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कर्ज चुकाने के लिए ज़्यादा कर्ज लेगा पंजाब, फिर भी 300 यूनिट मुफ़्त बिजली

कर्ज चुकाने के लिए ज़्यादा कर्ज लेगा पंजाब, फिर भी 300 यूनिट मुफ़्त बिजली

कर्ज में डूबे पंजाब आख़िर इससे कैसे छुटकारा पाएगा? क्या ज़्यादा कर्ज लेकर? इसी बीच 300 यूनिट तक मुफ़्त बिजली देने से क्या सरकार पर और भार नहीं बढ़ेगा?

पंजाब में आम आदमी पार्टी सरकार का पहला बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने राज्य में एक जुलाई से 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने की घोषणा की। इसके साथ ही भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार ने स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि और पुलिस आधुनिकीकरण पर अपना ध्यान केंद्रित करते हुए राज्य के सभी जिलों में साइबर अपराध नियंत्रण इकाइयां स्थापित करने की भी घोषणा की। चीमा ने 2022-23 के बजट में किसी नए कर की घोषणा नहीं की है।

लेकिन बजट की घोषणा में जो खास बात है वह यह कि कर्ज में डूबा पंजाब और ज़्यादा कर्ज लेगा। पहले के लिए गए कुछ कर्ज को नये कर्ज से चुकाया जाएगा और इसके साथ ही दूसरे खर्च में भी इसका इस्तेमाल किया जाएगा।

बजट अनुमानों के मुताबिक़, पंजाब को चालू वित्त वर्ष में कर्ज चुकाने पर 36,068 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा। इसमें से 20,122 करोड़ रुपये का उपयोग अकेले ब्याज भुगतान के लिए किया जाएगा, जबकि शेष 15,946 करोड़ रुपये का उपयोग कर्ज चुकाने के लिए किया जाएगा।

पिछले वित्त वर्ष के अंत तक राज्य पर 2.63 लाख करोड़ रुपये का भारी कर्ज है जो सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का 45.88 प्रतिशत है। अगले वित्त वर्ष के अंत तक कर्ज बढ़कर 2.84 करोड़ रुपये हो जाएगा। इसके अलावा, राज्य की एजेंसियों, बोर्डों और निगमों पर 55,000 करोड़ रुपये का कर्ज है।

सरकार सत्ता में आने के बाद पहले ही 8,000 करोड़ रुपये का कर्ज ले चुकी है। वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा, 'हमने सत्ता में आने के बाद 8,000 करोड़ रुपये का कर्ज लिया। लेकिन हमने इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में अपने पूर्ववर्तियों की तुलना में बेहतर संग्रह भी किया है। हम 10,500 करोड़ रुपये चुकाने में सफल रहे हैं। साथ ही हमने कंसोलिडेटेड सिंकिंग फंड में 1,000 करोड़ रुपये जमा किए हैं। हमने वास्तव में कुल 3,500 करोड़ रुपये का भुगतान किया है।'

इतना कर्ज लेने के बाद भी पंजाब सरकार ने अपनी चुनावी घोषणाओं के अनुसार 1 जुलाई से 300 यूनिट मुफ़्त बिजली देने का प्रावधान किया है।

पंजाब बिजली बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक 73.80 लाख घरों में बिजली मुहैया कराई जाती है। राज्य में खपत का जो पैटर्न है, उसके अनुसार, करीब 62.25 लाख घर प्रति माह 300 यूनिट से कम की खपत करते हैं। इसका मतलब है कि इस योजना से लगभग 84 फीसदी लोगों को सीधे फायदा होगा। पीएसपीसीएल के अधिकारी का कहना है कि इसलिए, 84 फीसदी उपभोक्ताओं को कुछ भी भुगतान करने की ज़रूरत ही नहीं होगी। यानी उनका पूरा शुल्क माफ किया जा सकता है।

पीएसपीसीएल के अधिकारियों का मानना है कि जो उपभोक्ता हर महीने 150 यूनिट बिजली खर्च कर रहे थे, वे अब 300 यूनिट तक की खपत करेंगे क्योंकि यह मुफ़्त होगी। साथ ही, संयुक्त परिवार इस योजना का लाभ उठाने के लिए अपने मीटर अलग-अलग करवा सकते हैं। इसके अलावा, जो लोग हर महीने 300 यूनिट से थोड़ा ज्यादा खपत करते हैं, वे इस ब्रैकेट में आने के लिए अपनी खपत घटाएंगे।

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