सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए लाई गई अग्निपथ योजना के जबरदस्त विरोध के बीच केंद्र सरकार ने इसमें संशोधन किया है। अब इस योजना के तहत 23 साल तक की उम्र के युवा सेना में भर्ती हो सकेंगे जबकि उम्र सीमा 17.5 से 21 साल रखी गई है। लेकिन ऐसा सिर्फ साल 2022 के लिए ही होगा।
बता दें कि अग्निपथ योजना का देश के कई राज्यों में जोरदार विरोध हो रहा है। बिहार में तो यह विरोध उग्र हो गया है और इसके विरोध में प्रदर्शन कर रहे छात्रों और सेना में भर्ती की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों ने कई जगहों पर जाम लगाने के साथ ही ट्रेनों में भी आग लगा दी है।
केंद्र सरकार ने बयान जारी कर कहा है कि यह बात उसके ध्यान में है कि पिछले 2 साल से सेना की भर्ती नहीं हो सकी है इसलिए 2022 में होने वाली सेना भर्ती में सरकार 2 साल की छूट देगी। इसके बाद अग्निपथ योजना के तहत भर्ती की आयु सीमा 21 से बढ़कर 23 कर दी गई है।
10 राज्यों में विरोध
बिहार से शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड और दिल्ली सहित 10 राज्यों में फैल गया है। ऐसे में केंद्र सरकार निश्चित रूप से इस योजना को लेकर घिर गई है।सरकार की इस योजना में तमाम खामियों को गिनाते हुए विपक्षी राजनीतिक दलों के साथ ही सेना में रहे पूर्व अफसरों ने भी इसे लेकर आपत्तियां दर्ज कराई हैं।
इस योजना के आलोचकों का कहना है कि 4 साल नौकरी करने के बाद जब युवक और युवतियां आर्म्ड फोर्सेस से बाहर निकलेंगे तो वे क्या करेंगे, यह बड़ा सवाल है। आलोचकों का कहना है कि 6 महीने की ट्रेनिंग बेहद कम है और आर्म्ड फोर्सेस में ट्रेनिंग के लिए काफी ज्यादा वक्त चाहिए।
कांग्रेस ने गुरूवार शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अग्निपथ योजना को एक ख़राब योजना बताया। पार्टी ने कहा है कि इस योजना के तहत 4 साल में युवाओं को फौज से निकाले जाने से युवाओं का भविष्य सुरक्षित नहीं रहेगा और इससे देश भी सुरक्षित नहीं होगा। कांग्रेस ने कहा है कि ख़राब तरीक़े से तैयार की गई अग्निपथ योजना देश को पूरी तरह सुरक्षा नहीं दे सकती है।
विरोध के बाद केंद्र सरकार व बीजेपी शासित राज्य सरकारों ने अग्निपथ योजना के तहत 4 साल तक सेना में रहने के बाद बाहर आने वालों के लिए कई एलान किए हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि अग्निपथ योजना में शामिल होने वाले जवानों को चार साल बाद असम राइफल्स समेत तमाम सशस्त्र बलों में रखा जाएगा। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार व हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने भी ऐसे युवाओं के लिए अहम एलान किए हैं।
देखना होगा कि युवाओं के जबरदस्त विरोध के बाद क्या केंद्र सरकार इस योजना में कोई और संशोधन भी करेगी या फिर नहीं।