बिहार में एक बार फिर राजनीति तेज हो गई है। 12 फरवरी को नीतीश कुमार की सरकार को विधानसभा में बहुमत साबित करना है। इस फ्लोर टेस्ट से पहले बिहार में राजनैतिक बिसात सज चुकी है। राजद समेत विपक्षी दल नीतीश कुमार की इस एनडीए सरकार को बहुमत का आंकड़ा हासिल करने से रोकने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं।
एनडीए में शामिल जदयू और भाजपा हर हाल में विधानसभा में अपना बहुमत साबित करना चाहते हैं। अब इसके कारण पक्ष और विपक्ष के बीच विधायकों की खींचतान चल रही है। हर पार्टी अपने विधायकों को पकड़ कर रखना चाहती है क्योंकि उन्हें डर है कि उनके विरोधी उनके विधायकों की खरीद फरोख्त कर सकते हैं।
विधायकों को विरोधी पाले में जाने से रोकने के लिए सभी पार्टियां विधायकों की निगरानी कर रही है। उन्हें बहाने - बहाने एक जगह पर जुटा कर रखा जा रहा है।
इस बीच जदयू ने अपनी रणनीति के तहत फ्लोर टेस्ट से दो दिन पहले अपने सभी विधायकों को भोज के बहाने शनिवार को पटना बुलाया था।
बिहार सरकार में मंत्री और वरिष्ठ जदयू नेता श्रवण कुमार के आवास पर आज जदयू ने अपने विधायकों के लिए भोज रखा गया।
इस भोज में सीएम नीतीश कुमार भी पहुंचे। इसमें जदयू के ज्यादातर विधायक आएं थे। इस बीच सूत्रों का दावा है कि इस भोज में 6 विधायक नहीं पहुंचे थे।
दूसरी तरफ भाजपा ने अपने विधायकों की प्रशिक्षण शिविर के बहाने गया बुला लिया है। यहां सभी विधायकों को रखा गया है और उन्हें रविवार की शाम पटना भेजा जाएगा।
यहां पार्टी के 78 में से 76 विधायक पहुंचे, 2 विधायक नहीं पहुंचे हैं। रविवार शाम तक पार्टी के विधायक यहीं रहेंगे। इस बीच खबर है कि भाजपा के दो विधायक भी इस शिविर में नहीं पहुंचे हैं।
नीतीश सरकार को विधानसभा में बहुमत साबित करने से रोकने के लिए विपक्षी राजद के नेता तेजस्वी यादव भी लगातार रणनीति बना रहे हैं।
राजद के 78 विधायक तेजस्वी आवास पर हैं
उन्होंने शनिवार को राजद के सभी विधायकों को अपने आवास पर बैठक के लिए बुलाया। इसमें राजद के 79 में से 78 विधायक पहुंचे।बैठक खत्म होने के बाद उन्होंने राजद के सभी विधायकों अपने आवास पर ही रोक लिया। अब खबर आ रही है कि फ्लोर टेस्ट तक ये सभी विधायक तेजस्वी यादव के आवास पर ही रहेंगे।
शनिवार शाम को सभी विधायकों से अपने गर्म कपड़े और दवाएं मंगवा लेने को कहा गया। इससे पता चलता है कि तेजस्वी ने अचानक से अपने सभी विधायकों को बुला कर उन्हें रोक लिया है। इसके पीछे कोशिश है कि इनसे भाजपा और जदयू संपर्क नहीं कर सके।
इस बीच राजद के एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर सत्य हिंदी से कहा है कि 12 फरवरी को बिहार में बड़ा राजनैतिक खेल होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि बिहार में खेल अभी खत्म नहीं हुआ है, खेल अभी बाकी है।
राजद के साथ ही कांग्रेस भी अपने विधायकों को लेकर सतर्क है। उसने अपने 19 में से 16 विधायकों को पहले ही हैदराबाद शिफ्ट कर दिया है।