मोदी सरकार के शपथ ग्रहण के दिन ही जम्मू कश्मीर में आतंकवादी हमला हुआ। चार दिनों में चार आतंकवादी हमले हुए। इसके बाद ताबड़तोड़ बैठकें हो रही हैं। कभी सुरक्षा की स्थिति का आकलन तो कभी आतंकवादियों से निपटने की रणनीति पर चर्चा। कभी प्रधानमंत्री तो कभी गृहमंत्री की उच्च स्तरीय बैठकें। अब गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति का जायजा लिया। शाह ने दिल्ली के नॉर्थ ब्लॉक स्थित गृह मंत्रालय में बैठक की अध्यक्षता की।
गृहमंत्री ने 29 जून से शुरू होने वाली वार्षिक अमरनाथ तीर्थयात्रा की तैयारियों की भी समीक्षा की। उन्होंने आतंकवाद विरोधी अभियानों को तेज करने के लिए व्यापक दिशा-निर्देश दिए।
जम्मू कश्मीर में सुरक्षा को लेकर हुई इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, सेना प्रमुख-डेजिग्नेट लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, खुफिया ब्यूरो के निदेशक तपन डेका, सीआरपीएफ के महानिदेशक अनीश दयाल सिंह, जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक आरआर स्वैन और अन्य शीर्ष सुरक्षा अधिकारी शामिल हुए।
गृहमंत्री की यह उच्च स्तरीय बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इसी तरह की बैठक करने के तीन दिन बाद हुई है। बैठक में पीएम मोदी ने अधिकारियों को आतंकवाद-रोधी क्षमताओं का पूरा इस्तेमाल करने का निर्देश दिया। प्रधानमंत्री ने अमित शाह से सुरक्षा बलों की तैनाती और आतंकवाद विरोधी अभियानों पर चर्चा की थी। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से भी बात की और केंद्र शासित प्रदेश की स्थिति का जायजा लिया था।
पीएम मोदी के शपथ ग्रहण के दिन तीर्थयात्रियों को ले जा रही बस पर हमले सहित कई आतंकी घटनाओं के बाद जम्मू-कश्मीर में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अब तक कई उच्च स्तरीय बैठकें हुई हैं।
चार दिनों में जम्मू-कश्मीर के रियासी, कठुआ और डोडा जिलों में चार जगहों पर आतंकवादियों ने हमला किया। इन हमलों में नौ तीर्थयात्री और एक सीआरपीएफ जवान की मौत हो गई और सात सुरक्षाकर्मी और कई अन्य घायल हो गए।
कठुआ जिले में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में दो संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकवादी भी मारे गए और उनके पास से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया।
यह घटना दक्षिण कश्मीर हिमालय में अमरनाथ गुफा मंदिर की वार्षिक तीर्थयात्रा से पहले हुई है। अमरनाथ यात्रा 29 जून से शुरू होने वाली है और 19 अगस्त तक जारी रहेगी।
माना जा रहा है कि इस बार आतंकवादियों की बदली रणनीति के अनुसार रणनीति तैयार की जाएगी। कहा जा रहा है कि आतंकियों ने अपनी रणनीति बिल्कुल बदली है। उन्होंने अपना ध्यान जम्मू क्षेत्र की ओर केंद्रित कर दिया है, जिसमें राजौरी और पुंछ जिलों को शामिल करने वाली पीर पंजाल घाटी भी शामिल है। रणनीति में इस बदलाव की वजह से सुरक्षा बलों और नागरिकों के मारे जाने की घटनाएं बढ़ रही हैं।
आतंकवादियों ने हाल में यात्रियों को निशाना बनाने का तरीक़ा भी बदला है। तीर्थयात्रियों से भरी बस के लोगों को गोली नहीं मारकर, चालक को निशाना बनाया। जाहिर है बस के अनियंत्रित होकर खाई में गिरने से मौत के मामले तो बढ़ेंगे ही।
बहरहाल, रिपोर्ट के अनुसार बैठक में अमित शाह को जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति, अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर बलों की तैनाती, घुसपैठ के प्रयासों, चल रहे आतंकवाद विरोधी अभियानों की स्थिति और केंद्र शासित प्रदेश में सक्रिय आतंकवादियों की ताक़त के बारे में जानकारी दी गई।