आईआईटी गुवाहाटी हॉस्टल में छात्र के मृत मिलने पर प्रदर्शन क्यों?
आईआईटी गुवाहाटी में बीटेक के तीसरे वर्ष के छात्र के अपने छात्रावास के कमरे में मृत पाए जाने के बाद पूरे परिसर में विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। एक महीने में परिसर में यह दूसरी ऐसी मौत थी और इस साल यह चौथा ऐसा मामला है।
मृतक छात्र के दोस्तों ने प्रशासन पर छात्रों और अभिभावकों के प्रति असंवेदनशील होने का आरोप लगाया है। सोमवार शाम परिसर में एक बड़ा विरोध प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शन के दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि संस्थान में छात्रों की ज़िंदगी से ज़्यादा महत्वपूर्ण ग्रेड हो गए हैं।
मृतक 21 वर्षीय छात्र उत्तर प्रदेश का रहने वाला था। वह आईआईटी में कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था। छात्र अपने छात्रावास के कमरे में मृत पाया गया।
छात्र की मौत के विरोध में कई छात्र प्रशासनिक भवन के सामने जुटे। न्यूज़18 की रिपोर्ट के अनुसार प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि शैक्षणिक दबाव के कारण छात्र की मौत हुई और दावा गया किया कि मृतक 75 प्रतिशत उपस्थिति को पूरा करने में असमर्थ था, जिसके कारण उसे परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी गई।
अमन नाम के यूज़र ने कहा, 'आईआईटी गुवाहाटी के छात्रों का विरोध प्रदर्शन। तीसरे वर्ष के छात्र ने क्यों की आत्महत्या... उसको स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं थीं और वह 75% उपस्थिति मानदंड को पूरा नहीं कर पाया था और तब वह महान प्रोफेसर आया जिसने उसे परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी। उपस्थिति>>छात्र जीवन।'
@IITGuwahati student protests
— aman (@aman1291965) September 9, 2024
reason why 3rd year student committed #suicide....he had health issues and wasn't able to fulfill 75% attendance criteria and here comes the great professor who didn't allowed him to sit in examinations
attendance>>students lyf pic.twitter.com/Z8hb7zI3c6
अब आरोप लगाया जा रहा है कि जब पहली बार शव देखा गया तो छात्रों को छात्रावास के कमरे का दरवाजा तोड़ने से रोक दिया गया था। एनडीटीवी से एक छात्र ने दावा किया कि उन्हें मृत छात्र के परिवार को सूचित करने से भी रोका गया और प्रशासन द्वारा उनके फोन से वीडियो हटाने का प्रयास किया गया।
उसने नाम न बताने का अनुरोध करते हुए एनडीटीवी से कहा, 'मैंने वेंटिलेटर से देखा कि मेरा दोस्त पंखे से लटका हुआ था। गार्ड ने हमें दरवाजा तोड़ने से रोक दिया। दरवाजा खोलने में लगभग 30 मिनट लग गए। वह जीवित था या नहीं, यह उनकी चिंता का विषय नहीं था।'
उन्होंने कहा कि दरवाज़ा खुलने के बाद सुरक्षाकर्मियों ने नर्स को उसकी नब्ज़ जाँचने नहीं दी। उन्होंने कहा, 'हमने उसे खो दिया, लेकिन पूरी रात शव को नीचे नहीं उतारा गया। दरवाज़ा खुलने के आठ घंटे बाद शव को नीचे उतारा गया।'
छात्र ने आरोप लगाया कि प्रशासन के आदेश के कारण गार्डों ने कुछ नहीं किया। छात्र ने कहा कि छात्रों को छात्र के परिवार को मृत छात्र के बारे में बताने से रोका गया और स्थिति के वीडियो सबूत मिटाने की कोशिश की गई।
संस्थान के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि आईआईटी-जी छात्र की मौत से बहुत दुखी है और उसके परिवार और दोस्तों के प्रति संवेदना व्यक्त करता है। प्रवक्ता ने आगे कहा, 'आईआईटीजी इन चुनौतीपूर्ण समय के दौरान हमारे छात्र समुदाय के मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण को प्राथमिकता देने के लिए समर्पित है।'