पाकिस्तान की संसद में कल प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होगी। लेकिन इमरान ने उससे पहले पाकिस्तान की अवाम से सड़कों पर उतरने को कहा है।
इमरान खान ने आज इस बात पर जोर दिया कि विदेशी साजिशकर्ता इस्लामाबाद में नेतृत्व बदलना चाह रहे हैं।इमरान ने अपने समर्थकों, पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि मैं योजना बना रहा हूं कि उनका सामना कैसे किया जाए। इंशाल्लाह, आप देखेंगे कि मैं कल उनका सामना कैसे करूंगा। मैं चाहता हूं कि मेरे लोग सतर्क रहें, जिंदा रहें। अगर यह कोई और देश होता जहां ऐसी चीजें हो रही थीं, तो लोग सड़कों पर चले गए होते। मैं आप सभी से आज और कल सड़कों पर आने का आह्वान करता हूं। आपको अपने विवेक के लिए, इस देश के हित में ऐसा करना चाहिए। आपको अपने बच्चों के भविष्य के लिए सड़कों पर उतरना चाहिए। आप सभी को बाहर जाना चाहिए और दिखाना चाहिए कि आप सतर्क हैं। खान ने एक न्यूज चैनल पर लोगों को संबोधित करते हुए यह बात कही।
उन्होंने पाकिस्तान के युवाओं से आंदोलन करने और बाहरी ताकतों की साजिश के खिलाफ आवाज उठाने का भी आग्रह किया। उन्होंने दावा किया कि विपक्षी नेता अपने खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों को निपटाने के लिए सत्ता की मांग कर रहे हैं। विपक्ष को भरोसा है कि उसका प्रस्ताव पारित किया जाएगा क्योंकि सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के कई सांसद प्रधानमंत्री खान के खिलाफ खुलकर सामने आए हैं। हालांकि, खान ने इस प्रस्ताव के विफल होने पर विश्वास जताया है।
पाकिस्तान के वज़ीर-ए-आज़म इमरान खान ने कहा कि उनकी जान को खतरा है। अपनी हुकूमत के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से ठीक पहले इमरान ने पाकिस्तानी न्यूज़ चैनल एआरवाई न्यूज़ को दिए इंटरव्यू में यह बात कही है। इमरान ने कहा है कि वह खामोश नहीं बैठेंगे।इमरान की कयादत वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ यानी पीटीआई की हुकूमत के खिलाफ 3 अप्रैल को पाकिस्तान की नेशनल एसेंबली में वोटिंग होनी है। विपक्ष ने इमरान को बुरी तरह घेर लिया है और माना जा रहा है कि इमरान की हुकूमत का जाना अब तय है।
इमरान ने इंटरव्यू में कहा कि उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की साजिश बीते साल अगस्त में लंदन में शुरू की गई थी, कौन-कौन किससे मिला है, एजेंसियों के पास इसकी पूरी रिपोर्ट है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को सबसे ज्यादा नुकसान नवाज़ शरीफ ने पहुंचाया।वज़ीर-ए-आज़म ने कहा कि विदेशी ताकतें पाकिस्तान की हुकूमत में ऐसे नेताओं को चाहती हैं जो उनके सामने हाथ फैलाए और हाथ जोड़े। इमरान ने कहा कि उनके सामने तीन विकल्प रखे गए थे, पहला- अविश्वास प्रस्ताव, दूसरा- जल्दी चुनाव और तीसरा- वज़ीर-ए-आज़म के पद से इस्तीफा। ऐसे में उन्होंने कहा कि चुनाव बेहतरीन तरीका है और वह इस्तीफा नहीं देंगे।
खेलों की दुनिया में नाम कमाने के बाद सियासत में आने वाले इमरान ने इंटरव्यू में आगे कहा कि वह अविश्वास प्रस्ताव का मुकाबला करेंगे, आखिरी गेंद तक लड़ेंगे और पाकिस्तान की कौम अविश्वास प्रस्ताव के हक में वोट डालने वालों की शक्ल याद रखेगी। इमरान ने कहा कि वह कभी फौज के खिलाफ बात नहीं करेंगे।उन्होंने कहा कि वह पाकिस्तान की अवाम को बताना चाहते हैं कि उनकी जान को खतरा है। उन्होंने पाकिस्तान की अवाम से अपील की कि वह आने वाले चुनाव में उनकी पार्टी को बहुमत दे जिससे उन्हें समझौते न करने पड़ें।