उत्तराखंड में हुए अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर अंकिता के परिजन इंसाफ की गुहार लगा रहे हैं। अंकिता के परिजनों ने उसकी हत्या की सीबीआई जांच कराने की मांग की है। उनका आरोप है कि इस मामले में जांच कर रही एसआईटी दबाव में है और वह दोषियों को बचाने की कोशिश कर रही है।
अंकिता के पिता वीरेंद्र सिंह भंडारी का कहना है कि उन्हें एसआईटी की जांच पर भरोसा नहीं है और इसलिए वह अपनी बेटी की हत्या की सीबीआई जांच चाहते हैं।
बताना होगा कि उत्तराखंड में 18 सितंबर से लापता हुई अंकिता भंडारी का शव 24 सितंबर की सुबह मिला था। इस मामले में वनंतरा रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, रिसॉर्ट के प्रबंधक सौरभ भास्कर और सहायक प्रबंधक अंकित उर्फ पुलकित गुप्ता को गिरफ्तार किया गया था। अंकिता इस रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के पद पर थी और मौत से कुछ दिन पहले ही उसे यह नौकरी मिली थी।
अंकिता के पिता और उसकी मां ऋषिकेश में इस मुद्दे पर सामाजिक संगठन युवा न्याय संघर्ष समिति की ओर से दिए जा रहे धरने में शामिल हुए। अंकिता को इंसाफ दिलाए जाने की मांग को लेकर समिति की ओर से 1 महीने से ज्यादा वक्त से धरना दिया जा रहा है।
सुबूतों को खत्म कर दिया
अंकिता के पिता ने धरना स्थल पर कहा कि अंकिता की हत्या के बाद इस मामले में सुबूतों को खत्म कर दिया गया था। वनंतरा रिसॉर्ट के बगल में जो फैक्ट्री थी, उस फैक्ट्री में बने कमरों में भी आग लगा दी गई थी। उन्होंने कहा कि इन कमरों में ही अभियुक्त रहते थे। उन्होंने जोर देकर कहा कि उन्हें एसआईटी जांच पर भरोसा नहीं है और जब सुबूत ही खत्म कर दिए गए हैं तो दोषियों को सख्त सजा कैसे मिलेगी।
अंकिता के पिता ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें भरोसा दिलाया था कि इस मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट के जरिए जांच कराई जाएगी लेकिन कुछ नहीं हुआ।
अंकिता हत्याकांड के बाद अभियुक्त के रिसॉर्ट पर बुलडोजर चला था लेकिन यह पता नहीं चला था कि आखिर किसके आदेश पर बुलडोजर चलाया गया। अंकिता के पिता ने तब भी सवाल उठाया था कि क्या सुबूतों को मिटाने के लिए रिसॉर्ट को गिरा दिया गया।
पुलिस ने इस मामले में पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और पुलकित गुप्ता के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट लगाया था। पुलिस ने जो एफआईआर दर्ज की थी उसमें कहा गया था कि पुलकित आर्य अवैध कामों में शामिल था और उसने इसके जरिए पैसा कमाया था। पुलिस ने कहा था कि तीनों ही अभियुक्त अंकिता भंडारी पर रिसॉर्ट में आने वाले कुछ मेहमानों के लिए स्पेशल सर्विस देने का दबाव बना रहे थे और जब उसने विरोध किया तो उन्होंने उसकी हत्या कर दी। अंकिता का शव 24 सितंबर को ऋषिकेश में चीला नहर से मिला था।
पुलिस ने बताया था कि पुलकित आर्य ने ही अंकिता भंडारी को नहर में धक्का देने की बात कुबूल की थी। इस घटना को लेकर उत्तराखंड में जोरदार प्रदर्शन हुए थे।
बुलडोजर किसने कहने पर चला?
इस मामले में मुख्य अभियुक्त पुलकित आर्य के रिसॉर्ट पर आखिर बुलडोजर किसके कहने पर चला, इसका पता नहीं चल सका था। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा था कि बुलडोजर चलाने की अनुमति किसने दी यह जांच का विषय है। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता हरीश रावत ने भी रिसॉर्ट पर बुलडोजर किसने चलाया, इसे लेकर सवाल उठाए थे।
अंकिता भंडारी की हत्या के मामले में मुख्य अभियुक्त पुलकित आर्य के पिता और भाई पर राज्य की बीजेपी सरकार और संगठन ने कार्रवाई की थी। पुलकित आर्य के पिता और बीजेपी नेता डॉ. विनोद आर्य को पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया था। डॉ. विनोद आर्य बीजेपी में ओबीसी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य थे और यूपी के सह प्रभारी भी थे।
डॉ. विनोद आर्य के पुत्र अंकित आर्य को भी बीजेपी से निष्कासित कर दिया गया था।