बंगाल के राज्यपाल धनखड़ होंगे एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के प्रत्याशी
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होंगे। बीजेपी प्रमुख जेपी नड्डा ने उनके नाम की घोषणा की। नड्डा ने कहा, 'बीजेपी और एनडीए उपराष्ट्रपति पद के लिए प्रत्याशी किसान पुत्र जगदीप धनखड़ जी को घोषित करती है। जगदीप धनखड़ जी पश्चिम बंगाल के अभी गवर्नर हैं और लगभग तीन दशक तक सार्वजनिक जीवन में काम किया है।'
BJP National President Shri @JPNadda addresses a press conference at party headquarters. https://t.co/Gxlu0mebXn
— BJP (@BJP4India) July 16, 2022
उपराष्ट्रपति प्रत्याशी बनाने का यह निर्णय बीजेपी के दिल्ली मुख्यालय में संसदीय बोर्ड की बैठक में लिया गया। धनखड़ ने जुलाई 2019 में राज्यपाल के रूप में पदभार संभालने के बाद से धनखड़ के रिश्ते बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के साथ खटास वाले रहे हैं। उनके बीच में विवाद लगातार सुर्खियाँ बनती रही हैं।
राज्यपाल धनखड़ ने एक समय राज्य सरकार पर 'अत्यधिक तुष्टिकरण करने, सांप्रदायिक संरक्षण देने और माफिया सिंडिकेट जबरन वसूली करने का आरोप लगाया था। ममता बनर्जी सरकार भी लगातार धनखड़ पर सांप्रदायिक होने का आरोप लगाती रही है।
ममता सरकार और राज्यपाल के बीच में लगातार तनातनी बनी रही। मार्च महीने में पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में हिंसा में 8 लोगों के मारे जाने पर राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा था कि राज्य में मानवाधिकारों का खात्मा हो गया है और कानून का शासन ढीला हो गया है। राज्यपाल ने कहा था कि राज्य हिंसक संस्कृति और अराजकता की चपेट में है। बीजेपी से टीएमसी में शामिल हुए बाबुल सुप्रियो की इस मांग को धनखड़ ने नामंजूर कर दिया था कि उन्हें गवर्नर की बजाय विधानसभा स्पीकर से शपथ दिलवाई जाए।
मई महीने में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने न्यायपालिका को लेकर की गई टिप्पणी के मामले में तृणमूल कांग्रेस सांसद अभिषेक बनर्जी के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने को कहा था। इससे पहले ममता बनर्जी की सरकार ने राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति राज्यपाल को नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री को बनाने के लिए विधानसभा में एक विधेयक पेश करने का फ़ैसला किया था। इस पर तनातनी हुई थी।
बता दें कि देश के नए उपराष्ट्रपति के लिए चुनाव 6 अगस्त को होगा और उसी दिन नतीजे आ जाएंगे। नामांकन भरने की अंतिम तारीख 19 जुलाई है। वर्तमान उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है। 20 जुलाई को नामांकन पत्रों की जांच होगी और नाम वापस लेने की अंतिम तारीख 22 जुलाई रखी गई है। उपराष्ट्रपति के चुनाव में राज्यसभा के 233 सांसदों के साथ ही 12 मनोनीत सांसद और लोकसभा के सभी 543 सांसद मतदान करते हैं।
उपराष्ट्रपति पद के लिए एनडीए की तरफ़ से उम्मीदवार के तौर पर कई नामों पर कयास लगाए जा रहे थे। इनमें केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, तमिलनाडु की राज्यपाल तमिलसाई सुंदरराजन, कर्नाटक के राज्यपाल व दलित नेता थावरचंद गहलोत के नाम भी शामिल थे।
इनके अलावा उप राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के संभावित उम्मीदवारों में राज्यसभा की पूर्व उप सभापति नजमा हेपतुल्ला, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का नाम चर्चा में है।
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नक़वी को लेकर भी चर्चा रही थी कि बीजेपी उन्हें एनडीए की ओर से उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बना सकती है। नक़वी को रामपुर के उपचुनाव में बीजेपी ने उम्मीदवार नहीं बनाया और राज्यसभा चुनाव में भी टिकट नहीं दिया था। इससे इस कयास को और बल मिला। लेकिन बीजेपी ने फिर से चौंकाया है।
बता दें कि 18 जुलाई को राष्ट्रपति पद के लिए वोट डाले जाएंगे और 21 जुलाई को इसके नतीजे आएंगे। राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू और कुछ विपक्षी दलों के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा आमने-सामने हैं।