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आर्थिक नाकेबंदी से मिज़ोरम बेहाल, केंद्र से सड़क खुलवाने की अपील

आर्थिक नाकेबंदी से मिज़ोरम बेहाल, केंद्र से सड़क खुलवाने की अपील

पूर्वोत्तर राज्य मिज़ोरम को शेष भारत से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 306 को असम की सीमा के पास बंद कर दिया गया है।

पूर्वोत्तर राज्य मिज़ोरम को शेष भारत से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 306 को असम की सीमा के पास बंद कर दिया गया है।

असम-मिज़ोरम झड़प के बाद मिज़ोरम की इस नाकाबंदी का नतीजा यह है कि यह राज्य पूरे देश से कट गया है, वहाँ न कोई चीज पहुँच रही है, न ही वहाँ से कोई चीज बाहर आ रही है।

इससे मिज़ोरम के लोगों को खाने-पीने और रोज़मर्रा की दूसरी चीजों की क़िल्लत हो रही है। मिज़ोरम ने केंद्र सरकार को चिट्ठी लिख कर इसकी शिकायत की है और नाकेबंदी हटाने की गुजारिश की है। मिज़ोरम का कहना है कि असम-मिज़ोरम सीमा विवाद पहले भी हुआ है और उस समय भी इसकी आर्थिक नाकेबंदी कर दी गई थी। 

केंद्र को चिट्ठी

मिज़ोरम के गृह सचिव ललबियाकसांगी ने केंद्र सरकार को चिट्ठी लिख कर राष्ट्रीय राजमार्ग 306 खुलवाने का आग्रह किया है। 

उन्होंने लिखा है, "यह चिंता की बात है कि असम आर्थिक नाकेबंदी पर उतारू हो जाता है। वह ऐसा सिर्फ़ इसलिए करता है कि प्रमुख राजमार्ग और रेल लाइन उस राज्य से होकर गुजरती हैं।" 

इन्होंने इसके आगे कहा है,

आर्थिक नाकेबंदी से मिज़ोरम के लोगों की आजीविका पर बुरा असर पड़ रहा है। मिज़ोरम जाने वाली दूसरी सड़कों को भी असम में बंद कर दिया गया है।


ललबियाकसांगी, गृह सचिव, मिज़ोरम

'रेल लाइन भी उखाड़ी'

मिज़ोरम सरकार का कहना है कि इस तरह की आर्थिक नाकेबंदी इसके पहले 2020 में भी कर दी गई थी और उस समय भी दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद हुआ था। 

इस चिट्ठी में यह भी कहा गया है कि असम के हेलाकांडी ज़िले में रेल पटरी को उखाड़ दिया गया है और कम से कम दो रेल स्टेशनों को नुक़सान पहुँचाया गया है। 

मिज़ोरम के गृह सचिव ने यह भी कहा है कि राज्य के बिराबी रेल स्टेशन को जोड़ने वाली एक मात्र रेल लाइन की नाकेबंदी कर दी गई है। 

उन्होंने कहा कि मुहम्मदपुर और रामनाथपुर स्टेशनों में तोड़फोड़ की गई है। 

ललबियाकसांगी ने यह भी कहा है कि रेल लाइन और राजमार्ग केंद्र सरकार की संपत्ति है और कोई सरकारी एजेन्सी या आम जनता उसे बंद नहीं कर सकती है।

'पहले भी हुई है नाकेबंदी'

उन्होंने यह भी कहा कि पिछले साल 17 अक्टूबर से 11 नंवबर के बीच इसी तरह की नाकेबंदी कर दी गई थी। 

असम-मिज़ोरम सीमा पर लैलापुर में केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ़) तैनात होने के बावजूद आर्थिक नाकेबंदी है। 

 - Satya Hindi

केंद्रीय बल की मौजूदगी में नाकेबंदी?

सीआरपीएफ़ के एक जवान ने 'इंडियन एक्सप्रेस' से कहा, "हम किसी को भी आगे नहीं जाने दे सकते, ट्रक, बस, आदमी, कुछ नहीं, हमें ऊपर से आदेश मिला है।"

लैलापुर में राष्ट्रीय राजमार्ग पर सीआरपीएफ़ के जवानों के अलावा उसके ब्लैक पैंथर कमान्डो और असम पुलिस के लोग तैनात हैं। केंद्रीय बल के लोग नाकेबंदी हटाने के बजाय उसे लागू कर रहे हैं।

गाड़ियाँ लौटाईं

बुधवार की शाम मीडिया की गाड़ियों को असम-मिज़ोरम सीमा से एक किलोमीटर पहले ही रोक दिया गया और उन्हें वापस लौटने पर मज़बूर किया गया। 

सीआरपीएफ के जवानों ने इसकी वजह भी बताई। उनमें से एक ने 'इंडियन एक्सप्रेस' से कहा, "फ़िलहाल सीमा पर शांति है, पर यदि हमने लोगों को जाने दिया तो पता नहीं क्या हो जाए, इसलिए हम किसी को आगे नहीं जाने दे रहे हैं।"

 - Satya Hindi

असम के कछार ज़िले की पुलिस सुपरिटेंडेंट रमनदीप कौर ने नाकेबंदी से इनकार किया है। पर उन्होंने यह ज़रूर कहा कि कुछ संगठनों ने असम बंद का एलान किया है। 

उन्होंने कहा, 

बहुत ही नाजुक स्थिति है। हम कोई जोखिम नहीं ले सकते, ट्रकों को उनकी सुरक्षा के लिए ही रोका गया है।


रमनदीप कौर, पुलिस सुपरिटेंडेंट, कछार, असम

मिज़ो मुख्यमंत्री की अपील

इस बीच मिज़ोरम के मुख्यमंत्री ज़ोरमथंगा ने कहा है कि असम की आम जनता को या किसी दूसरे ग़ैर-मिज़ो व्यक्ति को कोई दिक्क़त नहीं है।

उन्होंने एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें असम की बराक घाटी का एक नागरिक बांग्ला में कहता दिख रहा है कि मिज़ोरम में वह पूरी तरह सुरक्षित है।

ज़ोरमथंगा ने यह भी कहा कि

ऑइज़ोल के चर्च में हमारे असमिया भाइयों ने कोरोना का टीका लगवाया। तमाम ग़ैर-असमिया मिज़ोरम में पूरी तरह सुरक्षित हैं और शांति से रह रहे हैं।


ज़ोरमथंगा, मुख्यमंत्री, मिज़ोरम

मंगलवार को असम-मिज़ोरम सीमा पर दोनों राज्यों के बीच झड़पें हुईं, जिसमें असम पुलिस के छह लोग मारे गए। इस पर काफी विवाद मचा।मिज़ोरम के मुख्य सचिव ने बुधवार को एलान किया कि वे अपनी पुलिस को विवादित क्षेत्र से लौट आने का आदेश दे चुके हैं।

दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों की नई दिल्ली में गृह मंत्रालय के अफ़सरों के साथ हुई बैठक के बाद मिज़ोरम के मुख्य सचिव ने यह फ़ैसला लिया।

उन्होंने कहा, "हम शांति बनाए रखेंगे।"

नई दिल्ली में बैठक

केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने इस बैठक की अध्यक्षता की। इसमें असम के मुख्य सचिव जिष्णु बरुआ और पुलिस महानिदेशक भास्कर ज्योति महंत मौजूद थे।

इसके अलावा इस बैठक में मिज़ोरम के मुख्य सचिव ललनुमाविया चुआनगो और पुलिस महानिदेशक एस. बी. के. सिंह ने भी भाग लिया। 

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