10 लाख करोड़ कर्ज माफ करने वाले देशद्रोही घोषित हों: केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल ने आज फिर से प्रधानमंत्री मोदी के 'मुफ़्त रेवड़ी बाँटने' वाले बयान को लेकर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि कॉर्पोरेट क्षेत्र के कर्ज के राइट ऑफ़ करने के फ़ैसले को देशद्रोह घोषित कर देना चाहिए और इस पर क़ानून लाया जाना चाहिए।
राइट ऑफ़ करने का सामान्य अर्थों में मतलब है कि एक ख़राब ऋण का रिकॉर्ड रद्द करना या किसी संपत्ति की वसूली में हानि या विफलता को मान लेना। इसे एक अर्थ में कर्ज माफी कहकर आलोचना भी की जाती रही है।
'मुफ्त रेवड़ी' वाली टिप्पणी को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार को उन लोगों के '10 लाख करोड़ रुपये' के कर्ज माफ करने के लिए आलोचना की जिन पर उन्होंने आरोप लगाया था कि वे सरकार के करीबी थे। उन्होंने कहा कि इसको देशद्रोह घोषित करने के लिए एक कानून लाया जाना चाहिए और इसमें शामिल सभी लोगों को सलाखों के पीछे भेजा जाना चाहिए।
केजरीवाल का बयान प्रधानमंत्री मोदी के उस बयान के संदर्भ में है जिसमें उन्होंने पिछले महीने के मध्य में एक कार्यक्रम में कहा था कि इस देश के लोगों, खासकर युवाओं को बहुत सावधान रहने की ज़रूरत है। प्रधानमंत्री ने कहा था कि रेवड़ी संस्कृति में विश्वास रखने वाले कभी भी आपके लिए नए एक्सप्रेसवे, हवाई अड्डे या रक्षा गलियारे नहीं बनाएंगे। इसी की प्रतिक्रिया में केजरीवाल ने कहा था कि जनता को मुफ्त और गुणवत्तापूर्ण सेवाएँ देना मुफ्त रेवड़ी नहीं है।
तब उन्होंने कहा था, 'मुझ पर आरोप लगाए जा रहे हैं कि केजरीवाल मुफ्त रेवड़ियाँ बाँट रहा है। केजरीवाल फ्रीबीज दे रहा है। मुझे भद्दी-भद्दी गालियाँ दी जा रही हैं। मेरे साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है और मेरा मजाक उड़ाया जा रहा है। मैं देश के लोगों से पूछना चाहता हूं कि मैं क्या गलत कर रहा हूं? मैं दिल्ली में गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों के बच्चों को मुफ्त और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दे रहा हूं। मैं लोगों से पूछना चाहता हूं कि क्या मैं मुफ्त रेवड़ियाँ बांट रहा हूं या देश की नींव रख रहा हूं?'
आम आदमी पार्टी के प्रमुख ने सोमवार को जारी एक बयान में बीजेपी पर 'दोस्तवाद' और कांग्रेस पर 'परिवारवाद' का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी पार्टी 'भारतवाद' लाने की कोशिश कर रही है। केजरीवाल ने सवाल किया कि केवल मंत्रियों को ही मुफ्त बिजली क्यों मिलनी चाहिए, आम नागरिकों को नहीं। उन्होंने पूछा, 'मुफ्त पानी, मुफ्त शिक्षा देने में क्या गलत है?'
उन्होंने बड़े पैमाने पर केंद्र द्वारा कॉर्पोरेट ऋणों को राइट ऑफ़ करते हुए मुफ्त की रेवड़ी बुलाने के लिए हमला किया। उन्होंने दावा किया कि आजादी के 75वें वर्ष में उन्हें मज़बूत करने की योजना बनाने के बजाय सरकारी कल्याणकारी सेवाओं को मुफ्त करार देकर उनके खिलाफ माहौल बनाया जा रहा है।
▪️Denmark, Norway जैसे 39 देश अपने बच्चों को Free Education देते हैं, ये देश इसी से अमीर बने
— AAP (@AamAadmiParty) August 8, 2022
▪️Canada, UK जैसे 9 देश Free Healthcare देते हैं
▪️US, Germany जैसे 16 देश बेरोज़गारी भत्ता देते हैं
ये देश अपने दोस्तों के लाखों-करोड़ के क़र्ज़ माफ़ नहीं करते
—CM @ArvindKejriwal pic.twitter.com/wAWwoOY4li
केजरीवाल ने केंद्र से हर घर को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा मुफ्त में, 300 यूनिट बिजली प्रदान करने और बेरोजगारी भत्ता की पेशकश करने की मांग की। उन्होंने कहा, 'इन लोगों ने अपने दोस्तों के 10 लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया। ऐसे लोगों को देशद्रोही कहा जाना चाहिए और उनके खिलाफ जांच होनी चाहिए।'
केजरीवाल ने अपनी पिछले महीने दी गई प्रतिक्रिया में भी कहा था, 'मैं आपको बताता हूँ कि मुफ्त रेवड़ी क्या है, और इस देश में मुफ्त रेवड़ी कौन बांट रहा है। एक बड़ी कंपनी है जिसने विभिन्न बैंकों से कर्ज लिया। खा गए वो लोन। बैंक दिवालिया हो गया। उस कंपनी ने एक राजनीतिक दल को कुछ करोड़ का चंदा दिया और इस कंपनी के खिलाफ सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। यह मुफ्त रेवड़ी है।'
उन्होंने निशाना साधा था, 'जब आप अपने दोस्तों के हजारों करोड़ का कर्ज माफ करते हैं तो वह मुफ्त रेवड़ी है। जब आप विदेश यात्रा पर जाते हैं और उस यात्रा को अपने कुछ दोस्तों के लिए विदेशी सरकारों के साथ अनुबंध तय करने के बहाने के रूप में इस्तेमाल करते हैं, तो यह मुफ्त रेवड़ी है।