आरजेडी मुखिया लालू प्रसाद यादव के बेटे और बिहार के पूर्व कैबिनेट मंत्री तेज प्रताप यादव ने पार्टी छोड़ने का एलान किया है। यादव ने सोमवार शाम को किए गए ट्वीट में कहा कि वह जल्द ही अपने पिता से मिलकर पार्टी से इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने ट्वीट में लालू प्रसाद, राबड़ी देवी, आरजेडी, तेजस्वी यादव, मीसा भारती को भी टैग किया है।
तेज प्रताप यादव पर आरजेडी की युवा शाखा के नेता रामराज यादव ने इफ्तार पार्टी वाले दिन मारपीट करने और लालू प्रसाद यादव के खिलाफ गाली गलौज करने का आरोप लगाया था।
रामराज यादव ने कहा था कि उनके पास इस बात का सुबूत है और उन्होंने मारपीट की वजह से प्रदेश अध्यक्ष को अपना इस्तीफा दे दिया है।
तेज प्रताप यादव ने फेसबुक पर अपनी मां और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के साथ एक फोटो भी शेयर किया है।
तेज प्रताप ने बीते साल आरोप लगाया था कि लालू प्रसाद यादव को दिल्ली में बंधक बनाकर रखा गया है। इसके बाद तेजस्वी यादव ने उन्हें जवाब दिया था।
आरजेडी का सत्ता संघर्ष
राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, लालू प्रसाद यादव की राजनीतिक विरासत के उत्तराधिकारी तेजस्वी यादव ही हैं। बिहार के विधानसभा चुनाव के दौरान आरजेडी के चुनाव प्रचार की कमान तेजस्वी ने ही संभाली थी और वह नेता प्रतिपक्ष भी बने। तेज प्रताप यादव अपनी सियासी उपेक्षा का आरोप लगाते रहे हैं और उन्होंने आरजेडी से अलग छात्र जनशक्ति परिषद नाम के संगठन की भी स्थापना की थी।
तेज प्रताप यादव का बिहार आरजेडी के अध्यक्ष जगदानंद सिंह, तेजस्वी यादव के सलाहकार संजय यादव से भी 36 का आंकड़ा रहा है। जबकि तेजस्वी यादव जगदानंद सिंह के साथ खड़े रहे हैं।
लालू-राबड़ी मोर्चा बनाया था
तेज प्रताप ने लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान भी नाराज़गी जताते हुए आरजेडी के ख़िलाफ़ ही मोर्चा खोल दिया था। उन्होंने नई पार्टी बना ली थी और इसका नाम लालू-राबड़ी मोर्चा रखा था। तेज़ प्रताप ने कहा था कि पार्टी पर कुछ लोगों ने क़ब्जा जमा लिया है।
लालू प्रसाद यादव को कुछ दिन पहले चारा घोटाले के एक मामले में जमानत मिल चुकी है और अब बहुत जल्द वह जेल से बाहर आ सकते हैं। देखना होगा कि लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी आरजेडी के भीतर चल रहे सत्ता संघर्ष को कितनी जल्दी खत्म कर पाते हैं।