मालदीव ने क्यों लगाई चीन से ज़्यादा पर्यटक भेजने की गुहार?

10:16 pm Jan 09, 2024 | सत्य ब्यूरो

पर्यटन पर भारत के लोगों से झटके का सामना कर रहा मालदीव अब चीन से उम्मीद लगाए हुए है। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने मंगलवार को चीन से द्वीप राष्ट्र में अधिक पर्यटकों को भेजने के प्रयासों को तेज करने की अपील की। मालदीव की अर्थव्यवस्था पर्यटन व्यवसाय पर ही निर्भर है और हाल के वर्षों में सबसे ज़्यादा पर्यटक भारत से जाते रहे हैं। लेकिन भारत और पीएम मोदी को लेकर मालदीव के मंत्रियों द्वारा दिए गए आपत्तिजनक बयान के बाद भारत में सोशल मीडिया पर लोगों ने मालदीव के पर्यटन का एक तरह से बहिष्कार का अभियान चला रखा है।

इसी बीच चीन की आधिकारिक यात्रा पर पहुँचे मुइज्जू फ़ुज़ियान प्रांत में मालदीव बिजनेस फोरम को संबोधित कर रहे थे। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने चीन को मालदीव का निकटतम सहयोगी बताया। उन्होंने कहा, 'चीन हमारे सबसे करीबी सहयोगियों और विकास साझेदारों में से एक बना हुआ है।'

मुइज्जू को चीन की ओर झुकाव वाला नेता माना जाता है। वह राष्ट्रपति बनने से पहले राजधानी माले शहर के मेयर रहे थे। वे चीन के साथ मजबूत संबंधों की वकालत करते रहे हैं। मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति सोलिह 2018 में राष्ट्रपति चुने गए थे। मुइज्जू ने उनपर आरोप लगाया था कि उन्होंने भारत को देश में मनमर्जी से काम करने की छूट दी है। 

राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के सत्ता में आने के बाद पिछले कुछ महीनों में भारत-मालदीव संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं। मुइज्जू ने नवंबर 2023 में राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभाला। लेकिन चुनाव जीतने से पहले से ही वह भारत के खिलाफ़ जहर उगल रहे थे। मुइज्जू के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद मालदीव ने नवंबर महीने में ही भारत को वहाँ से अपने सैनिक हटाने को कहा था। 

मालदीव के नये राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की सरकार ने देश के हाइड्रोग्राफिक सर्वे पर भारत के साथ पिछली सरकार के समझौते को आगे नहीं बढ़ाने का फ़ैसला किया है। यह पहला द्विपक्षीय समझौता है जिसे नवनिर्वाचित मालदीव सरकार आधिकारिक तौर पर समाप्त कर रही है। 

नये चुनाव के बाद मालदीव भारत के साथ क़रीब 100 समझौते की समीक्षा करने की बात कह चुका है।

इन्हीं घटनाक्रमों के बीच प्रधानमंत्री मोदी पिछले हफ्ते लक्षद्वीप की यात्रा पर गए थे और उन्होंने वहाँ की तस्वीरें ट्वीट की थीं। उनकी इस यात्रा को लक्षद्वीप के पर्यटन को बढ़ावा देने के तौर पर देखा गया। इसी बीच मालदीव के तीन मंत्रियों ने पीएम मोदी और भारत के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक ट्वीट किए। 

मालदीव के मंत्रियों के ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएँ आईं। अलग-अलग ट्वीट में कई भारतीयों ने स्क्रीनशॉट साझा कर दावा किया है कि उस मंत्री के ट्वीट के बाद उन्होंने मालदीव में पहले से बुक रिजॉर्ट को रद्द कर दिया है। कुछ लोगों ने ऐसे स्क्रीनशॉट साझा कर लिखा है कि , 'माफ करना, मालदीव। अब हमारा अपना लक्षद्वीप है। मैं आत्मनिर्भर हूँ।' इसके अलावा कई ट्वीट में मालदीव के पर्यटन का बहिष्कार करने की घोषणा की गई है। 

जब यह विवाद बढ़ गया तो मालदीव ने प्रधानमंत्री मोदी की लक्षद्वीप यात्रा के खिलाफ की गई कथित अपमानजनक टिप्पणियों पर तीन मंत्रियों को निलंबित कर दिया है। तीन निलंबित मंत्री- मरियम शिउना, मालशा शरीफ और महज़ूम माजिद हैं।

ऑनलाइन यात्रा बुकिंग पोर्टल-EaseMyTrip-ने मालदीव के लिए उड़ान टिकटों की बिक्री फिलहाल रोक दी है। इससे मालदीव का पर्यटन प्रभावित होने की आशंका है। मालदीव पर्यटन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2023 में कुल पर्यटकों में से भारत से करीब 11.2 फीसदी (18.42 लाख) लोग वहां गए थे। रूस 11.1 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ दूसरे स्थान पर था। कोविड 19 फैलने से पहले 2018 में मालदीव में भारतीय यात्रियों की हिस्सेदारी सिर्फ 6.1 प्रतिशत थी।

बहरहाल, मालदीव की आधिकारिक वेबसाइट पर पोस्ट किए गए एक बयान के अनुसार, 'कोविड से पहले चीन हमारा (मालदीव का) नंबर एक बाजार था, और मेरा अनुरोध है कि हम चीन को इस स्थिति को फिर से हासिल करने के लिए प्रयास तेज करें।'

मुइज्जू ने चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव यानी बीआरआई परियोजना की भी सराहना की और इसमें शामिल होने की इच्छा जताई। दोनों देशों ने हिंद महासागर द्वीप पर एक एकीकृत पर्यटन क्षेत्र विकसित करने के लिए 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर की परियोजना पर हस्ताक्षर किए हैं।