एके एंटनी के बेटे अनिल ने कांग्रेस से इस्तीफ़ा क्यों दिया?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री का विरोध करने के एक दिन बाद ही केरल के पूर्व मुख्यमंत्री एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया।
अनिल ने पार्टी की सभी ज़िम्मेदारियों को त्यागने की घोषणा ट्विटर पर की। उन्होंने बुधवार को ट्विटर पर लिखा, 'मैंने राष्ट्रीय कांग्रेस और केरल कांग्रेस में अपनी भूमिकाओं से इस्तीफा दे दिया है। उन लोगों द्वारा एक ट्वीट को वापस लेने की असहिष्णु कॉल, जो बोलने की आज़ादी के लिए लड़ते हैं। मैंने मना कर दिया। प्यार फैलाने का समर्थन करने वालों द्वारा फेसबुक वाल पर नफरत/अपशब्दों को बढ़ावा! इसे पाखंड कहते हैं! ज़िंदगी आगे बढ़ेगी। नीचे इस्तीफा पत्र है।'
I have resigned from my roles in @incindia @INCKerala.Intolerant calls to retract a tweet,by those fighting for free speech.I refused. @facebook wall of hate/abuses by ones supporting a trek to promote love! Hypocrisy thy name is! Life goes on. Redacted resignation letter below. pic.twitter.com/0i8QpNIoXW
— Anil K Antony (@anilkantony) January 25, 2023
अनिल केरल में कांग्रेस डिजिटल मीडिया संयोजक के रूप में काम कर रहे थे। अनिल ने दिग्गज कांग्रेस नेता शशि थरूर को केरल कांग्रेस डिजिटल मीडिया संयोजक के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। अपने त्याग पत्र में अनिल ने अपने कुछ सहयोगियों पर कटाक्ष किया और कहा, 'मुझे यकीन है कि मेरे पास अपनी अनूठी ताकत है जो मुझे कई तरीकों से पार्टी में बहुत प्रभावी ढंग से योगदान करने में सक्षम बना सकती थी। हालांकि, अब मुझे अच्छी तरह से अवगत कराया गया है कि आप, आपके सहयोगी, और नेतृत्व के आसपास के मंडली केवल चापलूसों और चमचों के झुंड के साथ काम करने के इच्छुक हैं, जो निर्विवाद रूप से आपके इशारे पर काम करेंगे। यह योग्यता का अकेला मानदंड बन गया है।'
2002 के गुजरात दंगों पर बीबीसी की विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री को केरल में विभिन्न राजनीतिक संगठनों द्वारा दिखाया गया था। उनमें भारतीय वामपंथी छात्र संघ (एसएफआई) भी शामिल था। इसका बीजेपी युवा विंग ने विरोध किया। और इसी विरोध के बीच बीजेपी को तब अप्रत्याशित समर्थन मिला जब केरल के पूर्व मुख्यमंत्री एके एंटनी के बेटे अनिल ने डॉक्यूमेंट्री के खिलाफ नाराजगी व्यक्त की।
अनिल ने इस्तीफ़े में जिस ट्वीट का ज़िक्र किया है वह दरअसल बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री से जुड़ी है। डॉक्यूमेंट्री का विरोध करते हुए अनिल एंटनी ने मंगलवार को कहा था कि ब्रिटिश ब्रॉडकास्टर के विचारों को भारतीय संस्थानों पर थोपना देश की संप्रभुता को कमजोर करेगा।
Despite large differences with BJP, I think those in 🇮🇳 placing views of BBC, a 🇬🇧 state sponsored channel with a long history of 🇮🇳 prejudices,and of Jack Straw, the brain behind the Iraq war, over 🇮🇳 institutions is setting a dangerous precedence,will undermine our sovereignty.
— Anil K Antony (@anilkantony) January 24, 2023
बता दें कि बीबीसी की 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' नामक दो-भाग की श्रृंखला में डॉक्यूमेंट्री का पहला एपिसोड सामने आया है। बीबीसी ने इस सीरीज के डिस्क्रिप्शन में कहा है कि 'भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के मुस्लिम अल्पसंख्यक के बीच तनाव को देखते हुए 2002 के दंगों में उनकी भूमिका के बारे में दावों की जांच कर रहा है, जिसमें एक हजार से अधिक लोग मारे गए थे।'
जब इस डॉक्यूमेंट्री की ख़बर मीडिया में आई तो भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी किया। सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और 2002 के गुजरात दंगों पर बीबीसी श्रृंखला की कड़ी निंदा की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि 'झूठे नैरेटिव को आगे बढ़ाने के लिए प्रोपेगेंडा डिजाइन किया गया'।