क्या इंडिया गठबंधन में अंदरुनी कलह कभी खत्म नहीं होगी? सीट बँटवारा तो हुआ ही नहीं है, गठबंधन के नेताओं के बीच मनमुटाव भी बरकरार है। पश्चिम बंगाल कांग्रेस के प्रमुख अधीर रंजन चौधरी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'सेवा करने में व्यस्त' हैं। अधीर रंजन चौधरी ने यह भी कहा कि ममता बनर्जी कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं चाहती थीं और कांग्रेस आम चुनाव में अपने दम पर चुनाव लड़ सकती है।
कांग्रेस नेता ने कहा, 'हमने भीख नहीं मांगी। ममता बनर्जी ने खुद कहा कि वह गठबंधन चाहती हैं। हमें ममता बनर्जी की दया की ज़रूरत नहीं है। हम अपने दम पर चुनाव लड़ सकते हैं। ममता बनर्जी वास्तव में गठबंधन नहीं चाहतीं क्योंकि वह पीएम मोदी की सेवा में व्यस्त हैं।'
अधीर रंजन चौधरी की यह टिप्पणी तब आई है जब रिपोर्ट है कि पश्चिम बंगाल में सीट बँटवारे को लेकर सहमति नहीं बन पाई है। कांग्रेस नेता से टीएमसी द्वारा आगामी लोकसभा चुनाव के लिए पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को दो सीटों की पेशकश के बारे में पूछा गया था।
ऐसी बयानबाजी इसी हफ़्ते कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेताओं के बीच भी चल रही थी। आप नेता और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा था कि दिल्ली और पंजाब में कोई माँ अपने बच्चे को सबसे छोटी कहानी 'एक थी कांग्रेस' सुना सकती है।
भगवंत मान के इस बयान के बाद कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने आप को भरोसेमंद पार्टी नहीं करार दिया और कहा कि अरविंद केजरीवाल गठबंधन की राजनीति नहीं समझते हैं। शराब नीति घोटाले में आप के वरिष्ठ नेताओं के जेल जाने का जिक्र करते हुए दीक्षित ने पीटीआई से कहा, 'आने वाले समय में माताएँ कहेंगी कि एक ऐसी पार्टी थी जो अब तिहाड़ जेल में पाई जा सकती है। मुझे बताएं कि किस पार्टी का 40% नेतृत्व जेल में हैं और बाकी लोग जाने के लिए तैयार हैं?' कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने आप पर निशाना साधा और कहा, 'वैसे एक भोजपुरी पिक्चर का नाम है 'एक था जोकर'। आपने तो देखी ही होगी?'
ऐसी बयानबाजियाँ उन पार्टियों के बीच चल रही है जो इंडिया गठबंधन के साथी दल ही हैं। दोनों दलों के बीच कभी भी रिश्ते ठीक नहीं रहे हैं और इंडिया गठबंधन में साथ आने के बाद भी दोनों दलों के नेताओं के बीच ऐसी ही तनातनी बनी हुई है। आप और कांग्रेस के बीच कम से कम तीन राज्यों में सीट बंटवारे को लेकर भी राह आसान नहीं दिख रही है।
टीएमसी ने सीट-बँटवारे के विवरण को 31 दिसंबर, 2023 तक अंतिम रूप देने की मांग की थी। समय सीमा बीत चुकी है, लेकिन इंडिया गठबंधन अभी तक सीट-बंटवारे पर आम सहमति पर नहीं पहुंच पाया है। हालाँकि, सूत्रों के हवाले से ख़बर तो यहाँ तक आ रही है कि अधिकतर राज्यों में आम सहमति बन गई है।
इंडिया गठबंधन में संयोजक बनाने की बात पर भी सहमति नहीं बनती दिख रही है। कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक़ कंग्रेस नीतीश कुमार को गठबंधन का संयोजक बनाना चाहती है। लेकिन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी नेता ममता बनर्जी इसके ख़िलाफ़ हैं। बताया जाता है कि ममता बनर्जी नीतीश को ‘इंडिया’ गठबंधन का संयोजक बनाए जाने के हक में नहीं है। दिसंबर में हुई ‘इंडिया’ गठबंधन की बैठक में भी नीतीश को संयोजक बनाए जाने की चर्चा थी। लेकिन बैठक में ममता बनर्जी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने का सुझाव देकर मुद्दा ही बदल दिया। अरविंद केजरीवाल ने भी ममता के सुर में सुर मिलाया था। बताया जाता है कि बैठक में इस पर नीतीश ने कोई टिप्पणी नहीं की थी। बैठक के बाद नीतीश मीडिया से बात किए बगैर चले गए थे। इससे उनके नाराज़ होने की चर्चाओं ने जोर पकड़ा है।