बॉलीवुड अदाकारा दीपिका पादुकोण के जेएनयू के छात्रों के समर्थन में पहुंचने के बाद से ही ट्रोल आर्मी उन पर हमलावर है। ट्रोल आर्मी ने पहले उन्हें पाकिस्तानी, जेहादी, देशद्रोही बताया और उसके बाद उनकी फ़िल्म ‘छपाक’ के बॉयकाट को लेकर सोशल मीडिया पर अभियान छेड़ दिया। लेकिन दूसरी ओर से दीपिका को समर्थन मिला और ‘छपाक’ के समर्थन में भी लोग उतरे। लेकिन शायद ट्रोल आर्मी इससे बौखला गई और उसने नई कहानी गढ़ दी।
‘छपाक’ तेज़ाब हमले का शिकार हुई पीड़िता लक्ष्मी अग्रवाल के जीवन पर आधारित है। लक्ष्मी पर 2005 में दिल्ली की ख़ान मार्केट में नदीम ख़ान व तीन अन्य लोगों ने तेज़ाब फेंक दिया था। स्वराज्य नाम की मैगजीन में छपी ख़बर में कहा गया था कि ‘छपाक’ में नदीम ख़ान का नाम बदलकर राजेश कर दिया गया है। इसके बाद ट्रोल आर्मी ने इस ख़बर के बाद ट्वीट करना शुरू कर दिया और थोड़ी ही देर में ट्विर पर नदीम ख़ान और राजेश का नाम ट्रेंड करने लगा। इन दोनों ही नामों को लेकर अंधाधुंध ट्वीट ट्रोल आर्मी से जुड़े लोगों ने किये।
मैगजीन की राजेश वाली ख़बर का स्क्रीनशॉट।
टी.सी. मीणा नाम के ट्विटर यूज़र ने ट्वीट किया कि बॉलीवुड में NRC और CAA का इतना डर है कि नदीम ख़ान को ‘राजेश’ दिखाया गया है।
समाजवादी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव की बहू अर्पणा यादव भी इस विवाद में कूदीं और उन्होंने ट्वीट किया कि नदीम ख़ान ने लक्ष्मी अग्रवाल पर तेज़ाब फेंका था, ‘छपाक’ में नदीम ख़ान को "राजेश" दिखाया गया है। क्यों
ट्विटर बायो में ख़ुद को विश्व हिंदू परिषद का कार्यकर्ता बताने वाले ट्विटर यूजर अभिषेक मिश्रा ने लिखा है कि जब लक्ष्मी अग्रवाल पर तेज़ाब नदीम ख़ान ने फेंका तो फ़िल्म में राजेश नाम क्यों क्या नदीम नाम रखने में आपको भी अपने ऊपर एसिड अटैक होने का डर सता रहा था
प्रांजल चमोला नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा कि नदीम ख़ान के अपराध की सजा राजेश क्यों भुगते
सिद्धिनाथ चौधरी नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा कि दीपिका पादुकोण किस तरह लक्ष्मी की इज्जत करेंगी जब वह मुख्य हमलावर का सही नाम ही अपनी फ़िल्म में नहीं रख रही हैं। उन्होंने कहा कि यह शानदार बिजनेस आइडिया है।
हालांकि इसे लेकर सोशल मीडिया पर जोरदार बवाल होने के बाद स्वराज्य ने अपने इस आर्टिकल की हेडिंग को बदला और लिखा कि नदीम ख़ान को फ़िल्म में हिंदू नाम नहीं दिया गया है।
मैगजीन की बदली हुई हेडिंग का स्क्रीनशॉट।
क्या है सच
मीडिया में आई ख़बरों के मुताबिक़, फ़िल्म में लक्ष्मी का नाम मालती रखा गया है जबकि नदीम को बब्बू उर्फ़ बशीर ख़ान नाम दिया गया है। फ़िल्म में मालती के दोस्त के किरदार का नाम राजेश है। ट्रोल आर्मी का कहना था कि मुख्य अभियुक्त नदीम ख़ान का धर्म बदलकर उसे हिंदू नाम राजेश दिया गया है लेकिन फ़िल्म देखने वाले लोगों ने ट्रोल आर्मी के इस दावे को पूरी तरह झूठ करार दिया है।
सच्चाई सामने आने के बाद कुछ ट्विटर यूजर ने ट्रोल आर्मी को खरी-खोटी सुनाई। भूपेंद्र कुमार गुड्डू नाम के ट्विटर यूज़र ने लिखा कि भक्तों का एक और झूठ पकड़ा गया और ये बोल रहे हैं कि ‘छपाक’ में एसिड फेंकने वाले का नाम नदीम की जगह राजेश रखा है जबकि सच्चाई है कि फ़िल्म में उसका नाम बशीर ख़ान है और दीपिका का मालती है।