छुट्टी पर घर आए एक अग्निवीर को ज्वेलरी शॉप में लूट के लिए गिरफ़्तार किया गया है। यह घटना भोपाल की है। पुलिस का कहना है कि भारतीय सेना के अग्निवीर और छह अन्य लोगों को भोपाल में गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कथित तौर पर एक आभूषण की दुकान में घुसकर दुकान के कर्मचारी को बंदूक की नोक पर बंधक बनाकर 50 लाख रुपये से अधिक के आभूषण और नकदी लूट ली थी।
सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में दिखता है कि एक शॉप के अंदर हेलमेट पहने कुछ लोग शॉप में एक शख्स को डराते-धमकाते हैं। एक बदमाश हाथ में बंदूक लिए नज़र आता है। इस घटना को लेकर भोपाल पुलिस ने कहा है कि आरोपी मोहित सिंह बघेल, अग्निवीर पंजाब के पठानकोट में तैनात था और छुट्टी पर था। वह अपने साले से मिलने भोपाल आया था।
पुलिस के अनुसार बघेल ने अपने साले के घर का कर्ज चुकाने और फिर बचे हुए पैसों से मौज-मस्ती करने के इरादे से डकैती की योजना बनाई थी। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, भोपाल पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्रा ने कहा कि बघेल और उसके दोस्त आकाश राय ने 13 अगस्त को आभूषण की दुकान में डकैती की।
घटना के सीसीटीवी फुटेज सामने आए हैं। हेलमेट पहने हुए बघेल और राय दुकान के कर्मचारी को धमकाते हुए दिखाई दे रहे हैं। बघेल ने उस पर पिस्तौल तान दी और उससे आभूषण और नकदी देने की मांग की।
मिश्रा के अनुसार इसके बाद बघेल और आकाश राय आभूषण और नकदी लेकर भाग गए और पुलिस ने अपराध स्थल से 20 किलोमीटर के दायरे में लगे लगभग 400 सीसीटीवी को खंगालना शुरू किया। पुलिस आयुक्त ने कहा कि चार पुलिस टीमों ने सीसीटीवी को खंगाला और फुटेज से बघेल की पहचान की गई। उन्होंने कहा कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए सूचना देने वाले को 50,000 रुपये का इनाम देने की घोषणा की गई। पुलिस ने कहा कि बघेल ने डकैती की साज़िश रची थी और अपराध करने से पहले रात में आभूषण की दुकान की रेकी की थी।
पुलिस ने सत्यापन करने के लिए भारतीय सेना से बघेल की जानकारी मांगी है। बघेल और राय के अलावा, डकैती के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए अन्य लोगों की पहचान विकास राय (आकाश राय का भाई), मोनिका राय (आकाश राय की बहन), अमित राय (आकाश राय का साला), गायत्री राय (आकाश राय की मां) और अभय मिश्रा (आकाश राय का दोस्त) के रूप में की गई है।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने लूटा हुआ माल अपने पास रख लिया था और बघेल और आकाश राय को अपराध करने में मदद की थी। आरोपियों में से एक अभय मिश्रा ने बघेल को पिस्तौल मुहैया कराई थी।