई है, वह काफ़ी विवाद होने के बाद हुई है। पैगंबर मोहम्मद साहब पर कथित विवादास्पद टिप्पणियों के बाद कई देशों ने इस मुद्दे को उठाया।

पैगंबर मोहम्मद पर नूपुर शर्मा का बयान 26 मई को आया था लेकिन उसके बाद दस दिनों तक पार्टी की तरफ़ से कोई कार्रवाई नहीं हुई, कोई निंदात्मक बयान तक नहीं आया था।

पार्टी की चुप्पी को सहमति समझते हुए उसके दिल्ली मीडिया सेल के प्रभारी नवीन कुमार जिंदल ने 1 जून को और भी आपत्तिजनक ट्वीट कर दिया। उनके ख़िलाफ़ भी 4 जून तक कोई क़दम नहीं उठाया गया।

बीजेपी की तरफ़ से यह कार्रवाई तब हुई जब खाड़ी देशों में इन दोनों के बयानों पर तीखी प्रतिक्रिया शुरू हो गई।

अब तक 15 देश इसे लेकर अपना जोरदार विरोध दर्ज करा चुके हैं। बीजेपी नेताओं की टिप्पणियों के खिलाफ विरोध करने वाले देशों में ईरान, इराक़, कुवैत, क़तर, सऊदी अरब, ओमान, संयुक्त अरब अमीरात, ईरान, जॉर्डन, अफगानिस्तान, बहरीन, मालदीव, लीबिया और इंडोनेशिया जैसे देश शामिल हैं। बीजेपी की ओर से नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने के बाद भी विरोध कम होता नहीं दिख रहा है। कहा जा रहा है कि सरकारी प्रतिक्रिया में ही इन्हें 'फ्रिंज एलिमेंट' यानी हाशिए के लोग कहने और दोनों को निलंबित करने के फ़ैसलों से बीजेपी ने अब भारी विरोध के बाद उनके बयानों को ग़लत मान लिया है।

पैगंबर मोहम्मद साहब पर टिप्पणी पर नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल को निलंबित करने के मामले में अब बीजेपी के समर्थकों और दक्षिणपंथियों ने ही पार्टी के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया लगता है। मंगलवार को ट्विटर पर 'ShameOnBJP' हैशटैग के साथ ट्रेंड करता रहा। कुछ नामचीन लोगों ने भी नूपुर शर्मा के समर्थन में ट्वीट तो किया है, लेकिन 'ShameOnBJP' हैशटैग का इस्तेमाल नहीं किया है। वैसे, अब नूपुर शर्मा पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। 

पैगंबर मोहम्मद साहब के खिलाफ टिप्पणी करने को लेकर मुंबई पुलिस ने बीजेपी की नेता नूपुर शर्मा को समन भेजा है। मुंबई पुलिस ने मंगलवार को यह समन भेजा है और नूपुर शर्मा से 22 जून को उनका बयान दर्ज कराने के लिए पुलिस के सामने पेश होने के लिए कहा है।

मुंबई पुलिस ने 28 मई को नूपुर शर्मा के खिलाफ पैगंबर मोहम्मद साहब के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने को लेकर एफआईआर दर्ज की थी। यह एफआईआर मुस्लिम संगठन रजा एकेडमी के पदाधिकारी इरफान शेख की शिकायत पर दर्ज की गई थी। 

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