पंजाब में जमीन से लेकर आसमान तक में खालिस्तान समर्थक नेता अमृतपाल सिंह खालसा की तलाश हो रही है। सैकड़ों सुरक्षाकर्मी इस काम में लगे हैं। सरकार के इस एक्शन को कांग्रेस और बीजेपी का समर्थन मिल गया है। जबकि शिरोमणि अकाली दल और बादल परिवार ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध ली है। पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है।
विपक्ष खासकर कांग्रेस और बीजेपी लंबे समय से वारिस पंजाब दे प्रमुख अमृतपाल सिंह पर कार्रवाई नहीं किए जाने को मुद्दा बना रहे थे। पुलिस ने कल शनिवार से अमृतपाल और उसके कथित संगठन के सदस्यों को गिरफ्तार करने के लिए बड़े पैमाने पर कार्रवाई शुरू की। पंजाब पुलिस ने सभी एयरपोर्ट पर एलर्ट जारी किया है। अमृतपाल के 78 साथियों को विभिन्न इलाकों से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। अमृतपाल सिंह खालसा को कल शनिवार को आखिरी बार जालंधर जिले में देखा गया था, उसके बाद उसका पता नहीं है।
कांग्रेस नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने पुलिस कार्रवाई को देर से लेकिन स्वागत योग्य कदम करार दिया। उन्होंने पंजाब के लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर विश्वास न करने का आह्वान किया।
राज्य कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने अमृतपाल पर निशाना साधा और कहा कि सच्चे सिख भागते नहीं हैं। उन्होंने ट्वीट किया- 'भले ही पंजाब पुलिस को यह कार्रवाई करने के लिए मजबूर किया गया हो, लेकिन वह आखिरकार कार्रवाई कर रही है।'
कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने पुलिस से बचने के लिए अमृतपाल पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा - माताओं के बेटों को मारने वाला व्यक्ति कायरों की तरह भाग रहा है। यह शख्स युवाओं को हथियार उठाने और खालिस्तान के लिए खुद को कुर्बान करने के लिए उकसा रहा था। अब, उसे देखें। वह अपनी जान बचाने के लिए भाग रहा है।
संयोग से नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध ली। बीजेपी नेता हरजीत सिंह ग्रेवाल ने भी पुलिस कार्रवाई की सराहना की। उन्होंने कहा कि अमृतपाल देश का दुश्मन है और उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
शिरोमणि अकाली दल ने सारे घटनाक्रम पर चुप्पी साध ली है। पार्टी या उसके नेताओं ने कोई बयान जारी नहीं किया है।