एक वक्त में भारत के नामचीन उद्योगपति रहे अनिल अंबानी के दिन इन दिनों बेहद ख़राब चल रहे हैं। हालात इस कदर ख़राब हैं कि अंबानी को अदालतों में चल रहे मुक़दमों की फीस अपनी ज्वैलरी को बेचकर चुकानी पड़ रही है। बेहद ग़रीबी से चलकर लाखों-करोड़ों रुपये का साम्राज्य खड़ा करने वाले धीरूभाई अंबानी के बड़े बेटे मुकेश की संपत्ति बढ़ती जा रही है लेकिन दूसरे बेटे अनिल की माली हालत और बिगड़ रही है।
अनिल अंबानी ने लंदन की एक अदालत को बताया है कि उनके ख़र्चों को उनकी पत्नी और उनका परिवार उठा रहा है। अंबानी शुक्रवार को उन पर एक चीनी बैंक द्वारा दर्ज कराए गए केस में अदालत के सामने वीडियो लिंक के जरिए अपनी बात रख रहे थे। चीनी बैंक इस उद्योगपति से अपने पैसे वापस लेना चाहता है।
लोन चुका पाने में रहे फेल
इस बैंक के द्वारा 2012 में अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशन को पर्सनल गारंटी पर 900 मिलियन डॉलर का लोन दिया गया था। लेकिन वह इसे चुकाने में फेल रहे थे। इसके बाद अदालत ने उनसे कहा था कि वे पिछले 24 महीनों के अपने बैंक और क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट के साथ ही 1,00,000 अमेरिकी डॉलर से अधिक की संपत्ति की सूची सामने रखें। चीनी बैंक के वकील ने कहा कि अनिल के द्वारा दी गई सूची अधूरी है।
सुनवाई के दौरान अंबानी से उनकी संपत्ति, देनदारियों और ख़र्चों से जुड़े सवाल किए गए। अंबानी ने कहा कि उनकी महंगी कारों के बारे में जो बातें कही जा रही हैं, वह सिर्फ़ मीडिया द्वारा चलाई गई हैं और मनगढ़ंत हैं।
‘लग्जरी लाइफ़ स्टाइल नहीं जीता’
अनिल ने यह भी कहा कि अक्टूबर, 2018 में उन्होंने अपनी मां से 5 बिलियन डॉलर का लोन लिया था और इसके अलावा उन्होंने अपने बेटे से भी लोन लिया है। चीनी बैंक के वकील थांकी ने उनसे पूछा कि क्या वह वास्तव में अदालत की मदद करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि तुम्हारी (अनिल) लीगल टीम का साइज़ और तुम्हारे लाइफ़स्टाइल से लगता है कि तुम्हारे पास इनकम का कोई दूसरा जरिया भी है, इस पर अनिल ने फिर से कहा कि वे लग्जरी लाइफ़ स्टाइल नहीं जीते हैं।
अनिल अंबानी की ओर से अपनी मुश्किलों का जिक्र करने के बाद चीनी बैंक के वकील ने उनकी लग्जरी वाली लाइफ़स्टाइल और उनके भाई मुकेश अंबानी से उन्हें मिली मदद की दलील रखी।
मुकेश ने की थी मदद
इस साल फरवरी में अनिल अंबानी को एरिक्सन कंपनी को 550 करोड़ रुपये ना देने की वजह से अदालत की अवमानना का दोषी ठहराया गया था। हालांकि बाद में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और उनके बड़े भाई मुकेश अंबानी ने उनकी मदद की थी और एरिक्सन को ब्याज सहित 550 करोड़ का बकाया भुगतान कर दिया गया था। मुकेश ने ऐसा करके अनिल को जेल जाने से बचा लिया था।
अनिल और मुकेश 2007 में अलग हो गए थे और फ़ोर्ब्स के मुताबिक़, उस समय अनिल अंबानी के पास कुल 45 अरब डॉलर की जायदाद थी, जबकि बड़े भाई मुकेश के पास 49 अरब डॉलर की संपत्ति थी।
दस साल में अनिल अंबानी की रिलायंस कम्युनिकेशन्स, रिलायंस इन्फ़्रास्ट्रक्चर और रिलायंस कैपिटल का मार्केट कैपिटलाइजेशन 56,600 करोड़ से घटकर 47,017 करोड़ रुपये हो गया। जबकि मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज़ की क़ीमत 96,668 करोड़ रुपये से बढ़ कर 5,90,500 करोड़ रुपये हो गयी थी।