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आम आदमी पार्टी पर जोरदार ढंग से क्यों हमलावर है बीजेपी?

आम आदमी पार्टी पर जोरदार ढंग से क्यों हमलावर है बीजेपी?

बीजेपी के द्वारा आम आदमी पार्टी पर किए जा रहे जोरदार हमलों के पीछे आखिर बड़ी वजह क्या है। क्या बीजेपी गुजरात और एमसीडी के चुनाव को देखते हुए आम आदमी पार्टी पर ताबड़तोड़ हमले कर रही है। 

बीजेपी पिछले कुछ महीनों से आम आदमी पार्टी पर जोरदार ढंग से हमलावर है। वह रोज नए-नए मुद्दे खोजकर आम आदमी पार्टी को घेर रही है। शनिवार को दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन का तिहाड़ जेल में मसाज कराने वाला एक वीडियो सामने आया तो बीजेपी के तमाम बड़े नेता मैदान में कूद गए और उन्होंने कहा कि सत्येंद्र जैन के लिए तिहाड़ जेल के सभी नियमों को कूड़ेदान में फेंक दिया गया है और उन्हें हेड मसाज और फुट मसाज सहित कई सुविधाएं दी जा रही हैं। 

मनी लॉन्ड्रिंग के एक कथित मामले में जांच एजेंसी ईडी ने सत्येंद्र जैन को गिरफ्तार किया था और वह पिछले 6 महीने से जेल में हैं। 

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इसके अलावा भी कई अन्य मामलों को लेकर बीजेपी आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल पर हमलावर है। लेकिन सवाल यह है कि इतने जोरदार हमलों के पीछे बड़ी वजह क्या है क्योंकि राजनीति में आरोपों की लड़ाई चलती रहती है लेकिन बीजेपी जिस तरह आम आदमी पार्टी पर आए दिन तीखे हमले कर रही है, उससे यह पता करना जरूरी है कि इसके पीछे वजह क्या है। 

गुजरात में केजरीवाल का प्रचार 

अरविंद केजरीवाल बीते कुछ महीनों से गुजरात में धुआंधार चुनाव प्रचार कर रहे हैं। दिल्ली में वह साल 2015 और 2020 में अपने दम पर सरकार बनाकर बीजेपी को करारी शिकस्त दे चुके हैं। इस साल मार्च-अप्रैल में जब एमसीडी के चुनाव प्रस्तावित थे तो केंद्र सरकार ने यह कह कर इन्हें टाल दिया था कि वह दिल्ली के तीनों नगर निगमों को एक करने जा रही है। आम आदमी पार्टी का कहना है कि हार के डर से ही बीजेपी ने दिल्ली नगर निगम के चुनावों को इतने महीने तक टाला और केजरीवाल गुजरात में चुनाव प्रचार करने ना जा सकें इसलिए दोनों का चुनाव कार्यक्रम एक साथ ही चुनाव आयोग से जारी करवाया। 

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आबकारी नीति पर बवाल

दिल्ली में पिछले कई महीनों से केजरीवाल सरकार द्वारा लाई गई और फिर वापस ली गई आबकारी नीति को लेकर जबरदस्त बवाल चल रहा है। बीजेपी का कहना है कि उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आबकारी नीति के जरिए करोड़ों रुपए का घोटाला किया है जबकि आम आदमी पार्टी का कहना है कि आबकारी नीति में एक भी पैसे का घोटाला नहीं हुआ है। इसे लेकर सीबीआई मनीष सिसोदिया के घर और बैंक का लॉकर खंगाल चुकी है और सीबीआई और ईडी दोनों ने कई जगहों पर छापेमारी करने के साथ ही बड़ी संख्या में लोगों को गिरफ्तार भी किया है। 

बीजेपी इसे लेकर दो स्टिंग भी जारी कर चुकी है। 

इसके अलावा बीजेपी ने यमुना नदी की सफाई ना होने के मामले पर भी केजरीवाल सरकार को जोर-शोर से घेरा है। बीजेपी ने कहा है कि दिल्ली में 1000 लो फ्लोर बसों की खरीद में घोटाला हुआ है और ऐसे ही कई अन्य मामलों को भी बीजेपी लगातार उठा रही है। 

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राजेंद्र पाल गौतम विवाद

बीजेपी ने कुछ दिन पहले दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम के एक वायरल वीडियो को मुद्दा बना लिया था। इस वीडियो में राजेंद्र पाल गौतम को बौद्ध धर्म के लोगों के साथ 22 प्रतिज्ञाओं को लेते हुए दिखाया गया था। बीजेपी ने कहा था कि राजेंद्र पाल गौतम ने इन प्रतिज्ञाओं को लेकर हिंदू देवी-देवताओं का अपमान किया है। 

हालांकि राजेंद्र पाल गौतम ने कहा था कि इस तरह की प्रतिज्ञाएं साल 1956 से लगातार ली जाती रही हैं और उन्होंने किसी भी धर्म का कोई अपमान नहीं किया है। बताना होगा कि साल 1956 में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने हजारों लोगों के साथ धर्म परिवर्तन कर बौद्ध धर्म अपनाया था। 

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गुजरात में लगा दिए थे पोस्टर

22 प्रतिज्ञाओं वाला राजेंद्र गौतम का वीडियो सामने आने के बाद बीजेपी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर हमला बोल दिया था और केजरीवाल के खिलाफ गुजरात में कई जगहों पर हिंदू विरोधी होने के पोस्टर लगा दिए थे। इन पोस्टर में लिखा गया था कि मैं ब्रह्मा, विष्णु, महेश, राम, कृष्ण को ईश्वर नहीं मानता। पोस्टर में यह भी लिखा गया था कि मैं हिंदू धर्म को पागलपन मानता हूं। ऐसे पोस्टर गुजरात के कई शहरों में लगे होने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई थीं। अरविंद केजरीवाल गुजरात का विधानसभा चुनाव जोर-शोर से लड़ रहे हैं। विवाद बढ़ने के बाद केजरीवाल को गौतम को कैबिनेट मंत्री के पद से हटाना पड़ा था। 

बीजेपी ने राजेंद्र पाल गौतम की आड़ लेकर केजरीवाल की सॉफ्ट हिंदुत्व वाले नेता की छवि को ध्वस्त करने की कोशिश की है। बता दें कि केजरीवाल लगातार सॉफ्ट हिंदुत्व वाले नेता की छवि बनाने में जुटे हुए हैं। 

कैश फॉर टिकट का मामला

बीते बुधवार को एंटी करप्शन ब्रांच यानी एसीबी ने एमसीडी चुनाव में टिकट के बदले पैसे मांगने के आरोप में आम आदमी पार्टी के विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी के साले समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। 

इसे लेकर बीजेपी ने पूरी आम आदमी पार्टी को कटघरे में खड़ा किया था और कहा था कि यह सिर्फ एक मामला नहीं है, एमसीडी के चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 90 फीसद से ज्यादा टिकट 70 लाख से 1 करोड़ रुपए में बेचे गए हैं। 

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मुकेश गोयल का स्टिंग

शुक्रवार को बीजेपी ने आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मुकेश गोयल का कथित स्टिंग वीडियो जारी किया था और इसके जरिए आरोप लगाया था कि मुकेश गोयल एक जूनियर इंजीनियर से रिश्वत मांग रहे हैं। हालांकि मुकेश गोयल ने इससे इनकार किया था। 

जैस्मीन शाह का मामला

शुक्रवार को दिल्ली के एलजी विनय कुमार सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से कहा है कि वह जैस्मीन शाह को दिल्ली डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन (डीडीडीसी) के उपाध्यक्ष पद से हटाएं। यह आरोप लगाया गया है कि शाह ने अपने दफ्तर का दुरुपयोग राजनीतिक कारणों के लिए किया है। डीडीडीसी को दिल्ली सरकार का थिंकटैंक माना जाता है। इस मामले में  दिल्ली बीजेपी के सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने आरोप लगाया था कि डीडीडीसी के उपाध्यक्ष के रूप में जैस्मीन शाह आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता की तरह काम कर रहे हैं और यह पूरी तरह से नियमों का उल्लंघन है।  

आम आदमी पार्टी एमसीडी का चुनाव हर हाल में जीतना चाहती है। आम आदमी पार्टी गुजरात में भी जीत के दावे कर रही है। पार्टी के सबसे बड़े चेहरे और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एमसीडी के साथ ही गुजरात के विधानसभा चुनाव में भी पूरा जोर लगा रहे हैं लेकिन बीजेपी के लगातार हमलों ने उन्हें कुछ हद तक परेशान जरूर कर दिया है। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कुछ दिन पहले गुजरात में हुई चुनावी सभाओं में जिस तरह जोर-शोर से अर्बन नक्सल का मुद्दा उठाया था उससे यह सवाल उठा था कि क्या बीजेपी को अपने वोटों में सेंध लगने का कोई डर है।

ऐसे में यह सवाल जरूर उठता है कि क्या बीजेपी को एमसीडी और गुजरात के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी से कोई राजनीतिक खतरा है। एमसीडी के चुनाव को लेकर जो ओपिनियन पोल सामने आए हैं उनके मुताबिक यहां पर बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच कड़ी टक्कर है लेकिन गुजरात में आम आदमी पार्टी बीजेपी के लिए कोई बड़ी चुनौती बन सकती है, ऐसा नहीं लगता। लेकिन बावजूद इसके वह गुजरात में भी लगातार आम आदमी पार्टी पर हमले कर रही है। 

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