तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में शुक्रवार शाम को एयर इंडिया एक्सप्रेस की जिस फ्लाइट में हाइड्रोलिक खराबी आई थी वह आख़िरकार सुरक्षित तरीके से लैंड हो गई। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कहा है कि डीजीसीए पूरी स्थिति पर नज़र रख रहा था। इसने कहा कि लैंडिंग गियर खुल रहा था, विमान सामान्य रूप से उतरा, हवाई अड्डे को अलर्ट मोड पर रखा गया था।
पहले इस ख़राबी के कारण हवा में इमरजेंसी घोषित कर दी गई थी। यह विमान ईंधन ख़त्म करने के लिए एयरपोर्ट के ऊपर ही क़रीब दो घंटे उड़ता रहा जिससे कि लैंडिंग के दौरान ईंधन ख़त्म होने पर आग लगने जैसे किसी बड़े ख़तरे को टाला जा सके। विमान में 140 यात्री सवार थे और शाम 5.43 बजे त्रिची एयरपोर्ट से शारजाह के लिए इसने उड़ान भरी, लेकिन कुछ ही देर में उसमें तकनीकी खराबी आ गई थी। विमान त्रिची हवाई क्षेत्र में ही मंडरा रहा था। सुरक्षित लैंडिंग पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने खुशी जताई है।
हवाई अड्डे के निदेशक गोपालकृष्णन ने एएनआई के हवाले से बताया था कि विमान त्रिची हवाई अड्डे पर उतरने से पहले ईंधन कम करने के लिए हवाई क्षेत्र में चक्कर लगा रहा था। एहतियात के तौर पर दमकल गाड़ियां, बचाव कर्मी और एंबुलेंस हवाई अड्डे पर पहुंचीं।
गोपालकृष्णन ने कहा, 'कोई बड़ी दुर्घटना न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए हवाई अड्डे पर 20 से अधिक एंबुलेंस और दमकल गाड़ियां स्टैंडबाय पर रखी गईं।'
त्रिची हवाई अड्डे के निदेशक के अनुसार, पायलट ने हाइड्रोलिक विफलता के बारे में हवाई स्टेशन को बताया था। विमान में हाइड्रोलिक विफलता तब होती है जब लैंडिंग गियर, ब्रेक और फ्लैप जैसे महत्वपूर्ण भागों को नियंत्रित करने के लिए दबावयुक्त द्रव का उपयोग करने वाला सिस्टम ठीक से काम करना बंद कर देता है।
विमान के सुरक्षित उतरने से पहले त्रिची जिला कलेक्टर ने इंडिया टुडे को बताया था कि हवाई अड्डे के निदेशक ने बताया कि चिंता का कोई कारण नहीं है, और विमान सुरक्षित रूप से उतर सकेगा। हवाई अड्डा बेली लैंडिंग की तैयारी कर रहा है, जो तब होता है जब विमान अपने लैंडिंग गियर का उपयोग किए बिना उतरता है।
इससे पहले, विमान को हल्का बनाने के लिए ईंधन डंपिंग पर विचार किया जा रहा था। हालाँकि, यह विकल्प नहीं चुना गया क्योंकि विमान आवासीय क्षेत्रों के ऊपर चक्कर लगा रहा था।