ईरान में महिलाओं के आंदोलन को कुचलने के खिलाफ विरोध दर्ज कराने के लिए इटली के विदेश मंत्री एंटोनियो ताज़ानी ने ईरान के राजदूत को तलब किया। इटली ने कहा कि ईरान में जिस तरह से मानवाधिकारों का हनन हो रहा है, वो हमे अस्वीकार्य है। इटली पहला देश है जिसने ईरान के राजदूत को तलब कर विरोध दर्ज कराया है।
एएफपी की खबर के मुताबिक ईरानी राजदूत नामित मोहम्मद रजा सबौरी को बुधवार को बुलाया गया था। इटली के विदेश मंत्रालय ने मीडिया को एक नोट में कहा है।
विदेश मंत्री ताजानी ने इससे पहले ईरान की स्थिति को "अस्वीकार्य शर्म" के रूप में बताते हुए निंदा की थी। ऐसा पहली बार है कि रोम ने इस मुद्दे पर कड़ी लाइन ली है। उन्होंने कहा कि नई इतालवी प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी की सरकार तेहरान के साथ विशेष रूप से ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर "कूटनीति के लिए दरवाजा खुला रखना" चाहती है। लेकिन हम वहां मानवाधिकारों के उल्लंघन को नहीं देख सकते।
ईरान में ड्रेस कोड का उल्लंघन करने पर मॉरल पुलिस ने 22 साल की ईरानी कुर्द महसा अमीनी को हिरासत में लिया था, जिसकी 16 सितंबर को मौत हो गई। हालांकि महसा अमीनी की मौत हिरासत में सदमे से हुई थी लेकिन ईरान के प्रदर्शनकारी इसे हत्या बता रहे हैं। महसा अमीनी की मौत के बाद ईरान में सरकार विरोधी प्रदर्शन उग्र होते चले गए।
हाल ही में ईरान ने विरोध प्रदर्शनों के सिलसिले में एक दूसरे कैदी मजिद रज़ा रहनावरद को फांसी दे दी थी। दूसरों को चेतावनी के तौर पर माजिद के शव को एक क्रेन से लटका दिया गया था। ईरानी अधिकारियों ने आरोप लगाया कि माजिद रजा रहनावरद ने ईरान के अर्धसैनिक बल के दो सदस्यों को चाकू मार दिया था। जिसमें दोनों की मौत हो गई थी।
शेखरी और रहनावरद दोनों को आरोपित किए जाने के एक महीने से भी कम समय में फांसी दी गई है। प्रदर्शनों के दौरान हिंसा करने वालों और उस दौरान सरकारी कर्मचारियों की हत्या के कथित अपराधों के लिए ईरान मौत की सजा दे रहा है। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि बंद कमरे में हुई अदालत की सुनवाई में कम से कम एक दर्जन लोगों को मौत की सजा सुनाई गई है।
ईरान में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के अनुसार, एक कठोर सुरक्षा कार्रवाई के बीच प्रदर्शनों में कम से कम 495 लोग मारे गए हैं। अधिकारियों द्वारा 18,200 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है।