देश में बेरोज़गारी को राष्ट्रीय बहस का मुद्दा बनाने वाले 'युवा हल्ला बोल' संस्थापक अनुपम ने कहा कि 3 साल से सेना में भर्ती रुकी हुई थी, जबकि सेना में 1 लाख से अधिक पद खाली हैं। लेकिन सरकार की अनदेखी के कारण सेना में जाने का सपना देख रहे युवाओं की उमर निकलती जा रही। एक तरफ हताशा से युवा आत्महत्या करने लगे हैं तो दूसरी तरफ आक्रोश भी बढ़ता जा रहा।
इन्हीं परिस्थितियों में अब मोदी सरकार एक नयी योजना लेकर आयी है। 'अग्निपथ' नामक इस योजना के तहत 4 साल के लिए सेना में भर्ती होगी। मतलब अब देश की सुरक्षा भी ठेके पर देने की तैयारी है।
अनुपम ने कहा कि इस योजना के जरिए सेना द्वारा प्रशिक्षित बेरोजगारों की फौज तैयार की जाएगी। इसके अलावा पूंजीपतियों के प्रतिष्ठानों को सुरक्षा देने के लिए कर्मियों की फौज तैयार होगी। मतलब ट्रेनिंग देगी सेना और सेवा लेंगे पूंजीपतियों। ऐसे वक्त में जब भारत की सीमा को हर तरफ से खतरा है तो इस तरह की योजना लेना राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में भी नहीं।
अनुपम ने कहा कि नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार बेरोज़गार युवा ही नहीं, सेना और देश के साथ भी छलावा कर रही है।
आंदोलन में शरीक रजत यादव कहते हैं," हम किसी भी हाल में भारतीय सेना को ठेके पर नहीं जाने देंगे। मोदी सरकार को यह स्कीम अविलंब वापस लेना चाहिए।"
कई लोगों की यह भी चिंता है कि इस योजना के जरिए सेना द्वारा प्रशिक्षित बेरोज़गार युवाओं की एक फौज भी तैयार होगी। अनुपम ने मांग किया कि मोदी सरकार इस छलावेबज योजना को वापिस लेकर क्षतिपूरक अवसर के साथ सेना में नियमित भर्ती शुरू करे।
बता दें कि सेना की अग्निपथ योजना अभी मंगलवार को घोषित की गई है। लेकिन बुधवार से उसका व्यापक विरोध शुरू हो गया है। बिहार में हजारों युवकों ने बुधवार को सड़कों पर आकर प्रदर्शन किया। युवकों ने इस योजना को खारिज कर दिया है।
क्या है योजना
केंद्र सरकार ने मंगलवार को अग्निपथ योजना की घोषणा की थी। इस योजना के तहत 17.5 साल से 21 साल के 45000 से 50000 युवाओं को 4 साल के लिए सेना में भर्ती किया जाएगा। केंद्र सरकार ने बताया कि अगले 90 दिनों के भीतर भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी और जुलाई 2023 तक पहला बैच तैयार हो जाएगा। इस योजना के तहत जिन युवाओं का चयन सेनाओं में होगा उन्हें अग्निवीर के नाम से जाना जाएगा और इसमें चयन ऑनलाइन केंद्रीय सिस्टम के जरिए होगा।
योजना घोषित होने के बाद से ही तमाम विशेषज्ञ और जाने-माने लोग तमाम नजरिए से इस योजना को लेकर सवाल उठा रहे हैं। इसमें सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर चार साल के बाद सेना से निकले युवक क्या करेंगे। सरकार ने इस सवाल का सीधा जवाब देने की बजाय गृह मंत्री अमित शाह का ट्वीट सामने आया, जिसमें बाद में इन युवकों को अन्य बलों में खपाने की बात कही गई है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जब मंगलवार को इस योजना की घोषणा की तो सेना के तीनों अंगों के चीफ प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद थे। उन्होंने योजना का स्वागत करने में देर नहीं लगाई। लेकिन जब पूरी योजना सोशल मीडिया के जरिए आम लोगों तक पहुंची तो इसकी तारीफ के साथ आलोचना भी शुरू हो गई। सोशल मीडिया पर इसे लेकर मीम भी बने कि सेना से चार साल बाद ही रिटायर होने वाले युवक को क्या कहा जाएगा। गृह मंत्री अमित शाह के ट्वीट से अब स्थिति साफ हो गई है।