दूसरे राज्यों और शहरों से अपने-अपने गाँवों में लौट रहे प्रवासी लोगों में कोरोना संक्रमण के मामले आना गंभीर चिंता का विषय बनता जा रहा है। यूपी के बस्ती ज़िले में 50 ऐसे प्रवासी लौटे हैं जिनमें कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। इसके साथ ही ज़िले में संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 104 हो गई है। इलाज के लिए संक्रमित लोगों को कोविड-19 सेंटर पर ले जाया गया है। एक ज़िले में इतनी बड़ी संख्या में संक्रमण के मामले आने से चिंता बढ़ गई है।
ज़िले में संक्रमण के इतने मामले आने पर ज़िला मजिस्ट्रेट आशुतोष निरंजन ने एक बयान में कहा है कि जो नये संक्रमण के मामले आए हैं वे सभी प्रवासी मज़दूर हैं जो दूसरे राज्यों से लौटे हैं। उन्होंने कहा है कि घबराने की ज़रूरत नहीं है और समय पर कोरोना संक्रमण का पता लग जाने से अब संक्रमण की कड़ी को तोड़ना आसान होगा।
एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ये प्रवासी मज़दूर महाराष्ट्र से एक हफ़्ते पहले ही लौटे हैं। 'पीटीआई' की रिपोर्ट के अनुसार अब उन जगहों का पता लगाया जा रहा है जहाँ से ये सभी लौटे हैं। 'एनडीटीवी' की रिपोर्ट के अनुसार मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने कहा है कि राज्य में बड़ी संख्या में बाहर से लौटे मज़दूरों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है।
अब गाँवों में संक्रमण को रोकना काफ़ी बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। ऐसी ही एक रिपोर्ट एक दिन पहले बिहार से भी आई थी।
बिहार में घर लौट रहे प्रवासी मज़दूरों में से 26 प्रतिशत में संक्रमण पाया जा रहा है। यानी बिहार आये चार प्रवासी मज़दूरों में एक आदमी कोरोना का मरीज़ पाया जा रहा है। 'इंडियन एक्सप्रेस' ने एक ख़बर में कहा है कि बिहार लौटे मज़दूरों में से 835 लोगों की कोरोना जाँच की गई, उनमें से 218 में कोरोना की पुष्टि हुई है। यह कुल संख्या का लगभग 26 प्रतिशत है, यानी एक चौथाई से ज़्यादा। यह आँकड़ा राष्ट्रीय औसत से कहीं ज़्यादा है।
दरअसल, प्रवासी मज़दूरों के लौटने से अब गाँवों में संक्रमित लोगों के मामले काफ़ी ज़्यादा आने लगे हैं। जैसे-जैसे ये मज़दूर वापस लौटे उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, मध्य प्रदेश और राजस्थान में ग्रामीण क्षेत्रों में आने वाले ज़िलों में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ गए। लेकिन अब जो बड़ा सवाल है वह है अधिकतर राज्यों की स्वास्थ्य व्यवस्था का बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा जैसे राज्यों में स्वास्थ्य व्यवस्था काफ़ी ख़राब हालत में है। इस चुनौती से निपटना आसान नहीं होगा।