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अग्निपथ योजनाः बिहार में जबरदस्त विरोध, युवक सड़कों पर

अग्निपथ योजनाः बिहार में जबरदस्त विरोध, युवक सड़कों पर

सेना की अग्निपथ योजना का बिहार में जबरदस्त विरोध शुरू हो गया है। बिहार के कई शहरों और कस्बों में हजारों युवक सड़कों पर उतरे और सरकार से इस योजना को वापस लेने और बंद भर्ती को फौरन शुरू करने की मांग की। बिहार से आ रहे फोटो और वीडियो देखकर लगता है कि युवक काफी गुस्से में हैं और बहुत सोच समझकर ही वो इस योजना के विरोध में उतरे हैं।

सेना की अग्निपथ योजना का बिहार की सड़कों पर जमकर विरोध शुरू हो गया है। मुजफ्फरपुर, बेगूसराय, बक्सर आदि में भारी विरोध हो रहा है। हालांकि इस गुस्से में सेना में दो साल से बंद भर्ती को लेकर नाराजगी भी शामिल है। बिहार में सड़कों पर उतरे युवकों का आरोप है कि सरकार सेना में भी ठेका (कॉन्ट्रैक्ट) सिस्टम लागू करना चाहती है।

मुजफ्फरपुर के भगवानपुर चौक पर भारी तादाद में युवक जमा हुए और उसके बाद उन्होंने सेना भर्ती बोर्ड की तरफ पैदल ही मार्च  किया। तमाम युवकों ने भगवानपुर चौक पर भाषण में कहा कि सरकार ने दो साल से सेना की भर्ती बंद कर रखी है। हम लोग गांवों से चक्कर लगाकर थक चुके हैं लेकिन अब हमारे सामने ठेके पर भर्ती होने की योजना पेश की गई है। यह योजना हमें पूरी तरह नामंजूर है। सरकार इस योजना को वापस ले। उन्होंने आरोप लगाया कि इससे पहले हुई भर्तियों में भी शारीरिक परीक्षा पास करने के बावजूद उनकी भर्तियां नहीं हुईं। आखिर वे लोग कितने साल तक इंतजार करें। उनकी उम्र भी बढ़ती जा रही है।

कुछ युवकों ने यहां टायर जलाकर शहर के ट्रैफिक को भी रोक दिया। हालांकि बाद में पुलिस ने मामूली लाठीचार्ज के बाद युवकों को तितरबितर कर दिया और ट्रैफिक व्यवस्था ठीक कर दी। 

बक्सर में युवकों ने रेल पटरी पर करीब पौन घंटे बैठकर ट्रेनों का आवागमन रोक दिया। यहां भी युवक अग्निपथ योजना के विरोध में नजर आए और कहा कि मोदी सरकार इस योजना को फौरन वापस ले। सेना में जैसे पहले भर्ती होती थी, वैसे ही भर्तियां की जाएं। युवकों के प्रदर्शन की वजह से जनशताब्दी एक्सप्रेस और पाटिलपुत्र एक्सप्रेस जैसी ट्रेनें प्रभावित हुईं।

बेगूसराय में बड़ी संख्या में महादेव चौक पर युवक हाथों में तख्ती लेकर बैठे हैं। जिसमें मांग की गई है कि अग्निपथ योजना को फौरन वापस लिया जाए। यहां बैठे युवकों में भारी तादाद में एनसीसी के छात्र भी शामिल हैं, जो सेना में भर्ती के लिए ही एनसीसी को चुनते हैं। उनका कहना है कि यह योजना लाकर सरकार ने हमारी मेहनत पर करियर पर पानी फेर दिया है। सेना के जवानों के मिलने वाले लाभ से अग्निपथ योजना के जवान वंचित रहेंगे। इसलिए यह एक फ्लॉप योजना साबित होगी। 

बिहार के अन्य शहरों से भी अग्निपथ योजना के विरोध की खबरें आ रही हैं। 

क्या है योजना

केंद्र सरकार ने मंगलवार को अग्निपथ योजना की घोषणा की थी। इस योजना के तहत 17.5 साल से 21 साल के 45000 से 50000 युवाओं को 4 साल के लिए सेना में भर्ती किया जाएगा। केंद्र सरकार ने बताया कि अगले 90 दिनों के भीतर भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी और जुलाई 2023 तक पहला बैच तैयार हो जाएगा। इस योजना के तहत जिन युवाओं का चयन सेनाओं में होगा उन्हें अग्निवीर के नाम से जाना जाएगा और इसमें चयन ऑनलाइन केंद्रीय सिस्टम के जरिए होगा। 

योजना घोषित होने के बाद से ही तमाम विशेषज्ञ और जाने-माने लोग तमाम नजरिए से इस योजना को लेकर सवाल उठा रहे हैं। इसमें सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर चार साल के बाद सेना से निकले युवक क्या करेंगे। सरकार ने इस सवाल का सीधा जवाब देने की बजाय गृह मंत्री अमित शाह का ट्वीट सामने आया, जिसमें बाद में इन युवकों को अन्य बलों में खपाने की बात कही गई है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जब मंगलवार को इस योजना की घोषणा की तो सेना के तीनों अंगों के चीफ प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद थे। उन्होंने योजना का स्वागत करने में देर नहीं लगाई। लेकिन जब पूरी योजना सोशल मीडिया के जरिए आम लोगों तक पहुंची तो इसकी तारीफ के साथ आलोचना भी शुरू हो गई। सोशल मीडिया पर इसे लेकर मीम भी बने कि सेना से चार साल बाद ही रिटायर होने वाले युवक को क्या कहा जाएगा। गृह मंत्री अमित शाह के ट्वीट से अब स्थिति साफ हो गई है।

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