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फ्रैंकफर्ट मामले में विपक्ष भगवंत मान सरकार पर हमलावर

फ्रैंकफर्ट मामले में विपक्ष भगवंत मान सरकार पर हमलावर

अगर इस मामले में कोई जांच होती है तो क्या मुख्यमंत्री भगवंत मान की मुश्किलें बढ़ेंगी या वह बेदाग साबित होंगे? 

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के फ्रैंकफर्ट एयरपोर्ट पर कथित रूप से नशे की हालत में होने और विमान से उतारे जाने की खबर को लेकर पंजाब में विपक्ष मान सरकार पर हमलावर हो गया है। कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल ने मुख्यमंत्री से कहा है कि वह इस मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट करें जबकि राज्य में सरकार चला रही आम आदमी पार्टी ने इसे प्रोपेगेंडा बताया है। 

पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने इस मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। बाजवा ने मांग की है कि फ्रैंकफर्ट एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री भगवंत मान को विमान से उतारे जाने की खबरों के मामले में व्यापक जांच होनी चाहिए। 

उन्होंने कहा है कि वह इस मामले को केंद्रीय विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने उठाएंगे और मांग करेंगे कि वह लुफ्थांसा एयरलाइंस से इस बारे में पूछताछ करें और विमान से उतारे जाने की वजह सार्वजनिक की जाए। 

बाजवा ने कहा कि आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल बताएं कि अगर यह घटना सही पाई जाती है तो वह भगवंत मान के खिलाफ क्या कार्रवाई करेंगे। दिल्ली कांग्रेस ने भी इस मामले में एक खबर को ट्वीट किया है। 

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पंजाबियों को शर्मिंदगी हुई: बादल 

शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने इस मामले में एक वेबसाइट की खबर का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए ट्वीट किया है कि इस वजह से फ्लाइट लेट हो गई और भगवंत मान आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में भी नहीं जा सके। उन्होंने कहा है कि इस तरह की खबर से दुनिया भर में रह रहे पंजाबियों को शर्मिंदगी हुई है। बादल ने कहा है कि हैरानी की बात है कि पंजाब सरकार इसे लेकर खामोश बनी हुई है। 

उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को इस मामले में स्थिति साफ करनी चाहिए और भारत सरकार को भी इस मामले में दखल देना चाहिए क्योंकि यह पंजाबियों और राष्ट्रीय स्वाभिमान से जुड़ा मामला है। बादल ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री भगवंत मान को विमान से उतारा गया है तो भारत सरकार को इस मुद्दे को अपने जर्मन समकक्ष के सामने उठाना चाहिए। 

भगवंत मान 11 सितंबर से 18 सितंबर तक जर्मनी के विदेश दौरे पर थे। उनका यह दौरा पंजाब में निवेशकों को आमंत्रित करने के लिए था। उन्हें 19 सितंबर की सुबह भारत वापस लौटना था।

क्या है पूरा मामला?

द हिंदू अखबार के मुताबिक, फ्रैंकफर्ट एयरपोर्ट से लुफ्थांसा की एलएच 760 की फ्लाइट शाम को 1:40 पर थी और यह पहले से ही 3 घंटे लेट हो चुकी थी। प्रत्यक्षदर्शी ने नाम न छापने की शर्त पर द हिंदू अखबार को बताया कि सफेद कुर्ता-पजामा पहना हुआ एक शख्स पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान जैसा दिख रहा था और वह कुछ अन्य लोगों के साथ विमान के भीतर आया लेकिन थोड़ी देर बाद उनमें से चार-पांच लोग विमान से बाहर चले गए।

इस मामले में लुफ्थांसा के प्रवक्ता ने कहा है कि सुरक्षा नीतियों के मुताबिक वह किसी भी यात्री के बारे में कोई सूचना किसी को नहीं दे सकते। जबकि आम आदमी पार्टी की मीडिया विभाग की निदेशक चंदर सुता डोगरा ने कहा कि मुख्यमंत्री की तबीयत थोड़ी खराब थी और उन्होंने भारत आने के लिए दूसरी फ्लाइट पकड़ी। 

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आप ने बताया प्रोपेगेंडा 

इस मामले में सोशल मीडिया पर आवाज उठने के बाद पार्टी के मुख्य प्रवक्ता मलविंदर सिंह कंग ने कहा है कि मुख्यमंत्री को बदनाम करने के लिए हमारे राजनीतिक विरोधी इस तरह की अफवाहें फैला रहे हैं। प्रवक्ता ने कहा कि विरोधियों को यह बात हजम नहीं हो रही है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान पंजाब में निवेश लाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अपने तय कार्यक्रम के मुताबिक ही दिल्ली लौटे हैं। 

कंग ने कहा कि सोशल मीडिया पर इस बारे में चल रही तमाम खबरें सिर्फ प्रोपेगेंडा हैं। 

विपक्ष ने भगवंत मान सरकार को इस मामले में घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। लेकिन अगर भारत सरकार इस मामले में कोई जांच करती है तो क्या मुख्यमंत्री भगवंत मान की मुश्किलें बढ़ेंगी या वह बेदाग साबित होंगे। 

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