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ट्रम्प-ज़ेलेंस्की टकरावः यूक्रेन-यूएस संबंध, मिनरल्स डील और युद्ध में अब आगे क्या 

ट्रम्प-ज़ेलेंस्की टकरावः यूक्रेन-यूएस संबंध, मिनरल्स डील और युद्ध में अब आगे क्या 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर ज़ेलेंस्की के बीच ओवल ऑफिस में हुई तनावपूर्ण झड़प ने यूक्रेन के भविष्य के संबंधों और रूस के साथ उसके युद्ध को लेकर चिंताएँ बढ़ा दी हैं। अब आगे क्या होगा, ये भी जानिये की दुनिया के नेता और मीडिया क्या कह रहे हैंः

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की के बीच ओवल ऑफिस में हुई तनावपूर्ण झड़प ने यूक्रेन के भविष्य के संबंधों और रूस के साथ उसके युद्ध को लेकर चिंताएँ बढ़ा दी हैं। खनिज समझौता भी लटक गया है।

हालांकि इस घटनाक्रम के बाद यूरोपियन यूनियन और कुछ अन्य देशों ने यूक्रेन का समर्थन किया और उसके साथ खड़े नजर आये। इस मुद्दे पर विशेषज्ञों का कहना है कि यूक्रेन के लिए हालात उसके पक्ष में नहीं हैं। इंटरनेशनल क्राइसिस ग्रुप (आईसीजी) के वरिष्ठ सलाहकार ब्रायन फिनुकन ने एएफपी से कहा कि शुक्रवार की बैठक हमेशा से तनावपूर्ण होने की संभावना थी। उन्होंने कहा, "राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का ओवल ऑफिस में बर्ताव अभूतपूर्व था, लेकिन राष्ट्रपति ट्रम्प के यूक्रेन को अमेरिकी सैन्य समर्थन और रूस के यूक्रेन पर युद्ध के बारे में जो बातें पहले से सामने आ रही थीं, उसे देखते हुए यह पूरी तरह से आश्चर्यजनक नहीं था।"

यूक्रेनी राजनीतिक विश्लेषक व्लादिमीर फेसेनको ने कहा कि ट्रम्प राज में अमेरिकी कार्रवाइयों की एक लंबी सूची पहले से ही थी। जो संबंधों के टूटने की ओर इशारा कर रही थी। उन्होंने कारणों को गिनाया, जिसमें यूक्रेन पर अमेरिकी दबाव, अमेरिकी अधिकारियों द्वारा ज़ेलेंस्की के व्यक्तित्व को बताने का तरीका, यूक्रेन-रूस संघर्ष पर वाशिंगटन का आकलन और युद्धविराम बातचीत के प्रति अमेरिका का आग्रह शामिल है। यह सब दिखाता है कि यह टूटन, यह विस्फोट, देर-सवेर होने वाला था।"

फिनकुन ने कहा- आगे क्या होगा यह स्पष्ट नहीं है, लेकिन यह यूक्रेन के लिए बुरा संकेत है। उन्होंने कहा, "प्रशासन में अफवाहें फैली हुई हैं कि जो हथियार यूक्रेन आने वाले थे, उनकी आपूर्ति कम हो सकती है। इन हथियारों की आपूर्ति को पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने कार्यकाल के अंत में मंजूरी दी थी। ट्रम्प के आते ही अरबों की अतिरिक्त सहायता को पक्का करने के बजाय रोकने की बातें होने लगीं।

  • व्हाइट हाउस की तनावपूर्ण बैठक के बाद फॉक्स न्यूज़ से बात करते हुए, ज़ेलेंस्की ने स्वीकार किया कि अमेरिकी समर्थन के बिना यूक्रेन के लिए रूसी आक्रमणकारी बलों को रोकना "मुश्किल" होगा। जब उनसे पूछा गया कि क्या वो माफी मांगेंगे, ज़ेलेंस्की ने कहा- वो माफी हर्गिज़ नहीं मांगेंगे। आखिर उन्होंने ऐसा क्या किया है जो उन्हें माफी मांगने को कहा जा रहा है। ज़ेलेंस्की ने कहा कि वो अभी भी अमेरिका से अच्छे संबंध चाहते हैं।

यूरोप सहित तमाम देश यूक्रेन के साथ

यूरोपीय नेताओं ने तुरंत यूक्रेन के लिए समर्थन को दोहराया। फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने स्पष्ट रूप से यूक्रेन का समर्थन जारी रखने के महत्व पर जोर दिया। जर्मन चांसलर मर्त्ज ने कहा, "यूक्रेन के लोगों से ज्यादा शांति कोई नहीं चाहता!" इसलिए हम एक निष्पक्ष और स्थायी समाधान खोजने के लिए सहयोग कर रहे हैं।

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने यूक्रेन के साथ एकजुटता व्यक्त की और इसके संघर्ष के व्यापक प्रभावों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा- "उनकी लोकतंत्र, स्वतंत्रता और संप्रभुता के लिए लड़ाई हम सभी के लिए मायने रखती है। कनाडा यूक्रेन और यूक्रेनियाई लोगों के साथ न्यायपूर्ण और स्थायी शांति प्राप्त करने में खड़ा रहेगा।"

हालांकि हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बन ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के रुख की तारीफ की और कहा, "राष्ट्रपति ट्रम्प

शांति के लिए बहादुरी से खड़े रहे। भले ही यह कई लोगों के लिए पचाना मुश्किल था। धन्यवाद, श्रीमान राष्ट्रपति!"

मीडिया ने ट्रम्प की आलोचना की

द गार्जियन ने इस बैठक को "दुनिया को डराने वाला तमाशा" करार दिया। जिसमें मुलाकात को अराजक और तनावपूर्ण बनाने पर जोर दिया गया। रिपोर्ट में उल्लेख किया गया कि बैठक बिना किसी समझौते के समाप्त हुई, जिससे ज़ेलेंस्की खाली हाथ घर लौटे। न्यूज़ एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस ने राष्ट्रपति ट्रम्प के रूस और यूक्रेन के बीच तत्काल युद्धविराम की मांग पर रिपोर्ट की, जिसमें ज़ेलेंस्की को शांति प्रयासों को आगे न बढ़ाने पर अमेरिकी समर्थन खोने की चेतावनी पर प्रकाश डाला गया।

न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा है- अमेरिका-यूक्रेन खनिज समझौता अब ख़तरे में है। इसका अंजाम तक पहुंचना मुश्किल।शुक्रवार की सुबह जब ज़ेलेंस्की यूएस राष्ट्रपति से मिलने की तैयारी कर रहे थे, तो उनके दिमाग में दो बातें थीं: मास्को के साथ बातचीत की मेज पर जगह पाना और भविष्य में रूसी आक्रमण के विरुद्ध सुरक्षा उपायों का भरोसा। लेकिन ट्रम्प ने उन पर पहले ही दबाव बना दिया।

पोलिटिको ने ओवल ऑफिस में हुए टकराव को असाधारण बताया। जिसमें कहा गया कि ट्रम्प और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने ज़ेलेंस्की की आलोचना की। सिर्फ इस वजह से खनिज समझौते पर हस्ताक्षर हुए बिना बैठक अचानक समाप्त हो गई। द सन ने ज़ेलेंस्की को "ग्लोबल नायक" करार दिया, जो "अपने अन्यायग्रस्त देश की एक तानाशाह की युद्ध मशीन के खिलाफ बहादुरी से रक्षा कर रहे हैं।"

अखबार ने लिखा, "डोनाल्ड ट्रम्प और उनके उपराष्ट्रपति द्वारा विश्व के सामने उनकी हरकत एक चौंकाने वाला तमाशा था। ज़ेलेंस्की यूक्रेन के भविष्य को सुरक्षित करने की उम्मीद के साथ वाशिंगटन गए थे, लेकिन उन्हें अपमानित किया गया और बिना खनिज समझौते के घर भेज दिया गया। उनकी हिम्मत और नेतृत्व ने उन्हें उस अपमान से कहीं अधिक सम्मान दिलाया है जो उन्हें लाइव टीवी पर मिला।"

डेली मिरर ने भी इन भावनाओं को दोहराया, इस मुलाकात को ट्रम्प की "धौंस" करार दिया। संपादकीय में कहा गया, "एक अपने देश के अस्तित्व के लिए लड़ रहा है। दूसरा टीवी कैमरों के सामने शो करता है जैसे कि वह 'सर्वेसर्वा' हो।" लेकिन ट्रम्प के डिप्टी भी बच नहीं पाए। द इंडिपेंडेंट ने दावा किया कि वेंस "प्रचार मोड" में थे। उसने इस संघर्ष को "अमेरिकी कूटनीति के इतिहास के सबसे शर्मनाक एपिसोड में से एक" करार दिया। डेली टेलीग्राफ ने लिखा कि व्हाइट हाउस का नेतृत्व "तथ्यात्मक, भू-राजनीतिक और नैतिक रूप से" गलत था। 

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