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बिहार: पूर्व मंत्री कार्तिक कुमार की जमानत अर्जी खारिज

बिहार: पूर्व मंत्री कार्तिक कुमार की जमानत अर्जी खारिज

कार्तिक कुमार को दानापुर कोर्ट ने 1 सितंबर तक की राहत दी थी लेकिन अब उनकी गिरफ्तारी हो सकती है। क्या है यह पूरा मामला?

अपहरण के एक मामले में फंसे नीतीश सरकार के पूर्व मंत्री कार्तिक कुमार की जमानत अर्जी दानापुर कोर्ट ने खारिज कर दी है। कार्तिक कुमार के खिलाफ 2014 में बिहटा थाने में अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया गया था। उन्हें दानापुर कोर्ट ने 1 सितंबर तक की राहत दी थी लेकिन अब उनकी गिरफ्तारी हो सकती है। अब इस मामले में कार्तिक कुमार के वकील जमानत के लिए हाईकोर्ट में अर्जी दायर करेंगे। 

कार्तिक कुमार ने बुधवार रात को नीतीश कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। इससे पहले उनसे कानून मंत्रालय वापस ले लिया गया था और यह मंत्रालय शमीम अहमद को दिया गया था। कार्तिक कुमार के इस्तीफे पर बीजेपी नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा था कि अभी पहला विकेट गिरा है, कई और विकेट गिरेंगे। 

16 अगस्त को नीतीश सरकार का पहला विस्तार हुआ था और कुछ ही दिनों के भीतर एक कैबिनेट मंत्री का इस्तीफा हो गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कार्तिक कुमार का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। 

बिहार में विपक्षी दल बीजेपी मंत्री बनाए जाने के बाद से ही कार्तिक कुमार के इस्तीफे की मांग कर रही थी। 

क्या है मामला?

साल 2014 में राजीव रंजन नाम के एक शख्स का अपहरण हुआ था और इस मामले में कार्तिक कुमार भी अभियुक्त हैं। कार्तिक कुमार के खिलाफ इस मामले में गिरफ्तारी का वारंट जारी किया जा चुका है। कार्तिक कुमार आरजेडी के विधान परिषद सदस्य हैं। 

कार्तिक कुमार को 16 अगस्त को कोर्ट में सरेंडर करना था लेकिन उन्होंने सरेंडर नहीं किया और उसी दिन उन्होंने कैबिनेट मंत्री के पद की शपथ ली थी। बीजेपी ने इसे मुद्दा बना लिया था। 

लेकिन बिहार की दानापुर अदालत का एक आदेश आया था, जिसमें मोकामा के थाना प्रभारी को आदेश दिया गया था कि कार्तिक कुमार के खिलाफ एक सितंबर तक किसी भी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई न की जाए। विवाद बढ़ने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। 

कार्तिक कुमार को कार्तिक मास्टर भी कहा जाता है। विधान परिषद के चुनाव में कार्तिक कुमार ने जेडीयू के उम्मीदवार को हराया था। 

 - Satya Hindi

अनंत सिंह के करीबी

कार्तिक कुमार बिहार के बाहुबली नेता अनंत सिंह के बेहद करीबी हैं। अनंत सिंह की हाल ही में विधानसभा की सदस्यता समाप्त की जा चुकी है। कार्तिक कुमार शिक्षक भी रह चुके हैं।

कार्तिक कुमार अनंत सिंह के लिए चुनावी रणनीति बनाते थे और कहा जाता है कि उनके कामकाज को भी संभालते थे। अनंत सिंह आरजेडी के विधायक रहे थे। 

इस मामले में कार्तिक कुमार का कहना था कि उन पर जो भी आरोप लगे हैं उसके बारे में वह अपने शपथ पत्र में जानकारी दे चुके हैं।

हमलावर थी बीजेपी 

कार्तिक कुमार के शपथ लेने के बाद बीजेपी हमलावर हो गई थी और उसने कहा था कि बिहार में जंगलराज लौट आया है। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा था कि नीतीश कुमार अब ऐसे लोगों को नहीं रोक पाएंगे। मोदी ने कहा था कि मुख्यमंत्री को कार्तिक कुमार को बर्खास्त करना चाहिए। उन्होंने कहा था कि नीतीश कुमार के अंदर हिम्मत नहीं है कि वह कार्तिक कुमार को बर्खास्त कर सकें। 

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