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गुजरात कांग्रेस के दफ्तर पर बजरंग दल का धावा, लिखा- हज हाउस

गुजरात कांग्रेस के दफ्तर पर बजरंग दल का धावा, लिखा- हज हाउस

गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष जगदीश ठाकोर के किस बयान पर विवाद हुआ है? उन्होंने क्या कहा?

गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष जगदीश ठाकोर के एक बयान के बाद बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने अहमदाबाद में स्थित पार्टी के दफ्तर पर धावा बोल दिया। बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने गुजरात कांग्रेस के दफ्तर के बाहर लगे होर्डिंग पर कालिख पोत दी और वहां हज हाउस लिख दिया। 

बता दें कि गुजरात में कुछ ही महीने के बाद विधानसभा चुनाव होने हैं और वहां बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा चुनावी मुकाबला है। हालांकि इस बार एआईएमआईएम और आम आदमी पार्टी भी कुछ सीटों पर जोर-शोर के साथ चुनाव लड़ रही है।

क्या कहा जगदीश ठाकोर ने?

जगदीश ठाकोर ने कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था, कांग्रेस के प्रधानमंत्री विश्वास के साथ कहते थे कि देश के खजाने पर पहला हक अल्पसंख्यकों का है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जानती है कि ऐसा कहने से पार्टी को कितना नुकसान हुआ है लेकिन अभी भी वह अपनी विचारधारा से समझौता नहीं करेगी। 

ठाकोर ने मुसलिम समुदाय के लोगों से वोट न बंटने देने की अपील की और आम आदमी पार्टी और एआईएमआईएम को बीजेपी की बी और सी टीम बताया।

जगदीश ठाकोर ने अल्पसंख्यक समुदाय के लिए अलग चुनाव घोषणा पत्र लाने की भी हिमायत की। बता दें कि प्रधानमंत्री रहते हुए मनमोहन सिंह ने कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला हक अल्पसंख्यकों का है। 

इस बारे में गुजरात बजरंग दल के अध्यक्ष ज्वलित मेहता ने आज तक से बातचीत में कहा कि कांग्रेस मुसलिम तुष्टिकरण की राजनीति करती है और इस वजह से लगातार खत्म होती जा रही है और अब सिर्फ दो राज्यों में बची है। 

बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के द्वारा कांग्रेस भवन की दीवारों पर हज हाउस लिखे जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। बजरंग दल के कार्यकर्ता इससे पहले भी तमाम राज्यों में धर्मांतरण का आरोप लगाकर हंगामा करते रहे हैं। 

कांग्रेस लंबे वक्त से गुजरात की सत्ता से बाहर है। लेकिन 2017 के विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी ने पार्टी के लिए जमकर पसीना बहाया और सीटों की संख्या में इजाफ़ा किया। 2012 में कांग्रेस को जहां 61 सीटें मिली थीं, वहीं 2017  में यह आंकड़ा 77 हो गया था, दूसरी ओर बीजेपी 2012 में मिली 115 सीटों के मुक़ाबले 2017 में 99 सीटों पर आ गयी थी। 

नेताओं को दी जिम्मेदारी

लेकिन 2017 के बाद से कई विधायक कांग्रेस का साथ छोड़कर जा चुके हैं। हाल ही में कांग्रेस ने पार्टी संगठन को चुस्त-दुरुस्त करते हुए 7 नेताओं को कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष बनाया था। 

इनमें एक प्रमुख नाम वडगाम के विधायक और दलित नेता जिग्नेश मेवाणी का भी है। इसके अलावा ललित कागथारा, रुत्विक मकवाना, अंबरीश जे डेर, हिम्मत सिंह पटेल, कादिर पीरजादा और इंद्रविजय सिंह गोहिल को कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष बनाया था। 

आप, एआईएमआईएम भी मैदान में

गुजरात में इस बार आम आदमी पार्टी भी चुनाव लड़ने जा रही है और वह कांग्रेस के वोटों में सेंध लगा सकती है। आम आदमी पार्टी का गुजरात में भारतीय ट्राइबल पार्टी के साथ गठबंधन हो चुका है। इसके अलावा असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम भी कुछ सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इसलिए कांग्रेस को इनसे भी थोड़ा बहुत चुनौती मिल सकती है। 

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