समाजवादी पार्टी हिन्दू पिच पर खेलने को तैयार है। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने आज कहा कि वो सवर्ण यात्रा निकालेंगे। दूसरी तरफ अखिलेश के चाचा शिवपाल यादव आज ही लखनऊ की एक मशहूर दरगाह में चादर चढ़ाने पहुंच गए। अखिलेश से समझौते के बाद वो भी आज से ही अपनी राजनीतिक यात्रा पर निकले।
अखिलेश की दो गतिविधियां
अखिलेश यादव विकास की बात करते-करते हिन्दू मतदाताओं को खुश करने में जुट गए हैं। आज के उनके दो एक्शन उन्हें सीधे बीजेपी के कोर वोटर ब्राह्मणों से जोड़ने की कवायद के अलावा कुछ नहीं थे।
सपा अध्यक्ष की यात्रा आज लखनऊ में एचसीएल से गोसाईगंज की तरफ गई। गोसाईगंज में भगवान परशुराम का मंदिर है। अखिलेश यादव इस मंदिर में गए। पहले मूर्ति का अनावरण किया, फिर पूजा की। पुजारी से कलेवा बंधवाया।
महरुवा कलां में भारी भीड़ के बीच उन्होंने अपने रथ से प्रतीकात्मक फरसा भी लहराया। फरसा लहराते हुए उन्होंने कुछ भी नहीं कहा लेकिन तेवर से लग रहा था कि वो इस फरसे को वोट की मशीन में बदलना चाहते हैं।
जौनपुर के बदलापुर में आज ही ब्राह्मण विद्वानों का सम्मेलन था। इसे ब्रह्मादेश समागम नाम दिया गया था। इस अवसर पर जारी पोस्टर को अखिलेश ने ट्वीट किया और सम्मेलन के लिए शुभकामनाएं दीं। ब्राह्मण सम्मेलन के इस पोस्टर को अखिलेश ने सोच-समझकर पोस्ट किया था। वो जताना चाहते थे कि सपा से बड़ी संख्या में ब्राह्मण जुड़ा हुआ है। बदलापुर के पूर्व विधायक ओमप्रकाश बाबा दुबे पुराने समाजवादी नेता है। पोस्टर पर उनका और अरुण दुबे का नाम प्रमुखता से है।
अखिलेश की घोषणाएं
सपा अध्यक्ष ने एचसीएल से लेकर गोसाईगंज तक निकाली गई रथ यात्रा के दौरान कई महत्वपूर्ण बातें भी कहीं। उन्होंने कहा कि सपा अब सवर्ण यात्रा निकालेगी यानी बीजेपी जिस पिच पर खेलती है, अखिलेश भी उसी पिच पर खेलना चाहते हैं। इसलिए उनकी सवर्ण यात्रा निकालने की घोषणा महत्वपूर्ण है। हालांकि सपा के तमाम नेता नहीं जानते कि इस यात्रा का मकसद क्या है, जब यादव और मुसलमान सपा के कोर वोटर हैं।
अखिलेश ने किसानों के लिए कई घोषणाएं भी कीं। उन्होंने कहा कि गरीबों और किसानों को 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली दी जाएगी। किसानों को सिंचाई की मुफ्त सुविधा मिलेगी। अखिलेश को देखने और सुनने के लिए ग्रामीण इलाके में भारी भीड़ दिखी। महरुवा कलां में जिस जगह मंदिर था, वहां भी बड़ी तादाद में युवक अखिलेश से हाथ मिलाने के लिए आतुर दिखे। रथ में बैठने के बाद अखिलेश बाहर सिर निकालकर कभी फरसा तो कभी गदा लहराते दिखे।
चाचा शाहमीना शाह दरगाह पर
हाल ही में अखिलेश यादव से बिना शर्त समझौता करने वाले उनके चाचा शिवपाल यादव भी आज सक्रिय नजर आए। उन्होंने अपने मिशन की शुरुआत लखनऊ में शाहमीना शाह की दरगाह पर चादर चढ़ाने से की। इस संख्या में बड़ी तादाद में उनकी पार्टी प्रसोपा और सपा के कार्यकर्ता उनका स्वागत करने पहुंचे थे। उन्होंने कोई भाषण नहीं दिया लेकिन कार्यकर्ताओं से चुनाव में जुटने का इशारा कर दिया। शिवपाल ने सपा और अखिलेश की कामयाबी के लिए दुआ भी मांगी। शिवपाल ने इस मौके पर मुस्लिम टोपी पहनने से गुरेज नहीं किया।
शिवपाल ने जब अपनी पार्टी बनाई थी तो उनके साथ काफी संख्या में मुस्लिम नेता भी जुड़े थे। शिवपाल उन्हीं नेताओं की सलाह पर इस मिशन पर निकले हैं। दरअसल, ओवैसी के यूपी में सक्रिय होने से सपा मुसलमानों को लेकर सशंकित हो गई है। इसलिए शिवपाल ने खुद पहल कर मुसलमानों से संपर्क साधने की योजना बनाई है। जौनपुर, गाजीपुर, मऊ, अम्बेडकरनगर बस्ती वगैरह में शिवपाल के कार्यक्रम तैयार किए जा रहे हैं। वे इन इलाकों में मुसलमानों के प्रमुख नेताओं से सपा को मजबूत करने के लिए कहेंगे।