बेलगाम घोड़ा है सोशल मीडिया, इसे क़ाबू करने के लिए तैयारी ज़रूरी: योगी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि सोशल मीडिया एक बेलगाम घोड़ा है और इसे नियंत्रित करना होगा। मुख्यमंत्री ने यह बात बीजेपी की ओर से शनिवार को लखनऊ में आयोजित आईटी एवं सोशल मीडिया कार्यशाला में कही।
बीजेपी का सोशल मीडिया प्रबंधन बाकी राजनीतिक दलों से बेहतर माना जाता है। बीजेपी सोशल मीडिया के तमाम बड़े प्लेटफ़ॉर्म्स पर काफी सक्रिय है। उत्तर प्रदेश में सात महीने बाद होने जा रहे विधानसभा चुनाव को देखते हुए बाक़ी राजनीतिक दलों ने भी बीजेपी की तरह सोशल मीडिया प्रबंधन को मजबूत किया है। इस क्रम में कांग्रेस ने भी बड़ी संख्या में सोशल मीडिया वॉरियर्स की तैनाती की है।
तुरंत जवाब दें
योगी आदित्यनाथ ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि उत्तर प्रदेश के अंदर कोई घटना होती है तो इस पर अन्य राज्यों व देशों से ट्रायल शुरू हो जाता है और ये लोग ऐसे होते हैं जिनका इस प्रदेश से कोई लेना-देना नहीं होता। उन्होंने आईटी सेल के कार्यकर्ताओं से कहा कि बिना किसी मूहूर्त का इंतजार किए उन्हें तुरंत जवाब देना चाहिए।
योगी ने कहा कि इस बेलगाम घोड़े को नियंत्रित करने के लिए हमारे पास उस प्रकार का प्रशिक्षण और तैयारी बहुत ज़रूरी है।
चुनौती बना सोशल मीडिया
बीजेपी और योगी आदित्यनाथ इस बात को जानते हैं कि उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में सोशल मीडिया पर जिस तरह लोग तेज़ी से सक्रिय हो रहे हैं, अपनी बात को बुलंद आवाज़ में रख रहे हैं, सरकार की नाकामियों की पोल खोल रहे हैं, वह उसके सत्ता में वापस आने की राह मुश्किल कर सकता है। इसलिए बीजेपी चाहती है कि उसका सोशल मीडिया विभाग इतना दुरुस्त हो कि वह तुरंत पलटवार कर सके।
पत्रकारों पर हुए मुक़दमे
निरंकुश सरकारें आवाज़ उठाने वाले लोगों की आवाज़ को दबाने का काम भी करती हैं। उत्तर प्रदेश में कई मामले ऐसे आये जब सरकार के ख़िलाफ़ बोलने वाले पत्रकारों पर मुक़दमे लाद दिए गए, ऐसे में सोशल मीडिया एक बड़ा हथियार है, जो सरकार की नाकामियों को सामने रख सकता है और निश्चित रूप से हर वह सरकार जो कामकाज में फ़ेल रही है, उससे इसे ख़तरा महसूस होता है।
किसी भी राज्य में अगर सरकार का काम सही नहीं है तो इस हाईटेक युग में लोग मोबाइल फ़ोन से ही वीडियो बनाकर उसे वायरल कर देते हैं। ऐसे में सरकारों की चुनौती बढ़ी है।
बीजेपी के पास संसाधनों की कमी नहीं है क्योंकि पिछले सात साल से वह केंद्र की सरकार में काबिज है। इसके अलावा कई राज्यों में उसकी सरकार चल रही है, ऐसे में सोशल मीडिया पर अपने प्रचार के लिए उसके पास कार्यकर्ताओं की बड़ी टीम है और ज़रूरी सारे इंतजाम भी।
सोशल मीडिया नेताओं के लिए आम जनता और कार्यकर्ताओं तक अपनी बात पहुंचाने का बेहद ताक़तवर माध्यम बन चुका है। उसी तरह आम आदमी के लिए अपनी बात सरकार या लोगों तक पहुंचाने में भी इसका अहम रोल है। इसकी अहमियत को देखते हुए ही सरकार और तमाम राजनीतिक दल सोशल मीडिया के कई प्लेटफ़ॉर्म्स पर अपनी मौजूदगी को बढ़ा रहे हैं।