दिल्ली दंगा: डेढ़ साल बाद हुई तीन पुलिसकर्मियों की पहचान
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में पिछले साल फरवरी में हुए दंगों को लेकर एक वीडियो ऐसा भी सामने आया था, जिसे लेकर दिल्ली पुलिस की जमकर आलोचना हुई थी। सड़क पर बुरी तरह घायल हालत में पड़े कुछ युवाओं से दिल्ली पुलिस के सिपाहियों ने राष्ट्रगान गाने के लिए कहा था। ये कौन सिपाही थे, दिल्ली पुलिस ने इनमें से तीन की पहचान की है लेकिन डेढ़ साल बाद। इनमें से एक युवक की बाद में मौत हो गई थी।
दिल्ली पुलिस की ओर से कहा गया है कि इन तीनों पुलिसकर्मियों का लाइ डिटेक्टर टेस्ट कराया जाएगा।
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की ओर से बनाई गई एसआईटी ने इस मामले में 100 से ज़्यादा पुलिसकर्मियों से पूछताछ की और कई दस्तावेज़ों की पड़ताल की। दस्तावेज़ों में ड्यूटी चार्ट्स को जांचा गया और पता लगाया गया कि दंगे के दौरान कौन से पुलिसकर्मियों को दंगाग्रस्त इलाक़ों में तैनात किया गया था।
The national anthem will never be the same ever again.@DelhiPolice SHAME ON YOU!! #DelhiRiots #AmitShahMustResign pic.twitter.com/YvfkmAXntF
— Swati Singh (@itssinghswati) February 24, 2020
डेढ़ साल के दौरान पुलिस ने इस बात की भी जांच की कि यह वाकया कहां पर हुआ था। इस वीडियो में दिखे युवकों में से दो के परिजनों ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ से बातचीत में कहा था कि ये वीडियो कर्दमपुरी इलाक़े का है और इसे 24 फरवरी की शाम को बनाया गया था।
वीडियो से साफ पता चल रहा था कि इन युवकों को बुरी तरह पीटा गया है। वर्दी पहने खड़े पुलिस वाले ज़मीन पर पड़े इन युवकों से कहते हैं देशभक्ति दिखाओ। वीडियो में युवक राष्ट्रगान 'जन गण मन' गाते सुने जा सकते हैं। यह उनसे जबरन गवाया जा रहा था।
एक पुलिसकर्मी कहता है- 'अच्छी तरह गा' जबकि दूसरा कहता है- वंदे मातरम गाकर दिखा। फिर पुलिसकर्मियों की कुछ गालियों के बाद आवाज़ आती है आज़ादी।
नहीं दिखे थे चेहरे
पुलिस को क्या इतना वक़्त इसलिए लग गया कि किसी भी पुलिसकर्मी का चेहरा इस वीडियो में नहीं दिखाई दे रहा था। लेकिन फिर भी डेढ़ साल का वक़्त बहुत होता है। अगर तेज़ जांच की जाती तो बहुत जल्द इस बात का पता लगाया जा सकता था कि यह घटनास्थल किस जगह का है और कौन से वे पुलिसकर्मी हैं, जो इस वाकये में शामिल थे।
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में पिछले साल 23 फरवरी को दंगा शुरू हुआ था और ये तीन दिन यानी 25 फ़रवरी तक चला था। इस दौरान यह इलाक़ा बुरी तरह अशांत रहा और दंगाइयों ने वाहनों और दुकानों में आग लगा दी थी। जाफराबाद, वेलकम, सीलमपुर, भजनपुरा, गोकलपुरी और न्यू उस्मानपुर आदि इलाक़ों में फैल गए इस दंगे में 53 लोगों की मौत हुई थी और 581 लोग घायल हो गए थे।