पंजाब कांग्रेस ने दावा किया है कि आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पंजाब सरकार द्वारा जेड प्लस सुरक्षा दी गई है। कांग्रेस ने कहा है कि इस सुरक्षा को वापस लिया जाना चाहिए।
पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग और कांग्रेस के विधायक सुखपाल सिंह खैरा ने सवाल उठाया कि अरविंद केजरीवाल की सुरक्षा बढ़ाए जाने की क्या जरूरत है, जब उन्हें केंद्र सरकार से पहले ही जेड प्लस सुरक्षा मिली हुई है।
लेकिन पंजाब पुलिस ने इससे इनकार किया है।
अमरिंदर सिंह राजा वडिंग और सुखपाल खैरा ने आरोप लगाया कि पंजाब पुलिस ने अरविंद केजरीवाल को यह कहकर सुरक्षा दे दी है कि केजरीवाल पंजाब में पार्टी के संयोजक हैं। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि ऐसा धोखाधड़ी करके किया गया है क्योंकि अरविंद केजरीवाल आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक हैं ना कि पंजाब इकाई के।
प्रदेश अध्यक्ष ने एक लिस्ट को भी ट्वीट किया है जिसमें जेड प्लस कैटेगरी की सुरक्षा पाने वालों में अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा का भी नाम है। इस लिस्ट में लिखा गया है कि अरविंद केजरीवाल पंजाब में आम आदमी पार्टी के संयोजक हैं।
लिस्ट में पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, प्रकाश सिंह बादल सहित कई नेताओं के नाम हैं।
पंजाब पुलिस का बयान
कांग्रेस के आरोपों पर पंजाब पुलिस के प्रवक्ता ने कहा है कि इस मामले को बेवजह सनसनीखेज बनाने की कोशिश की जा रही है और किसी दूसरे दस्तावेज को गलत तरीके से दिखाया गया है।
पंजाब पुलिस ने कहा है कि जिस दस्तावेज को जारी किया गया है, वह पंजाब पुलिस का आधिकारिक दस्तावेज नहीं है और इसे देखने से साफ पता चलता है कि यह एक टाइप किया हुआ दस्तावेज है और इस पर किसी भी तरह के दस्तखत, मोहर नहीं है और यह दस्तावेज आधिकारिक रूप से प्रमाणित नहीं है।
बता दें कि राजनीति में अपने शुरुआती दिनों में अरविंद केजरीवाल कहते थे कि वह कोई सुरक्षा नहीं लेंगे और कोई गाड़ी, बंगला भी नहीं लेंगे। लेकिन बाद में उन पर अपने वादों से मुकर जाने का आरोप लगा और इसे लेकर वह सोशल मीडिया पर आज भी विपक्षियों के निशाने पर रहते हैं।
पंजाब में कांग्रेस मुख्यमंत्री भगवंत मान को रबर स्टांप बताती रही है और उसका आरोप है कि अरविंद केजरीवाल पंजाब की सरकार को दिल्ली से चला रहे हैं।
चड्ढा को अध्यक्ष बनाने पर विवाद
कुछ दिन पहले ही पंजाब सरकार के द्वारा एक सलाहकार समिति बनाए जाने के फैसले को लेकर राज्य की सियासत में भूचाल आ गया था। राघव चड्ढा को राज्य सरकार की सलाहकार समिति का अध्यक्ष बनाया गया था। इस समिति को यह जिम्मेदारी दी गई थी कि वह प्रशासन और लोगों से जुड़े मुद्दों पर राज्य सरकार को राय देगी। लेकिन पंजाब कांग्रेस ने कहा था कि आम आदमी पार्टी पंजाब के शासन को आउटसोर्स करना चाहती है।
नॉलेज शेयरिंग एग्रीमेंट पर विवाद
इससे पहले अप्रैल में दिल्ली और पंजाब की सरकारों के बीच नॉलेज शेयरिंग एग्रीमेंट को लेकर बवाल हो चुका है। तब पंजाब में विपक्ष ने कहा था कि यह समझौता करके मुख्यमंत्री भगवंत मान ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सामने घुटने टेक दिए हैं।