यह है मोदी सरकार के मंत्री अनंत कुमार हेगड़े की भाषा का एक और नायाब नमूना, हेगड़े ने बयान दिया है कि जो हाथ हिंदू लड़कियों को छुए, वे हाथ रहने ही नहीं चाहिए। हेगड़े पहले भी ऐसे विवादित बयान देते रहे हैं। उनके अब तक दिए बयान सुनने के बाद यही कहा जा सकता है कि मोदी जी कहाँ से लाए हो ऐसा नायाब हीरा। देखें ट्वीट -
शिव मंदिर था ताजमहल
रविवार को कर्नाटक के कोडागू में एक रैली को संबोधित करते हुए हेगड़े ने कहा, ‘ताजमहल मुसलिमों ने नहीं बनाया था, यह एक शिव मंदिर था और इसे तेजो महालय के नाम से जाना जाता था।’ हेगड़े के मुताबिक़, ताजमहल को राजा परमतीर्थ ने बनाया था। हेगड़े आगे बोले, ‘अगर हम इसी तरह सोते रहे तो हमारे घरों के नाम भी मसजिदों की तरह बदल दिए जाएँगे। भगवान राम को जहाँपनाह और सीता को बीबी कहा जाएगा।’
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हेगड़े यहीं नहीं रुके और कहा कि शाहजहाँ ने अपनी जीवनी में लिखा है कि उसने ताजमहल वाली जगह को राजा जयसिम्हा से ख़रीदा था। केंद्रीय मंत्री ने कहा, हमें हमारे आस-पास जो हो रहा है, उस पर भी निगाह रखनी चाहिए।
संविधान बदलने की कही थी बात
पिछले साल भी बयानवीर हेगड़े ने अपने बयानों से ऐसा ही कुछ तमाशा किया था। हेगड़े ने तब एक रैली में बिना किसी डर के मंच से कहा था कि बीजेपी संविधान में संशोधन करने के लिए ही सत्ता में आई है। उन्होंने कहा था कि संविधान में पहले भी संशोधन हुए हैं और हम संशोधन करके 'सेक्युलर' शब्द को संविधान से हटाएँगे। उन्होंने तब यह भी कहा था कि ऐसे लोग जो अपने पुरखों के बारे में नहीं जानते, वे ही ख़ुद को सेक्युलर कहलाते हैं। उनके मुताबिक़, ऐसे लोगों की अपनी कोई पहचान नहीं होती लेकिन उन्हें बुद्धिजीवी कहा जाता है।
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ये तो रहे बयानवीर हेगड़े के बयान। लेकिन अब सवाल यह उठता है कि हेगड़े जिस संविधान की शपथ लेकर मंत्री बने हैं, वह खुलेआम उसमें संशोधन की बात करते हैं। उन्हें संविधान में लिखे 'सेक्युलर' शब्द से आपत्ति है। वह खुलेआम कह रहे हैं कि हिंदू लड़कियों को छूने वाले हाथ रहने ही नहीं चाहिए।
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कार्रवाई का ख़ौफ़ नहीं
केंद्र में मंत्री जैसे अहम ओहदे पर बैठे हेगड़े पर पहले भी कोई कार्रवाई नहीं हुई थी और इस बार कोई कार्रवाई होगी, कहना मुश्किल है। क्योंकि जिस तरह बुलंद आवाज़ में उन्होंने इस तरह के विवादित बयान दिए हैं, उससे तय है कि उन्हें किसी क़ानून या किसी भी कार्रवाई का कोई ख़ौफ़ नहीं है।
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हेगड़े के बयान पर कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष दिनेश गुंडू राव ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। राव ने ट्वीट किया, यह बेहद शर्मनाक है कि ऐसे लोग मंत्री बन गए हैं। उन्होंने हेगड़े से सवाल पूछा कि मंत्री और सांसद के रूप में उनकी क्या उपलब्धियाँ हैं, उन्होंने कर्नाटक के विकास के लिए क्या किया है? देखें ट्वीट -
फिर दिखाई ‘भाषाई सभ्यता’
जैसा पहले कहा था कि हेगड़े मोदी सरकार के नायाब हीरे हैं तो वह राव के बयान का जवाब अपनी ही भाषा में देने से कैसे पीछे रहते। उन्होंने ट्विटर पर जवाब लिखा, ‘मैं हर हाल में राव के सवालों का जवाब दूँगा। लेकिन पहले उन्हें यह बताना चाहिए कि उनकी उपलब्धियों के साथ कौन खड़ा है। मैं उन्हें ऐसे शख़्स के रूप में जानता हूँ जो एक मुसलिम औरत के पीछे पड़े थे।' देखें ट्वीट -
राव ने हेगड़े को ट्विटर पर जवाब दिया, मुझे दु:ख हुआ कि अनंत कुमार बहस को इतने नीचे स्तर पर ले आए हैं और निजी बातों को इसमें घसीट रहे हैं। राव ने लिखा कि हेगड़े ने हिंदू धर्मग्रंथों से कुछ नहीं सीखा। लेकिन अभी समय बाक़ी है और वह कोशिश कर अच्छा इंसान बन सकते हैं।
कुल मिलाकर यही कहा जा सकता है कि हेगड़े खुलेआम अपनी ‘भाषाई सभ्यता’ का परिचय देते रहे और इस बात को भी भूल गए कि केंद्र में मंत्री जैसे अहम ओहदे पर बैठे व्यक्ति को सार्वजनिक जीवन में कैसा व्यवहार करना चाहिए। किसी तरह की कार्रवाई उन पर होगी, इसकी उम्मीद न पहले थी और न अब करनी चाहिए, क्योंकि वह नायाब हीरे जो ठहरे।