मूसेवाला के घर पहुंचे मान; आप विधायक का विरोध, नारेबाजी
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान मारे गए पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला के घर पहुंचे और उनके परिजनों को सांत्वना दी। लेकिन इस दौरान आम आदमी पार्टी के विधायक गुरप्रीत सिंह बनावाली का गांव वालों ने जोरदार विरोध किया।
सिद्धू मूसेवाला की कुछ दिन पहले अपने गांव से कुछ ही दूरी पर हमलावरों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसा कर हत्या कर दी थी। उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि सिद्धू मूसेवाला को 19 गोलियां लगी थीं और हमले के 15 मिनट के अंदर उनकी मौत हो गई थी।
मुख्यमंत्री भगवंत मान के सिद्धू मूसेवाला के गांव मूसा पहुंचने से पहले पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे।
मुख्यमंत्री के पहुंचने से पहले आम आदमी पार्टी के विधायक गुरप्रीत सिंह बनावाली भी वहां पहुंचे लेकिन गांववालों ने उनसे माफी मांगने को कहा और वहां से वापस लौटा दिया।
भारी इंतजाम से थे नाराज
गांव के लोग पुलिस के भारी सुरक्षा इंतजाम से बेहद नाराज थे और उन्होंने सरकार के खिलाफ और मुख्यमंत्री भगवंत मान के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। हालात को देखते हुए मानसा जिले के एसपी और उपायुक्त गांव में पहुंचे। उन्होंने गांव वालों को समझाने की कोशिश की और सुरक्षा इंतजामों में थोड़ा सा ढील दी।
गांव वालों का कहना था कि भगवंत मान सरकार सिद्धू मूसेवाला को सुरक्षा देने में फेल रही लेकिन मुख्यमंत्री के आने पर उसने गांव को एक किले में तब्दील कर दिया है। आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस नेताओं के कहने पर कुछ ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया है।
मां भी सरकार से नाराज
मुख्यमंत्री भगवंत मान से मुलाकात के दौरान सिद्धू मूसेवाला की मां चरण कौर ने सरकार से नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि उनके बेटे के साथ चार लोगों की तैनाती से सरकार को आखिर क्या फर्क पड़ रहा था, क्या इससे उनकी तिजोरी भर जाएगी, अब सरकार अपना खजाना भर ले।
सिद्धू मूसेवाला की हत्या से एक दिन पहले ही पंजाब सरकार ने 400 से ज्यादा लोगों की सुरक्षा वापस ले ली थी और इसे लेकर अखबारों में विज्ञापन भी दिया था। लेकिन सिद्धू की हत्या के बाद सरकार ने आदेश दिया है कि जिन लोगों की सुरक्षा वापस ली गई थी उनकी सुरक्षा 7 जून से बहाल कर दी जाएगी।
मुसीबत में मान सरकार
अपने छोटे से कार्यकाल में भगवंत मान सरकार नशे के कारण हो रही रही मौतों, पड़ोसी पाकिस्तान से आ रही नशे और हथियार बारूद की खेप, हिंदू-सिख संगठनों के बीच झड़प, पंजाब में खुफिया विभाग के दफ्तर पर हमला और अब सिद्धू मूसेवाला की हत्या के कारण बुरी तरह घिर गई है और विपक्षी दलों के निशाने पर है।