बंधकों की मदद की चीख को इज़राइली सैनिकों ने हमास का हमला समझा था

12:20 pm Dec 29, 2023 | सत्य ब्यूरो

इज़राइली सैनिकों ने आख़िर ग़ज़ा में बंधकों को कैसे गोली मार दी थी? इसको लेकर सैन्य जाँच में स्थिति साफ़ की गई है। गुरुवार को प्रकाशित एक सैन्य जांच में कहा गया है कि इजराइली सैनिकों ने मदद के लिए पुकार को नजरअंदाज कर दिया था जब वे गलती से कुछ दिन पहले गजा की एक इमारत में घुस गए और तीन बंधकों को मार डाला।

जांच में कहा गया है कि सैनिकों ने 10 दिसंबर को हिब्रू में 'बंधकों' को चिल्लाते हुए भी सुना था, लेकिन इसे हमास के गुर्गों द्वारा उन्हें घात लगाकर हमले करने के लिए लुभाने का आतंकवादियों का प्रयास समझा गया। इसमें कहा गया है कि यह मानते हुए कि इमारत विस्फोटकों से भरी हुई है, सैनिक बाहर निकल गए और भागने की कोशिश कर रहे पांच हमास कार्यकर्ताओं को मार डाला।

एएफ़पी की रिपोर्ट के अनुसार जांच में कहा गया है कि इसके बाद शायद बंधक भी इमारत से भाग गए और 15 दिसंबर को इजराइली सैनिकों ने ग़लती से उन्हें ख़तरा समझकर उन्हें गोली मार दी। दो की तुरंत मौत हो गई। जाँच में कहा गया कि तीसरा बंधक भाग गया और उसकी पहचान करने के लिए सैनिकों को गोली चलाने का आदेश दिया गया।

मदद की चीखें और 'वे मुझ पर गोली चला रहे हैं' सुनकर इजराइली कमांडरों ने जीवित बंधक को सैनिकों की ओर बढ़ने के लिए कहा। लेकिन पास के टैंक के शोर के कारण आदेश नहीं सुनने वाले दो सैनिकों ने उसे गोली मार दी। तीनों बंधक बिना शर्ट के थे और एक के हाथ में सफेद झंडा था।

रायटर्स की रिपोर्ट के अनुसार बयान में कहा गया है कि सेना प्रमुख जनरल हर्ज़ी हलेवी ने मानक संचालन प्रक्रियाओं का पालन करने के अत्यधिक महत्व पर जोर दिया है। उन्होंने कहा, 'ऐसी स्थिति में जहां कोई तत्काल खतरा नहीं है और पहचान स्पष्ट दुश्मन की नहीं है, मौका देखते हुए गोली चलाने से पहले एक पल की जांच करने की जरूरत है।'

गजा शहर के शेजैया इलाके में इजराइली सैनिकों के पास पहुंचने पर तीन बंधकों की हत्या ने इजराइलियों को हिलाकर रख दिया।

जाँच में पाया गया कि भीषण लड़ाई के दौरान ऐसी कोई खुफिया जानकारी नहीं थी जो यह दर्शाती हो कि बंधकों को उन इमारतों में रखा जा रहा था जहां सैनिकों को भारी गोलीबारी का सामना करना पड़े।

सेना ने कहा कि फुटेज से पता चलता है कि बंधकों ने अपनी शर्ट उतार दी थी और उनमें से एक सफेद झंडा लहरा रहा था, लेकिन उनके शवों की जांच के बाद ही उनकी पहचान बंधक के रूप में की गई। हलेवी ने कहा, 'आईडीएफ इस घटना में बंधकों को छुड़ाने के अपने मिशन में विफल रहा। कमांड की पूरी श्रृंखला इस कठिन घटना के लिए ज़िम्मेदार मानती है, इस परिणाम पर पछतावा करती है, और तीन बंधकों के परिवारों के दुःख में भागीदार है।'

बता दें कि नवंबर में एक सप्ताह के संघर्ष विराम के दौरान 110 अन्य की रिहाई के बाद गजा में रह गए 100 से अधिक बंधकों की रिहाई के लिए समझौता करने के लिए इजराइली सरकार पर दबाव बढ़ रहा है। संघर्ष विराम के दौरान हमास ने इजराइली जेलों में बंद फिलिस्तीनी महिलाओं और किशोरों की रिहाई के बदले में गज़ा में बंद 100 से अधिक महिलाओं, बच्चों और विदेशियों को रिहा कर दिया।

इजराइली आंकड़ों के आधार पर इजराइल में 7 अक्टूबर को हमास के हमलों के दौरान लगभग 250 लोगों को बंधक बना लिया गया था, क़रीब 1,140 लोगों की मौत हो गई, जिनमें ज्यादातर नागरिक थे। क्षेत्र की हमास सरकार का कहना है कि युद्ध में कम से कम 21,320 लोग मारे गए हैं, जिनमें अधिकतर महिलाएं और बच्चे हैं।