देश के उत्तरी राज्यों में अग्निपथ योजना के विरोध का शोर है तो पूर्वोत्तर में बाढ़ ने तबाही मचाई हुई है। असम और मेघालय में बाढ़ और लैंडस्लाइड के कारण पिछले एक हफ्ते में 42 लोगों की मौत हो चुकी है और 30 लाख से लोग ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। हालात को देखते हुए सेना को बुलावा भेजा गया है।
असम में इस साल बाढ़ ने जबरदस्त तबाही मचाई है। राज्य में जनवरी से लेकर अब तक 62 लोगों की मौत हो चुकी है। असम के 32 जिलों के 4291 गांवों में रहने वाले 30 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ के कारण बुरी तरह प्रभावित हैं।
इस हफ्ते बाढ़ की वजह से असम में 24 जबकि मेघालय में 18 लोगों की मौत हो चुकी है। पूर्वोत्तर के एक और राज्य त्रिपुरा में जोरदार बारिश के कारण 10 हजार लोग बेघर हो चुके हैं।
त्रिपुरा में हुई बारिश पिछले 60 साल में सबसे ज्यादा है। इस वजह से शिक्षण संस्थानों को बंद कर दिया गया है। इसी तरह मेघालय के चेरापूंजी में भी 1940 के बाद सबसे ज्यादा बारिश हुई है। मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने बाढ़ में मारे गए लोगों के परिजनों को 4 लाख रुपए सांत्वना राशि देने का एलान किया है।
असम के हालात को देखते हुए मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने शनिवार को बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए लगाए गए शरणार्थी कैंपों का दौरा किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री सरमा से बात कर हालात के बारे में जानकारी ली है और राज्य को हर संभव मदद देने का भरोसा दिलाया है।
गुवाहाटी के कई इलाकों और कछार, करीमगंज, हैलाकांडी, गोलपारा, दक्षिण सलमारा, दीमा हसाओ, गोलपारा और कामरूप जिलों के कुछ हिस्सों में फिर से लैंड स्लाइड हुआ है।
असम की सरकार ने गुवाहाटी और सिलचर से विशेष उड़ानें शुरू की हैं जिससे बाढ़ और लैंडस्लाइड के कारण वहां फंसे हुए लोगों को निकाला जा सके।
असम और मेघालय में शनिवार को लगातार पांचवें दिन जबरदस्त बारिश हुई और इस वजह से असम में ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने भी गृह मंत्री अमित शाह से बात की है और उन्हें बाढ़ को लेकर बने ताजा हालात के बारे में जानकारी दी है।