सोनम कपूर ने सोशल मीडिया पर कर्नाटक हिजाब विवाद पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इंस्टाग्राम पर सवाल किया कि अगर पगड़ी है तो हिजाब भी एक विकल्प क्यों नहीं हो सकता। हालांकि सोनम कपूर के इस बयान को सरकार समर्थित मीडिया इस तरह से इसे प्रचारित कर रहा है कि जैसे सोनम कपूर ने पगड़ी और हिजाब की तुलना कर दी हो। जबकि सोनम कपूर ने तुलना नहीं की है, बल्कि सवाल किया है जिसका मतलब यह है कि अगर हम दूसरे धर्मों के प्रतीकों को मान्यता देते हैं तो हिजाब को क्यों नहीं वही मान्यता मिलना चाहिए।देशभर में हिजाब के समर्थन में प्रदर्शन हो रहे हैं। कल मालेगांव में हुए एक बड़े प्रदर्शन के बाद पुलिस ने आयोजकों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। चंडीगढ़ में भी आज हिजाब के समर्थन में प्रदर्शन हो रहा है। दिल्ली में कल कर्नाटक भवन पर भी हिजाब के समर्थन में प्रदर्शन हुआ था।
कर्नाटक सरकार के स्कूलों और कॉलेजों में हिजाब पर प्रतिबंध के परिणामस्वरूप राज्य में भारी हंगामा और विरोध हुआ है। राज्य सरकार ने कर्नाटक शिक्षा अधिनियम-1983 के 133 (2) को लागू किया है, जिसमें कहा गया है कि स्कूल-कॉलेजों में वर्दी लागू की जाए। हिजाब पहनकर कॉलेज या स्कूल आने की अनुमति नहीं है। हिजाब पर सोनम कपूर की प्रतिक्रिया से पहले कमल हासन, ऋचा चड्ढा, ओनिर और एली गोनी ने कर्नाटक हिजाब विवाद पर प्रतिक्रिया दी थी। अब, सोनम कपूर ने अपनी इंस्टाग्राम कहानियों में एक सोशल मीडिया पोस्ट साझा किया। इसमें पगड़ी में एक पुरुष और हिजाब में एक महिला की तस्वीर थी, और इसमें सवाल किया गया है कि पगड़ी एक विकल्प क्यों हो सकती है लेकिन हिजाब नहीं हो सकता।
एक्ट्रेस सोनम कपूर ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी में यह पोस्ट किया है।
मशहूर शायर जावेद अख्तर ने हिजाब पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कर्नाटक में प्रदर्शनकारियों द्वारा अकेली लड़की को घेरकर नारे लगाने की घटना की निंदा की। उन्होंने लिखा, "मैं कभी भी हिजाब या बुर्के के पक्ष में नहीं रहा। मैं अब भी उस पर कायम हूं, लेकिन साथ गुंडों की इन भीड़ के लिए गहरी निन्दा के अलावा कुछ भी नहीं है जो लड़कियों के एक छोटे समूह को डराने की कोशिश कर रहे हैं और वह भी उसमें नाकाम रहे। क्या यह उनका "मर्दानगी" का विचार है। कितने अफ़सोस की बात है।"
हिजाब को लेकर विवाद जनवरी में शुरू हुआ जब उडुपी और चिकमंगलूर में मुस्लिम स्कूली छात्राओं ने हिजाब पहनकर क्लास में जाना शुरू किया। जैसे ही स्थिति बिगड़ी, कर्नाटक सरकार ने तीन दिनों के लिए स्कूलों को बंद करने का फैसला किया।
अब यह मामला कर्नाटक हाईकोर्ट में विचाराधीन है। सोमवार को इस मामले पर सुनवाई होगी। हाईकोर्ट ने छात्र-छात्राओं को निर्देश दिया है कि फैसला आने तक कोई भी अपना धार्मिक प्रतीक पहन कर स्कूल-कॉलेजों में नहीं जाए। इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में भी उठाया गया लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट का फैसला आने दीजिए।