तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने प्रधानमंत्री मोदी को चेतावनी देते हुए कहा है कि वो 24 घंटे में तेलंगाना के किसानों का चावल या तो खरीद ले या मुझे गिरफ्तार कर ले। तेलंगाना केंद्र के बीच संबंध लगातार तनातनी के होते जा रहे हैं। इससे पहले भी केसीआर ने पीएम मोदी के खिलाफ कई बयान देकर मामले को गरमाया था। किसान नेता राकेश टिकैत ने धरना स्थल पर पहुंच कर तेलंगाना किसानों का समर्थन किया। राकेश सीएम केसीआर के साथ धरने पर भी बैठे।तेलंगाना के मुख्यमंत्री सोमवार को दिल्ली में किसानों के साथ धरने पर बैठे और उन्हें संबोधित किया। केसीआर ने कहा कि अगर मोदी में हिम्मत है, तो वह मुझे गिरफ्तार कर लें.. मैं हाथ जोड़कर पीएम और केंद्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल से कहता हूं, कृपया हमारा अनाज खरीद लें। मैं आपको 24 घंटे देता हूं, उसके बाद, हम अपना निर्णय लेंगे।
केसीआर ने कहा कि तेलंगाना अपना अधिकार मांगता है। मैं पीएम से एक नई कृषि नीति बनाने के लिए कहना चाहता हूं, और हम इसमें भी योगदान देंगे। यदि आप ऐसा नहीं करते हैं, तो आपको हटा दिया जाएगा और नई सरकार एक नई एकीकृत कृषि नीति बनाएगी। केंद्र उन किसानों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ न करे जिनके पास सरकारों को गिराने की शक्ति है। किसान भिखारी नहीं हैं।
तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के नेताओं ने मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को केंद्र के खिलाफ एक दिवसीय धरना शुरू किया, जिसमें राज्य से 15 लाख टन चावल की खरीद की मांग की गई।
2014 में तेलंगाना में सत्ता में आने के बाद किसानों की फसल का उचित मूल्य दिलाने के लिए दिल्ली में पार्टी की यह पहला विरोध प्रदर्शन है।
पार्टी के सांसद, विधायक, सभी कैबिनेट मंत्री और शहरी और ग्रामीण स्थानीय निकायों के निर्वाचित प्रतिनिधि दिल्ली के तेलंगाना भवन में धरने पर बैठ गए।
तेलंगाना की महिला विधायक और विधान परिषद किसानों के मुद्दे पर दिल्ली में धरना देती हुई। फोटो टीआरएस ट्विटर हैंडल
हाल ही में केंद्र सरकार की खरीद एजेंसी ने तेलंगाना के किसानों का चावल खरीदने से मना कर दिया। इसके बाद टीआरएस ने अपना विरोध तेज कर दिया।
धरने से पहले, टीआरएस ने तेलंगाना भवन और उसके आसपास 'एक राष्ट्र-एक खरीद नीति' और 'किसानों के हितों की रक्षा' के नारों के साथ होर्डिंग और पोस्टर लगाए। केसीआर, जो टीआरएस के अध्यक्ष हैं, पिछले 10 दिनों से दिल्ली में विरोध प्रदर्शन की व्यवस्था के लिए मौजूद हैं। केंद्र ने तेलंगाना के रुख का विरोध किया था। केंद्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में कहा था कि तेलंगाना सरकार ने लिखित में दिया था कि वह भारतीय खाद्य निगम को कच्चे चावल की आपूर्ति करेगी।
केंद्र द्वारा कृषि बाजारों को डीरेगुलेट करने के उद्देश्य से तीन कानूनों को निरस्त करने के लगभग पांच महीने बाद यह विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ है। तेलंगाना राज्य बीजेपी अध्यक्ष कुमार ने शनिवार को आरोप लगाया कि टीआरएस सरकार "धान खरीद पर राजनीति" कर रही है। बिचौलियों को करोड़ों रुपये बनाने की छूट देकर उसने किसानों के गुस्से को केंद्र की ओर जिस तरह मोड़ा है, उससे बड़े पैमाने पर साजिश की बू आती है।