अरुणाचल प्रदेश से गायब हुए 5 युवक वास्तविक नियंत्रण रेखा के उस पार चीनी सीमा में पाए गए हैं। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि पीपल्स लिबरेशन आर्मी ने इन लोगों के पाए जाने की पुष्टि कर दी है।
याद दिला दें कि अरुणाचल प्रदेश के स्थानीय अख़बारों ने ख़बर दी थी कि सुबनसिरी ज़िले में घुस कर चीनी सेना ने 5 युवकों को उठा लिया और अपने साथ ले गई। इसके बाद स्थानीय प्रशासन ने उनका पता लगाने के लिए एक पुलिस टीम भेजा था।
पीएलए ने की पुष्टि
किरेन रिजिजू ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि पीपल्स लिबरेशन आर्मी ने हॉटलाइन से भेजे गए संवाद का जवाब दिया है और कहा है कि उनकी तरफ ये लोग पाए गए हैं। उन्हें वापस भारत को सौंपने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता लेफ़्टीनेंट कर्नल हर्ष वर्धन ने कहा कि इन युवाओं को वापस लाने के लिए तयशुदा प्रक्रिया अपनाई जा रही है। उन्होंने कहा, 'आज पीएलए से हमें उन 5 युवाओं के बारे में पता चला है, उन्हें जल्द से जल्द वापस लाने के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेशन प्रोसीज़र अपनाया जा रहा है।'
हुआ क्या था
इस पूरे मामले की शुरुआत दो दिन पहले पूर्वी अरुणाचल के सांसद तापिर गाओ के ट्वीट से हुई। उन्होंने कहा था कि 'अपर सुबनिसिरी ज़िले में मैकमोहन लाइन के सेरा 7 से पीएलए के लोगों ने तागिन समुदाय के 5 युवकों का अपहरण कर लिया। ऐसा मार्च में भी हुआ था।'किरेन रिजिजू ने चीनी सेना से इन गायब लोगों के बारे में पूछा था। चीनी सरकार के नियंत्रण में चलने वाले अख़बार ग्लोबल टाइम्स के अनुसार, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा था कि 'चीन ने कथित अरुणाचल प्रदेश को कभी भी मान्यता नहीं दी, यह चीन के दक्षिण तिब्बत का हिस्सा है।'
चीन दोनों देशों को बाँटने वाली मैकमोहन लाइन को नहीं मानता है। वह अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा शुरू से ही मानता आया है। इसमें नया कुछ भी नहीं है। लेकिन जिस तरह चीन के साथ तनाव बढ़ रहा है, उसमें चीन का यह कहने से तनाव और बढ़ेगा।