बीजेपी के बड़े नेता और महाराष्ट्र से सांसद और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को भारतीय जनता पार्टी ने बहुत बड़ा झटका दिया है। गडकरी को बीजेपी संसदीय बोर्ड से हटा दिया है। गडकरी पिछले काफी समय से बीजेपी संसदीय बोर्ड के मेंबर रहे हैं लेकिन बीजेपी में नितिन गडकरी को संसदीय बोर्ड के साथ-साथ केंद्रीय चुनाव समिति में भी कोई जगह नहीं मिली है। वही महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का कद बढ़ाकर उन्हें केंद्रीय चुनाव समिति में शामिल किया है। इसे फ़िलहाल नितिन गडकरी का डिमोशन और देवेंद्र फडणवीस का प्रमोशन बताया जा रहा है।
बीजेपी ने अपने संसदीय बोर्ड और केंद्रीय चुनाव समिति का एलान कर दिया है। संसदीय बोर्ड और केंद्रीय चुनाव समिति में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का नाम नहीं आने के बाद सियासी गलियारों में अब यह चर्चा उठनी शुरू हो गई है कि बीजेपी ने अब नितिन गडकरी को साइड लाइन करना शुरू कर दिया है।
बुधवार को बीजेपी ने अपने संसदीय बोर्ड और केंद्रीय चुनाव समिति का पुनर्गठन किया जिसमें बड़ा बदलाव करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। केंद्रीय चुनाव समिति का एलान करते वक़्त बीजेपी अध्यक्ष जेपी अड्डा ने कहा कि महाराष्ट्र से देवेंद्र फडणवीस केंद्रीय चुनाव समिति का हिस्सा होंगे। बीजेपी के इस फ़ैसले को महाराष्ट्र और केंद्र में बड़े सियासी बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है।
महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारों में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को संसदीय बोर्ड से बाहर किए जाने को उनके डिमोशन के तौर पर देखा जा रहा है। वहीं देवेंद्र फडणवीस की एंट्री उनका कद बढ़ने की ओर इशारा करती है।
महाराष्ट्र के राजनीतिक जानकारों का कहना है कि देवेंद्र फडणवीस इससे पहले भी बिहार और गोवा में चुनाव की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं और बीजेपी को जीत दिलवा चुके हैं। यही कारण है कि फडणवीस को केंद्रीय चुनाव समिति में जगह मिली है। केंद्रीय चुनाव समिति में फडणवीस को शामिल करने का मतलब यह भी निकाला जा रहा है कि बीजेपी में अब उनका कद राष्ट्रीय स्तर का होता जा रहा है।
केंद्रीय चुनाव समिति में शामिल करने को लेकर जब उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से पत्रकारों ने सवाल पूछा तो फडणवीस ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर की किस कमेटी में किस नेता को लेना है यह पार्टी अध्यक्ष तय करते हैं। फडणवीस ने कहा कि इससे पहले भी वह बीजेपी की कई बड़ी कमेटियों में हिस्सा ले चुके हैं।
बता दें कि बिहार में देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई में ही बीजेपी ने चुनाव लड़ा था और उसमें बंपर सीटें जीती थीं। हालांकि बीजेपी अपने दम पर बिहार में सरकार बनाने में कामयाब नहीं हो पाई थी। लेकिन गोवा में बीजेपी ने 20 सीटें जीतकर अपने दम पर सरकार बनाई थी। ऐसा माना जा रहा है कि देवेंद्र फडणवीस को महाराष्ट्र में मिले उपमुख्यमंत्री पद और गोवा, बिहार चुनाव में की गई मेहनत का फल मिला है।
नितिन गडकरी क्यों हैं साइडलाइन?
पिछले काफी समय से नितिन गडकरी बीजेपी में साइड लाइन हैं। इसका कारण ये हो सकता है कि कुछ समय पहले गडकरी ने एक बयान में कहा था कि कभी-कभी उन्हें लगता है कि राजनीति से संन्यास ले लिया जाए। ऐसा माना जा रहा है कि नितिन गडकरी के इस बयान को बीजेपी के आलाकमान ने गंभीरता से लिया हो और यही कारण है कि अब संसदीय बोर्ड और केंद्रीय चुनाव समिति से उन्हें दूर रखा है। पिछले कुछ सालों में हुए राज्यों के अलग-अलग विधानसभा चुनावों में नितिन गडकरी का कोई खास योगदान नहीं दिखा है। यही कारण है कि आलाकमान ने ये फ़ैसला लिया हो। हालाँकि अभी तक इस पूरे मामले पर नितिन गडकरी की कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है।