क्या कभी कोई कल्पना कर सकता था कि मास्को से व्लादिवस्तोक तक दर्जनों शहरों में हज़ारों लोग सड़कों पर उतर आएँगे और ‘पुतिन तुम हत्यारे हो’, ऐसे नारे लगाएँगे? लेकिन आजकल पूरा रूस जन-प्रदर्शनों से खदबदा रहा है। नर-नारी और बच्चे-बूढ़े भयंकर ठंड की परवाह किए बिना रूस की सड़कों पर डंडे खा रहे हैं और गिरफ्तारियाँ दे रहे हैं। व्लादिमीर पुतिन के एक छत्र राज्य में यह सब क्यों हो रहा है? यह हो रहा है, एलेक्सेइ नवाल्नी के नेतृत्व में।
नवाल्नी कौन है? यह 46 साल का चिर-युवा है, जिसने सरकारी भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ देशव्यापी अभियान चला रखा है और जिसे अगस्त 2020 में जहर देकर मारने की कोशिश की गई थी। नवाल्नी यों तो 2008 से ही कई सरकारी कंपनियों और नेताओं के भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए रूस में प्रसिद्ध हो गए थे लेकिन पिछले दिनों जब एक हवाई यात्रा के दौरान वे अचानक बेहोश हो गए तो उन्हें इलाज के लिए जर्मनी ले जाया गया। जर्मन डॉक्टरों ने सिद्ध किया कि उन्हें जहर दिया गया था। इसी तरह का ‘नोविचेक’ नामक जहर रूसी जासूस सर्गेइ स्कृपाल को भी देकर मारा गया था।
यूरोपीय संघ ने नवाल्नी के मामले में कई रूसी संस्थाओं पर प्रतिबंध भी लगा दिए हैं। वैसे नवाल्नी को कोई प्रभावशाली नेता नहीं माना जाता था लेकिन उसके उग्र राष्ट्रवादी तेवरों और भ्रष्टाचार-विरोध के कारण रूसी नौजवान उसकी तरफ़ आकर्षित होने लगे थे। 2011 के चुनावों में उसका असर भी दिखाई पड़ने लगा।
पुतिन की ‘यूनाइटेड रशिया’ पार्टी को नवाल्नी ‘गुंडों और चोरों का अड्डा’ कहने लगा। उसे दो-तीन बार जेल भी हुई लेकिन वह डरा नहीं।
अब उसने पुतिन के भ्रष्टाचार पर सीधा आक्रमण शुरू कर दिया है। अब पुतिन की तरह उसे भी सारी दुनिया जानने लगी है। जर्मनी से इलाज करवाकर लौटने पर उसे दुबारा जेल में डाल दिया गया है। नवाल्नी की रिहाई के लिए हज़ारों प्रदर्शनकारी गिरफ्तारियाँ दे रहे हैं। ‘ब्लेक सी’ पर अरबों रुपये से बने महल को पुतिन का बताया जा रहा है। इन आरोपों को पुतिन बराबर रद्द करते आ रहे हैं और कह रहे हैं कि वे रूस में शांति और व्यवस्था बनाए रखने में कोई कसर नहीं रखेंगे। पश्चिमी राष्ट्र रूस की इस मुसीबत का मजा ले रहे हैं।