कुख्यात आतंकवादी संगठन इसलामिक स्टेट (आईएसआईएस) के सरगना अबू अल-बकर बग़दादी के मारे जाने की संभावना जताई गई है। ख़बरों के मुताबिक़, अमेरिकी सेना ने सीरिया में बग़दादी को निशाना बनाया है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर रहा है कि अभी कुछ बहुत बड़ा हुआ है। ट्रंप के ट्वीट को बग़दादी को निशाना बनाये जाने से जोड़कर देखा जा रहा है। बताया जा रहा है कि ट्रंप इस बारे में कोई घोषणा कर सकते हैं।
अमेरिकी मीडिया में आई ख़बरों के मुताबिक़, एक अमेरिकी अधिकारी ने न्यूज़ एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि बग़दादी को शनिवार शाम को सीरिया के इदलीब प्रांत में निशाना बनाया गया। अधिकारी ने कहा कि बग़दादी के मारे जाने की पुष्टि अभी नहीं हुई है।
कुछ ही महीने पहले आईएस की ओर से एक वीडियो जारी किया गया था जिसमें दिख रहे एक शख़्स के बग़दादी होने का दावा किया गया था। वीडियो में बग़दादी इस्लामिक स्टेट को हुए नुक़सान का बदला लेने की बात कहता दिखाई दिया था। इस वीडियो में बग़दादी इस बात को स्वीकार करता है कि आईएस का मज़बूत गढ़ बग़ुज उसके हाथ से निकल गया है। इस वीडियो को इस्लामिक स्टेट के मीडिया नेटवर्क अल-फ़ुरक़ान की ओर से पोस्ट किया गया था। यहाँ यह बताना ज़रूरी होगा कि 2014 के बाद से बग़दादी को कहीं नहीं देखा गया है।
ख़बरों के मुताबिक़, 2014 में आईएस ने इराक़ और सीरिया के अपने क़ब्जे वाले इलाक़ों में 'ख़िलाफ़त' यानी इस्लामिक राज्य बनाने की घोषणा की थी। संगठन ने अपने मुखिया बग़दादी को 'ख़लीफ़ा' घोषित किया था।
बग़दादी मूल रूप से इराक़ का रहने वाला है और उसका असली नाम इब्राहिम अव्वाद इब्राहिम अल-बदरी है। पिछले साल अगस्त में भी एक ऑडियो रिकार्डिंग में उसकी आवाज़ सुनने में आई थी।
बता दें कि सीरिया में आतंकियों के ख़िलाफ़ लंबी लड़ाई चली थी। अमेरिका की नाटो सेना ने आतंकियों को हराया था। कुछ साल पहले तक सीरिया और इराक़ के बड़े हिस्से पर आईएस का क़ब्जा था और यह संगठन तब काफ़ी मज़बूत हुआ करता था। लेकिन कुछ साल पहले इराक़ का मोसुल आईएस के हाथ से निकल गया था और 2017 में सीरिया के रक़्क़ा से भी उन्हें खदेड़ दिया गया था।
हाल ही में श्रीलंका में चर्च और होटलों में हुए सीरियल धमाकों की ज़िम्मेदारी भी आईएस ने ली थी। इस आतंकवादी संगठन ने अपनी पत्रिका अमक़ में यह दावा किया था कि कोलंबो और श्रीलंका के दूसरे शहरों में चर्चों और होटलों पर धमाके उसके संगठन से जुड़े लोगों ने किए हैं।
बता दें कि पहले भी कई बार बग़दादी के मारे जाने की ख़बर सामने आ चुकी है, लेकिन इसकी पुष्टि कभी नहीं हो पाई है। इस बार भी बग़दादी के मारे जाने को लेकर जब तक आधिकारिक रूप से कोई स्पष्ट बयान सामने नहीं आता, तब तक इसकी पुष्टि नहीं की जा सकती और इसीलिए अभी बग़दादी की मौत को लेकर सस्पेंस बना हुआ है।